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मसौढ़ी : छात्र को प्राचार्य ने पीटा, हालत गंभीर
मसौढ़ी : धनरूआ के पभेड़ी मोड़ स्थित आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले सातवीं कक्षा के छात्र को अपने सहपाठी के साथ झगड़ा करने पर विद्यालय के प्राचार्य ने न केवल उसकी बेरहमी से पिटाई की, बल्कि उससे जबरन करीब 250 बार सपाटे मरवाया. इससे छात्र की हालत बिगड़ गयी और वह बेहोश गया. बाद में […]
मसौढ़ी : धनरूआ के पभेड़ी मोड़ स्थित आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले सातवीं कक्षा के छात्र को अपने सहपाठी के साथ झगड़ा करने पर विद्यालय के प्राचार्य ने न केवल उसकी बेरहमी से पिटाई की, बल्कि उससे जबरन करीब 250 बार सपाटे मरवाया.
इससे छात्र की हालत बिगड़ गयी और वह बेहोश गया. बाद में उसके दोनों हाथ व छाती सूज गयी. इतना होने के बाद भी प्राचार्य को उस पर दया नहीं आयी और उसने छात्र का बगैर इलाज कराये करीब एक सप्ताह तक उसी हालत में उसे स्कूल हॉस्टल में रखे रखा. विद्यालय प्राचार्य की इस करतूत का पता तब चला जब मंगलवार को छात्र की नानी उससे मिलने स्कूल पहुंची.
फिलहाल छात्र का मसौढ़ी के एक निजी नर्सिंग होम में प्राथमिक उपचार करा बेहतर इलाज के लिए पटना के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है.
इधर, इस संबंध में छात्र के चाचा धनरूआ के पथरहट गांव निवासी बबलू कुमार के बयान पर विद्यालय के प्राचार्य प्रमोद कुमार के खिलाफ बुधवार को धनरूआ थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. जानकारी के मुताबिक धनरूआ के पथरहट गांव निवासी संजीव कुमार का 15 वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार बीते एक वर्ष से पभेड़ी मोड़ स्थित आवासीय विद्यालय ज्ञान सागर पब्लिक स्कूल में पढ़ रहा है.
सहपाठी से झगड़ा होने पर की िपटाई
आरोप है कि बीते 10 अक्टूबर को अभिषेक का अपने ही कक्षा के छात्र से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया. इधर, इसकी जानकारी जब विद्यालय के प्राचार्य प्रमोद कुमार को हुई तो वह गुस्से में आकर पहले तो अभिषेक की बांस की छड़ी से पिटाई की फिर उसे सजा के रूप में उससे 250 बाद सपाटे मरवाया गया. इधर, घटना के बाद से आरोपित प्राचार्य विद्यालय से फरार हो गया है.
विद्यालय के प्राचार्य का पक्ष जानने की कोशिश की गयी तो उसका मोबाइल उसके छोटे भाई नवीन कुमार ने उठाया और बताया कि विद्यालय प्राचार्य पर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद और सत्य से परे हैं. छात्र अभिषेक जब नानी के साथ स्कूल से गया था तब वह बिल्कुल ठीक हालत में था. नानी घर जाने के बाद क्या हुआ उसकी जवाबदेही विद्यालय प्रशासन की नहीं है.
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