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Friday, March 29, 2024

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पटना : अब तक नहीं बन पायीं पिछले बाढ़ की क्षतिग्रस्त सड़कें

अब तक इन सड़कों की नहीं बन सकी है डीपीआर, विभाग ने मामले की समीक्षा की पटना : सरकार फिर से संभावित बाढ़ की तैयारी में जुट गयी है. मगर ग्रामीण कार्य विभाग की सुस्ती का आलम यह है कि बाढ़ और अत्यधिक बारिश से पिछले साल क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को साल भर में सिर्फ […]

अब तक इन सड़कों की नहीं बन सकी है डीपीआर, विभाग ने मामले की समीक्षा की
पटना : सरकार फिर से संभावित बाढ़ की तैयारी में जुट गयी है. मगर ग्रामीण कार्य विभाग की सुस्ती का आलम यह है कि बाढ़ और अत्यधिक बारिश से पिछले साल क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को साल भर में सिर्फ मोटरेबुल ही बनाया जा सका है.
इन सड़कों की अभी तक डीपीआर भी नहीं बन सकी है. पिछले दिनों विभाग ने प्रभावित क्षेत्र के अधीक्षण व कार्यपालक अभियंताओं की बैठक बुलाकर इसकी मसले की समीक्षा की थी.
पिछले साल बाढ़ और बारिश के चलते राज्य के 19 जिलों में तीन हजार से अधिक सड़कें या तो टूट गयीं या फिर क्षतिग्रस्त हो गयी. सैकड़ों पुल-पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गये. सबसे अधिक तबाही सीमांचल के चार जिले किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया तथा पूर्वी चंपारण जिले में हुई. ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार को खुद इन जिलों जाकर कैंप करना पड़ा था, ताकि सड़कों को मोटरेबुल बनाकर यातायात बहाल कराया जा सके.
सड़कों को सिर्फ मोटरेबुल बनाने में करीब 200 करोड़ रुपये खर्च हुए. इनके निर्माण पर 1000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान है. कई जगह सड़कें पूरी तरह बह गयीं. कई स्थल पर सड़कों के निर्माण के साथ पुल निर्माण की भी जरूरत है. विभाग के सचिव विनय कुमार ने सभी कार्यपालक अभियंताओं से उनके क्षेत्र के चचरी पुलों की भी जानकारी मांगी है.
3046 सड़कें हुईं क्षतिग्रस्त
ग्रामीण कार्य विभाग के पास 1.29 लाख किलोमीटर सड़कें हैं. पिछले साल बाढ़ की वजह से ये सड़कें 2377 जगहों पर कट गयी थी. 19 जिलों में कुल 3046 सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं. सबसे अधिक 452 सड़कें पूर्वी चंपारण में क्षतिग्रस्त हुईं.
पश्चिमी चंपारण में 283, दरभंगा में 269, मधुबनी में 210, सीतामढ़ी में 300, अररिया में 168, किशनगंज में 293, कटिहार में 333 और पूर्णिया जिले में 281 सड़कों को नुकसान पहुंचा था. इनमें से 2141 सड़कों का निर्माण शुरू हुआ. इस निर्माण को मार्च तक ही पूरा हो जाना था लेकिन अभी भी काम चल ही रहा है. इनमें कई सड़कों का प्राक्कलन भी पुनरीक्षित हुआ.
170 पुलों की बन रही है डीपीआर
पिछले साल बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों में से 904 सड़कें और 170 पुल की अभी डीपीआर ही बन रही है. विभाग के अभियंता डीपीआर बनाने में भी सुस्त हैं. सोमवार को विभाग के कार्य अंचल किशनगंज, छपरा, दरभंगा, मोतिहारी, सीवान, सहरसा, पूर्णिया, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी और बेतिया के अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंताओं की बैठक मुख्यालय स्तर पर हुई थी.
इन सड़कों व पुलों की प्रशासनिक स्वीकृति 30 जून तक हो जानी थी लेकिन कइयों की डीपीआर भी अभी तक नहीं बन पायी है. ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख सुभाष चंद्र ने बताया कि दो दिन के भीतर डीपीआर तैयार करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि विभाग सड़क निर्माण के साथ-साथ बाढ़ पूर्व तैयारी में भी जुटा है.
जांच के बाद गायब हो गयी थीं कॉपियां
एसपी ने एसएस बालिका स्कूल में पांच घंटे तक खंगाला रिकॉर्ड
– हाईकोर्ट में आज सुनवाई केंद्र के पीछे फेंके
गये खाली बैग पर उग आयी थी घास
सत्येंद्र पांडेय4गोपालगंज/पटना
42 हजार चार सौ कॉपियों के गायब होने के मामले में एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल में एसपी राशिद जमां ने अधिकारियों के साथ पांच घंटे तक रिकॉर्ड को खंगाला. इस दौरान कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. वहीं, मूल्यांकन के तुरंत बाद ही कॉपियों के गायब कर देने की बात सामने आयी है. केंद्र के पीछे फेंके गये खाली एमटी बैग के ऊपर घास उग आये हैं, जो इस बात का संकेत दे रहा है कि महीनों पहले कॉपियों की चोरी हो गयी है. पुलिस के अधिकारी इसे गंभीरता से लेकर जांच में जुटे हैं.
पुलिस सूत्रों की मानें तो 42400 मैट्रिक की जांची हुई कॉपियां गायब हैं. पुलिस अपने स्तर से हर बिंदु पर जांच कर रही है. वैज्ञानिक जांच का भी सहारा लिया गया है. गर्मी की छुट्टी होने की वजह से स्कूल में छात्रों का आना-जाना नहीं था. दिन भर सन्नाटा रहता था. सवाल यह है कि रात में केवल एक नाइट गार्ड रहता था. अगर रात में चोरी हुई तो नाइट गार्ड को पता कैसे नहीं चला. अगर दिन में चोरी हुई तो अन्य लोगों की नजर क्यों नहीं पड़ी, पुलिस हर पहलू को गंभीरता से खंगाल रही है.
उधर, एसआईटी की टीम प्राचार्य प्रमोद श्रीवास्तव को लेकर गोपालगंज पहुंची, जहां उनसे पुलिस के अधिकारी पूछताछ में जुटे रहे. अधिकारियों ने नाइट गार्ड आसपुरण सिंह और आदेशपाल छट्ठु सिंह से भी गंभीरता से पूछताछ की है. पुलिस के अधिकारी दो बिंदुओं को लेकर पड़ताल कर रहे हैं कि आखिर कॉपी गायब क्यों हुई और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं. एसएस बालिका स्कूल में पड़ताल के दौरान पुलिस कप्तान व एएसपी नीरज कुमार सिंह ने कई शिक्षकों से पूछताछ की. उधर, प्राचार्य प्रमोद श्रीवास्तव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है.
माफियाओं के प्रभाव में तो नहीं हुईं कॉपियां गायब!
मैट्रिक की कॉपियों की जांच के दौरान गोपालगंज में शिक्षा माफियाओं ने डेरा डाल रखा था. मैट्रिक की कॉपियों के लिए एसएस गर्ल्स प्लस-टू स्कूल के अलावा अन्य केंद्रों पर भी शिक्षा माफियाओं का नेटवर्क था. चर्चाओं पर गौर करें तो कॉपियों के गायब होने के पीछे माफियाओं के भी हाथ हो सकते हैं.
चर्चा तो यह भी है कि इस बार भी बिहार में टॉपर बनाने के खेल में कॉपियों को गायब किया गया हो सकता है. पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है. पुलिस इस संभावना को भी खंगालने में जुटी है कि कहीं इस विद्यालय के मूल्यांकन में भी रिजल्ट में धांधली तो नहीं है. कबाड़ में कॉपियों को बेचने पर 10 से 12 हजार रुपये मिले होंगे. ऐसे में स्कूल का कोई कर्मी अपना नौकरी दांव पर क्यों लगायेगा?
– हाईकोर्ट में आज सुनवाई
पटना : गोपालगंज के एक विद्यालय से मैट्रिक परीक्षा की 40 हजार कॉपियों के गायब होने के मामले की सुनवाई गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में होने की संभावना है.
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को अधिवक्ता दीनू कुमार ने एक समाचार पत्र में छपी खबर पर संज्ञान लेकर जल्द सुनवाई करने का बुधवार को अनुरोध किया. उन्होंने अदालत को बताया कि इसी मामले में संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक समेत कई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
26 जून को मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट भी आने वाला है. अगर रिजल्ट आता है तो जिनकी कॉपियां गायब हुई हैं उनके साथ अन्याय होगा. इसलिए सुनवाई जल्द की जाये. इसके बाद अदालत ने इस मामले को लोकहित याचिका मानते हुए सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
– जल्द परिणाम संभव : बोर्ड अध्यक्ष
गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल से मैट्रिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका (कॉपी) गायब होने के मामले में बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि मामले में तेजी से और गहन छानबीन चल रही है. पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है. इस मामले में जल्द ही परिणाम सामने आने की संभावना है.
आनंद किशोर ने कहा कि मामले को लेकर गठित एसआईटी की टीम की ओर से कई जगहों पर छापेमारी की सूचना है. गोपालगंज के एसपी स्वयं मामले की निगरानी कर रहे हैं. बुधवार को भी कई लोगों से पूछताछ की गयी है. हालांकि, पूछताछ के क्रम में कौन-कौन सी जानकारी सामने आयी है, इससे संबंधित जानकारी अभी नहीं मिली है.
एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल में मैट्रिक परीक्षा का मूल्यांकन केंद्र बनाया गया था, जहां से करीब 42 हजार कॉपियां गायब हो गयी हैं. इस मामले में पिछले मंगलवार को स्कूल के प्राचार्य को बुलाया गया था, जहां पूछताछ की गयी. उसके बाद बोर्ड कार्यालय परिसर से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
– भाजपा विधान पार्षद का बड़ा आरोप
भाजपा के विधान पार्षद एमएलसी नवल किशोर यादव ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर पर एक हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है. विधान पार्षद ने उनके पूरे कार्यकाल की जांच सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराने की भी मांग की है.
– शिक्षा विभाग की टीम ने सौंपी डीएम को जांच रिपोर्ट
गोपालगंज. शिक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है. डीईओ के नेतृत्व में जांच टीम मंगलवार को पूरे दिन स्कूल व मूल्यांकन केंद्र की जांच की. इस दौरान सुबह छह बजे से आठ बजे तक स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव से भी गंभीरता से पूछताछ की गयी. जांच के क्रम में अधिकारियों ने पाया कि मूल्यांकन केंद्र को कॉपी रखने के बाद सील नहीं किया गया, केवल ताला बंद किया गया था, जबकि खिड़कियां खुली हुई थीं. अधिकारियों ने प्राचार्य को घोर लापरवाह माना है.
– डीएलएड की परीक्षा में भी कदाचार के दोषी थे प्राचार्य
डीएलएड की परीक्षा 31 मई से दो जून के बीच कराया गया था. इस परीक्षा में पहले ही दिन एसएस बालिका स्कूल में व्यापक कदाचार पाया गया था, जिसमें डीएम ने नकल करते कई शिक्षकों को पकड़ा था. इस मामले में केंद्राधीक्षक के रूप में प्रमोद श्रीवास्तव भी दोषी पाये गये थे और उन पर विभागीय कार्रवाई के लिए डीएम ने अनुशंसा की थी. अभी इस मामले में विभागीय स्तर पर निर्णय नहीं लिया गया है.
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