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सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश बिहार पर मंडरा रहा सूखे का खतरा

पटना : राज्य में सूखे का खतरा बढ़ गया है. सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश होने से खेती पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. वहीं कम बारिश होने के कारण पेयजल का संकट भी गहरा सकता है. साथ ही जानवरों के लिए चारे की भी समस्या उत्पन्न हो सकती है. इसके अलावा सामान्य […]

पटना : राज्य में सूखे का खतरा बढ़ गया है. सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश होने से खेती पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. वहीं कम बारिश होने के कारण पेयजल का संकट भी गहरा सकता है. साथ ही जानवरों के लिए चारे की भी समस्या उत्पन्न हो सकती है. इसके अलावा सामान्य जन-जीवन पर भी बुरा असर पड़ेगा. अब तक पूरे राज्य में महज 14.80 फीसदी ही धान की रोपनी हो पायी है. मक्के की बुआई भी प्रभावित हुई है.
पानी के अभाव में धान के बिचड़े सूख रहे हैं और जहां रोपनी हुई है, वहां के पौधे भी पीले पड़ने लगे हैं. बारिश कम होने का असर जलाशयों में भी दिखने लगा है. सिंचाई योजना में मदद के लिए बने 23 में से नौ जलाशयों में पानी नहीं है. वहीं दस जलाशयों में अपेक्षाकृत कम पानी है. जल संसाधन विभाग के अनुसार प्रदेश में कुल 23 जलाशय हैं जिनसे फसलों की सिंचाई के लिए समय-समय पर नहरों में आवश्यकतानुसार पानी प्रवाहित किया जाता है.
इनमें से नौ जलाशयों की हालत बेहद खराब है. चालू खरीफ मौसम में 34 लाख हेक्टेयर में धान व 4.75 लाख हेक्टेयर में मक्के की खेती का लक्ष्य कृषि विभाग ने तय किया है. 34 लाख हेक्टेयर में से 16 जुलाई तक मात्र 503111 हेक्टेयर में ही रोपनी हुई है. यही हाल मक्के का है, 4.75 लाख हेक्टेयर में से मात्र 264870 हेक्टेयर में ही मक्के की बुआई हुई है. सूखे की स्थिति को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक उच्चस्तरीय बैठक भी की थी.
खेतों में पड़ने लगीं दरारें
आषाढ़ अब बीतने को है, लेकिन सामान्य से कम बारिश होने से खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं. सामान्य से काफी कम बारिश होने से लक्ष्य के अनुरूप बिचड़ा तैयार नहीं हो पाया है. 3.40 लाख हेक्टेयर में बिचड़ा तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था, इनमें से 315672 हेक्टेयर में ही बिचड़ा तैयार हो पाया है.
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार भोजपुर, नवादा, लखीसराय, जमुई, बांका और खगड़िया में एक धूर जमीन में भी रोपनी नहीं हो पायी है. बांका और नवादा में धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है. धान की खेती के लिए मशहूर शाहाबाद मगध, पटना व अंग क्षेत्र में 10 फीसदी भी रोपनी नहीं हो पायी है. चंपारण, सीतामढ़ी और मिथिलांचल में रोपनी की स्थिति थोड़ी बेहतर है
.
खराब चापाकलों की होगी मरम्मत
पेयजल की व्यवस्था के लिए खराब चापाकलों की मरम्मत होगी. खराब चापाकलों की मरम्मत करने का काम चलंत मरम्मत दल करेगा.
सुखाड़ से पेयजल की संभावित समस्या के आकलन के लिए प्रत्येक प्रखंड के पांच-पांच चापाकलों के भू-जल स्तर की मापी साप्ताहिक होगी. पेयजल की शिकायतों को लेकर विभाग में टॉल फ्री नंबर 18001231121 की व्यवस्था है. यहां लोग पेयजल की समस्या को लेकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. विभाग पेयजल की संभावित समस्या को लेकर पहले से इस दिशा में कार्रवाई कर रहा है.
नौ जलाशयों में नहीं है सिंचाई के लिए पानी
सिंचाई योजना में मदद के लिए बने 23 में से नौ जलाशयों में सिंचाई के लिए पानी नहीं है. वहीं दस जलाशयों में अपेक्षाकृत कम पानी है. नौ जलाशयों की हालत बेहद खराब है. इनमें मुंगेर जिले में जालकुंड जलाशय योजना, जमुई जिले में अमृति-श्रीखंडी और कैलाशघाटी जलाशय योजना, कैमूर जिले में कोहिरा, नवादा जिले में फुलवरिया, पुरैनी, जौब और ताराकोल जलाशय योजना, औरंगाबाद जिले में बटाने जलाशय योजना शामिल हैं.
इसके अलावा दस जलाशयों में इतना पानी नहीं है कि उससे सिंचाई के लिए पानी की मांग को पूरा किया जा सके. इनमें बांका और मुंगेर जिले में बेलहरना, मुंगेर जिले में खड़गपुर झील, लखीसराय जिले में बासकुंड और मोरवे, बांका जिले में विलाशी, जमुई जिले में नागी, नकटी और गरही, कैमूर जिले में दुर्गावती, नवादा जिले में कोल महादेव जलाशय योजना शामिल हैं.
203.2 एमएम ही बारिश हुई
एक जून से 16 जुलाई के बीच सामान्य से 42 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इस दौरान अगर 353.2 एमएम बारिश होती तो सामान्य बारिश कहलाता लेकिन इस अवधि में 203.2 एमएम बारिश हुई. जून में सामान्य से 40 फीसदी कम बारिश हुई. जून में 168.5 एमएम सामान्य बारिश होती है, लेकिन बारिश हुई 100.7 एमएम. जुलाई की स्थिति तो और खराब है. एक से 16 जुलाई के बीच सामान्य से 45 फीसदी कम बारिश हुई है. इस अवधि में 184.7 एमएम बारिश होनी चाहिए लेकिन बारिश हुई 102.5 एमएम. पटना, भोजपुर, सारण, वैशाली, सहरसा, सीवान, गोपालगंज आदि जिलों की स्थिति काफी खराब है. राज्य के किसी भी जिले में सामान्य बारिश नहीं हुई है.
जिलावार बारिश व रोपनी की स्थिति ( बारिश एमएम में)
जिला सामान्य बारिश % रोपनी
बारिश हुई (- में) (% में)
पटना 309.5 70.6 77 1.48
नालंदा 280.1 132.4 53 0.10
भोजपुर 288.8 50.9 82 00
बक्सर 268.8 107.2 60 7.38
रोहतास 234.9 125.3 47 15.01
कैमूर 293.6 118.6 60 1.80
गया 287.7 164.4 43 1.37
जहानाबाद 264.2 93.7 65 3.16
अरवल 248.6 70.1 72 1.16
नवादा 309.7 118.5 62 00
औरंगाबाद 273.7 91.3 67 0.09
सारण 319.9 47.8 85 1.50
सीवान 321.1 61.6 81 12.38
गोपालगंज 328.8 127.1 61 33.68
पूर्वी चंपारण 329.5 200.3 39 26.86
प चंपारण 448.3 501.3 12 37.82
भागलपुर 364. 0 291.04 20 2.58
जिलावार बारिश व…
जिला सामान्य बारिश % रोपनी
बारिश हुई (- में) (% में)
मुजफ्फरपुर 328.5 119.8 64 9.15
सीतामढ़ी 392.9 354.8 10 46.29
शिवहर 392.9 241.6 39 29.88
वैशाली 336.7 42.9 87 6.54
दरभंगा 314.4 221.6 30 28.59
मधुबनी 381.1 366.4 4 28.83
समस्तीपुर 347.3 183.9 47 11.58
बेगूसराय 325.4 145 55 4.98
मुंगेर 341.1 98.1 71 2.04
शेखपुरा 326.2 94 71 0.02
लखीसराय 341.1 171.2 50 00
जमुई 345.1 163.9 53 00
खगड़िया 373.3 119.5 68 00
बांका 290.5 355.1 22 00
सहरसा 544.1 169.3 69 20.57
सुपौल 404.0 280.4 31 39.76
मधेपुरा 430.2 286.7 33 26.92
पूर्णिया 493.0 312.0 37 20.69
किशनगंज 675.7 596. 2 12 21.33
अररिया 494.2 249.1 50 19.04
कटिहार 415.9 253.0 39 39

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