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पटना : खत्म रोशनी में आयेगा ”उजाला”
पटना : पश्चिम चंपारण के 66 वर्षीय बनारसी ठाकुर के स्याह जीवन में अब उजाला लौट आयेगा. बीमारी के बाद इनकी आंखों की रोशनी खत्म हो गयी थी. सोमवार को पीएमसीएच में कॉर्निया के प्रत्यारोपण से इनकी जिंदगी में खुशियां लौटायी गयीं. अब बनारसी दुनिया व अपनों को अपनी नजर से देख सकेंगे. सोमवार को […]
पटना : पश्चिम चंपारण के 66 वर्षीय बनारसी ठाकुर के स्याह जीवन में अब उजाला लौट आयेगा. बीमारी के बाद इनकी आंखों की रोशनी खत्म हो गयी थी. सोमवार को पीएमसीएच में कॉर्निया के प्रत्यारोपण से इनकी जिंदगी में खुशियां लौटायी गयीं. अब बनारसी दुनिया व अपनों को अपनी नजर से देख सकेंगे. सोमवार को पीएमसीएच में कॉर्निया यह पहला सफल प्रत्यारोपण हुआ. इसके पहले यह व्यवस्था केवल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में थी. इसके साथ ही यहां आई बैंक की भी स्थापना की गयी है. इसका उद्घाटन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने किया.
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के आई बैंक ने पीएमसीएच को कॉर्निया दिया. इसके बाद पहला प्रत्यारोपण आईजीआईएमएस के नेत्र रोग विभाग के हेड डॉ विभूति प्रसाद सिन्हा व डॉ निलेश मोहन की देखरेख में किया गया. वहीं, सर्जरी पीएमसीएच के आई बैंक की इंचार्ज व सीनियर रेजीडेंट डॉ ममता ने की. डॉ ममता ने कहा कि
पांच डॉक्टरों की टीम लगायी गयी थी. करीब डेढ़ घंटे में ट्रांसप्लांट किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा. एक सप्ताह के अंदर मरीज की आंखों की रोशनी लौट आयेगी. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच में कॉर्निया ट्रांसप्लांट पूरी तरह से नि:शुल्क किया जायेगा. अब पीएमसीएच सूबे का दूसरा सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां कॉर्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा होगी. पहले यह सुविधा सिर्फ आईजीआईएमएस में थी.
कॉर्निया में आयी खराबी के कारण यदि आंख की रोशनी चली जाती है, तो केराटोप्लास्टि तकनीक या लैमेलर केरोटोप्लास्टि तकनीक से कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया जायेगा. नेत्रदान करनेवाले किसी व्यक्ति की मौत के कुछ घंटे बाद तक कॉर्निया स्वस्थ रहता है, जिसका नेत्रहीन व्यक्ति में आसानी से प्रत्यारोपण किया जा सकता है.
डॉ ममता,सीनियर रेजीडेंट, पीएमसीएच
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