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पटना : डेंगू का भय दिखा कर मरीजों को लूट रहे प्राइवेट अस्पताल

पैसे के चक्कर में वायरल फीवर को भी बता रहे हैं डेंगू पटना : ‘सर, मुझे बुखार आया तो बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में डॉक्टर से चेकअप कराने पहुंचा था. जांच में प्लेटलेट्स की कमी दिखी, तो डॉक्टर ने डेंगू की आशंका जाहिर की. कुछ दिन भर्ती रखने के बाद मुझे लंबा-चौड़ा बिल थमा […]

पैसे के चक्कर में वायरल फीवर को भी बता रहे हैं डेंगू
पटना : ‘सर, मुझे बुखार आया तो बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में डॉक्टर से चेकअप कराने पहुंचा था. जांच में प्लेटलेट्स की कमी दिखी, तो डॉक्टर ने डेंगू की आशंका जाहिर की. कुछ दिन भर्ती रखने के बाद मुझे लंबा-चौड़ा बिल थमा दिया. लेकिन बुखार ठीक नहीं हुआ, जब मैंने दूसरे डॉक्टर को दिखाया, तो पता चला कि वायरल फीवर था. इसी वजह से प्लेटलेट्स भी कम हुए थे. साहब कुछ डॉक्टर डेंगू का डर दिखा कर मरीजों को लूट रहे हैं, प्लीज, इस मामले में आप एक्शन लीजिए.’
इस तरह की कुछ लिखित शिकायतें सिविल सर्जन व मलेरिया विभाग के ऑफिस में दी जा रही हैं. पिछले 10 दिनों में इसी प्रकार की शिकायतें मलेरिया विभाग के समक्ष 4-5 मरीजों ने की है. अधिकारियों ने उनको आश्वस्त किया है कि वह संबंधित चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. शहर में वर्तमान में करीब 800 से अधिक निजी अस्पताल व क्लिनिक संचालित हो रहे हैं. वहीं करीब 400 झोलाछाप डॉक्टर भी गली-मोहल्लों में दुकान जमाये बैठे हैं.
जांच में प्लेटलेट्स कम आते ही कर देते हैं भर्ती : शहर के कुछ निजी अस्पतालों के चिकित्सक व झोला छाप डॉक्टरों ने डेंगू के डर को कमाई का जरिया बना लिया है.
इन दिनों डॉक्टरों के पास पहुंचने वाला हर दूसरा मरीज बुखार से पीड़ित आ रहा है. ऐसे में झोला छाप डॉक्टर एवं कुछ निजी अस्पताल सबसे पहले मलेरिया एवं डेंगू की जांच कराते हैं. इलाज शुरू होने के पहले ही सीबीसी एवं डेंगू की जांच के नाम पर मरीज का हजार रुपये का खर्च हो जाता है. इसके बाद जांच में प्लेटलेट्स कम आते ही डेंगू या मलेरिया की आशंका जताते हुए भर्ती करके इलाज शुरू हो जाता है.
प्लेटलेट्स घटने का दिखा रहे डर
निजी अस्पताल केवल रैपिड टेस्ट के आधार पर मरीजों को डेंगू पीड़ित बता रहे हैं. साथ ही प्लेटलेट्स घटने पर भी डेंगू होने का डर दिखाया जा रहा है. जबकि, सामान्य वायरल बुखार में भी यह स्थिति हो सकती है. जबकि, विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया कि मरीजों को चाहिए कि बिना एलाईजा टेस्ट करवाये, वे ऐसे किसी भी भ्रम का शिकार न हों. शहर के सिर्फ चार बड़े अस्पताल ही डेंगू के मरीजों का डाटा उपलब्ध करा रहे हैं.
खुद की जांच रिपोर्ट पर विश्वास
मरीजों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के प्राइवेट अस्पताल सरकारी अस्पतालों की जांच रिपोर्ट नहीं मानते हैं. रिपोर्ट के आधार पर वह डेंगू नहीं, बल्कि वायरल फीवर समझ कर भर्ती कर लेते हैं और बाद में वह डेंगू की आशंका बता कर खुद के लिखित पैथोलॉजी सेंटर पर जांच को भेजते हैं. यही वजह है कि पूरे बिहार में अब तक सिर्फ 308 डेंगू व 112 चिकनगुनिया के मरीजों की पहचान हुई है. यह डाटा सिर्फ सरकारी अस्पतालों का है.
– प्राइवेट अस्पताल नहीं भेज रहे डेंगू
मरीजों का डाटा : डेंगू की इतनी शिकायतों के बावजूद निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों का कोई डाटा सिविल सर्जन के पास उपलब्ध नहीं है. प्राइवेट अस्पताल अपने यहां भर्ती मरीजों की जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय को नहीं भेज रहे हैं. वहीं, विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
डेंगू के नाम पर अगर लूट हो रही है तो मरीज लिखित में शिकायत करें कार्रवाई जरूर की जायेगी. वहीं प्राइवेट अस्पतालों को मरीजों की जानकारी देना अनिवार्य है. इतना ही नहीं जो अस्पताल डेंगू मरीजों की जानकारी नहीं भेज रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जायेगी. जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से लेटर भी जारी किया गया है, अगर रिपोर्ट नहीं मिलेगी तो कार्रवाई तय है.
– डॉ पीके झा, सिविल सर्जन
– पीएमसीएच : डेंगू के 40 और मरीज मिले : डेंगू का डंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को पीएमसीएच में फिर 40 नये मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. इसमें अकेले सिर्फ पीएमसीएच में 31 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. इसके अलावा नालंदा जिले में तीन, औरंगाबाद में एक, वैशाली में दो, नवादा में एक, मधुबनी में एक और सीवान जिले में एक डेंगू के मरीज मिले हैं. इन 40 मरीजों के साथ अकेले पीएमसीएच के वायरोलॉजी लैब में अब तक 348 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, एनएमसीएच में डेंगू के दो मरीजों का इलाज चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है. डेंगू मरीजों को मेडिसिन विभाग में भर्ती कराया गया है.
पटना : चपेट में आये डॉक्टर व पुलिसकर्मी
पटना : पटना में डॉक्टर, निगमकर्मी व महिला डीपीओ की जान ले चुका डेंगू ने आम जनता ही नहीं बल्कि पुलिस विभाग में भी खौफ पैदा कर दिया है. पीएमसीएच की बायरोलॉजी लैब में अब तक जांच को लिये गये सैंपल में 12 पुलिस जवानों के भी हैं. इनमें से कुछ पुलिस जवान पटना के पुलिस कॉलोनी में रहते हैं. वहीं, कुछ पुलिस जवान इसकी चपेट में हैं.
इसको देखते हुए पुलिस के उच्च अधिकारियों ने पुलिस कॉलोनी, थाने, पुलिस आवासीय परिसर व कार्यालयों में मच्छरों से बचाव को लेकर आवश्यक निर्देश दिये हैं. पीएमसीएच परिसर में नहीं हो रहा दवा का छिड़काव : डेंगू के खौफ से पीएमसीएच में रहने वाले डॉक्टर, कर्मचारी और मरीज तीनों भयभीत हैं. परिसर में इन दिनों मच्छरदानी का प्रयोग बढ़ गया है.
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि पीएमसीएच परिसर में रहने वाले तीन डॉक्टर, पांच स्वास्थ्य कर्मचारी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. परिसर में रहने वाले लोगों का आरोप है कि अब तक एक बार भी फॉगिंग व कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया है. नतीजन डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी डेंगू की चपेट में आ रहे हैं.

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