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सचिवालय सेवा के विभिन्न पदों के पुनर्गठन से बदलेगी तस्वीर
पटना : समय के साथ विभिन्न विभागों में काम का दबाव भी बढ़ा है. सरकार भी यह बात मान रही है. सरकार की ओर से चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को समय पर पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं है. सरकारी योजनाओं का लगातार विस्तार हुआ है. इसके अनुरूप विभागों में स्टाफ […]
पटना : समय के साथ विभिन्न विभागों में काम का दबाव भी बढ़ा है. सरकार भी यह बात मान रही है. सरकार की ओर से चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को समय पर पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं है. सरकारी योजनाओं का लगातार विस्तार हुआ है. इसके अनुरूप विभागों में स्टाफ की भर्ती नहीं हो पायी है.
बिहार सचिवालय सेवा के विभिन्न पदों का पुनर्गठन आठ साल पहले किया गया था. वर्तमान समय में विभागों के कार्यभार में कई गुणा वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं, सरकार के सात निश्चय, सूचना का अधिकार, जन शिकायत के मामले तथा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत भी तमाम काम बढ़ गये हैं. ऐसी स्थिति में सरकार ने शानदार निर्णय लिया. सरकार ने तय किया है कि ऐसे विभाग व कार्यालय, जहां बिहार सचिवालय सेवा संवर्ग के पद सृजित हैं.
वहां कार्य हित में प्रशासनिक ढांचागत सुधार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाये. इसी के अनुसार बिहार सचिवालय सेवा के पदों के पुनर्गठन के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जाये. ऐसा होने से तस्वीर बदल जायेगी. काम में तो तेजी आयेगी. साथ ही पदोन्नति के रास्ते भी खुलेंगे.
आठ साल बाद पुनर्गठन की शुरू हुई है पहल
आठ साल बाद सचिवालय सेवा के विभिन्न पदों के पुनर्गठन की पहल शुरू हुई है. सरकार ने बिहार सचिवालय सेवा के विभिन्न ग्रेड के पदों के पुनर्गठन के लिए विभागों से प्रस्ताव मांगा है. सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव गुफरान अहमद ने सभी प्रधान सचिव/सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी आयोग के सचिव, पुलिस महानिदेशक का कार्यालय, मुख्यमंत्री सचिवालय, महाधिवक्ता का कार्यालय को इस बारे में पत्र भी लिखा है.
बिहार सचिवालय सेवा संवर्ग के अंतर्गत सहायक, प्रशाखा पदाधिकारी, अवर सचिव, उप सचिव एवं संयुक्त सचिव के पद सृजित हैं. सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव ने बढ़े हुए कार्य एवं उसके ससमय निष्पादन को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में स्वीकृत बल की समीक्षा की है.
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