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तीस करोड़ बकाया, हर साल तीन करोड़ की हानि

वर्षों से विज्ञापन एजेंसियां निगम को लगा रही हैं करोड़ों का चूना पटना : शहर में अभी भी साढ़े तीन हजार से अधिक विज्ञापन होर्डिंग लगी हैं. जबकि, विज्ञापन लगाने वाली इन कंपनियों का निगम के साथ किये गये अनुबंध की अवधि दो साल पहले ही खत्म हो चुकी है. इस तरह निगम को पिछले […]

वर्षों से विज्ञापन एजेंसियां निगम को लगा रही हैं करोड़ों का चूना
पटना : शहर में अभी भी साढ़े तीन हजार से अधिक विज्ञापन होर्डिंग लगी हैं. जबकि, विज्ञापन लगाने वाली इन कंपनियों का निगम के साथ किये गये अनुबंध की अवधि दो साल पहले ही खत्म हो चुकी है. इस तरह निगम को पिछले दो साल में पांच से छह करोड़ की राजस्व की हानि हाे रही है.
बता दें कि सालाना निगम को होर्डिंग्स से ढाई से तीन करोड़ की राजस्व की हानि हो रही है. जबकि, कंपनियों को इतने ही रुपये का फायदा हो रहा है. दिलचस्प बात यह है कि विज्ञापन एजेंसियों पर इससे पहले के सालों के तीस करोड़ से अधिक की देनदारी बकाया है.
नगर निगम इस पैसे काे चाह कर भी वसूल नहीं पा रहा है. हालांकि, नगर निगम ने अब इन होर्डिंग्स को हटाने की रणनीति बना रहा है. हालांकि, इस रणनीति पर प्रभावी अमल अभी बाकी है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक दो साल से इन निगम क्षेत्र के सरकारी भूखंडों व सड़कों के किनारे 3500 से अधिक विज्ञापन होर्डिंग्स लगी हैं, जो बिना निगम की अनुमति से लगी हैं. ये अवैध विज्ञापन होर्डिंग्स शहर के लिए बेहद खतरनाक भी हैं.
आंधी और बरसात में अक्सर ये गिर जाती हैं. इससे कई बार नुकसान भी हो चुका है. इन अवैध होर्डिंग्स से शहर की यातायात व्यवस्था भी बाधित हो रही है. कई जगहों पर ये सड़क के एकदम किनारे लगाये गये हैं. फिलहाल विज्ञापन एजेंसियां निगम राजस्व को चूना लगा कर मोटी रकम बटोर रही हैं. अब नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने चारों अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया हैं कि अपने-अपने क्षेत्र में अभियान चला कर चिह्नित अवैध विज्ञापन होर्डिंग्स हटाना सुनिश्चित करें.
विज्ञापन एजेंसियों पर 33 करोड़ है बकाया
निगम में 67 से अधिक विज्ञापन एजेंसियां निबंधित है. इन निबंधित विज्ञापन एजेंसियों को ही निगम क्षेत्र में आवंटित स्थलों पर विज्ञापन होर्डिंग लगानी हैं. हालांकि, इन एजेंसियों का प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण भी किया जाता है. ताकि, निगम राजस्व की प्राप्ति हो सके. लेकिन, विज्ञापन एजेंसियों ने वर्ष 2009 से नवीनीकरण में ढील दे रखी है.
एक तरह से उनकी तरफ से नवीनीकरण की प्रक्रिया की खानापूर्ति की जा रही है. इससे वर्ष 2010-11 तक विज्ञापन एजेंसियों पर 10 करोड़ बकाया था, जो वर्ष 2015-16 तक बढ़ कर 33 करोड़ हो गया है. वर्ष 2016 के बाद से एक भी विज्ञापन होर्डिंग की नवीनीकरण नहीं किया गया है. इससे वर्तमान समय में एक भी विज्ञापन होर्डिंग्स वैध नहीं है.
बेली रोड व फ्रेजर रोड से हटायी गयी होर्डिंग
नूतन राजधानी अंचल क्षेत्र के बेली रोड और फ्रेजर रोड पर पिछले एक सप्ताह से अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के दौरान छोटे-बड़े सभी विज्ञापन होर्डिंग्स हटायी जा रही हैं.
वहीं, सीसीटीवी कैमरे लगे होर्डिंग से भी विज्ञापन पोस्टर हटाये जा रहे हैं. संबंधित एजेंसियां दोबारा विज्ञापन पोस्टल लगा दे रही हैं. इससे बेली रोड पर एक-दो होर्डिंग्स पर विज्ञापन पोस्टर रविवार को भी दिख रहा था. वहीं, बोरिंग कैनाल रोड, बोरिंग रोड, कंकड़बाग मेन रोड, पुराना बाईपास रोड, न्यू बाईपास रोड, कुम्हरार सहित दर्जनों सड़कें हैं, जहां खतरनाक अवैध विज्ञापन होर्डिंग्स लगी हैं.
हटाये जायेंगे प्राइवेट जमीन पर लगे विज्ञापन
प्राइवेट भूखंडों व मकानों की छत पर विज्ञापन होर्डिंग्स लगाने को लेकर निगम से अनुमति लेना अनिवार्य है. लेकिन, बिना अनुमति लिये ही विज्ञापन होर्डिंग्स लगी हैं.
प्राइवेट भूखंडों व छत पर लगी विज्ञापन होर्डिंग्स को दूसरे चरण में अभियान चला कर हटाया जायेगा. निगम प्रशासन ने बताया कि पहले चरण में सिर्फ सरकारी व सड़क किनारे लगी विज्ञापन होर्डिंग्स को हटाने की कार्रवाई की जा रही है. वहीं, दूसरे चरण में प्राइवेट भूखंडों पर लगी होर्डिंग्स को हटाने की कार्रवाई की जायेगी.

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