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मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच को जायेगी मोबाइल वैन
सुरक्षित आहार उपलब्ध कराने के तहत होगा कार्य, प्रक्रिया पूरी होने के बाद मिलेगी आधुनिक उपकरणों से लैस वैन पटना सिटी : आम लोगों को मिलावटी खाद्य पदार्थों से बचाने व सुरक्षित आहार उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल फूड लेबोरेटरी की सुविधा जल्द ही उपलब्ध होगी. यह सुविधा हर जिले में होगी. यह मोबाइल लेबोरेटरी […]
सुरक्षित आहार उपलब्ध कराने के तहत होगा कार्य, प्रक्रिया पूरी होने के बाद मिलेगी आधुनिक उपकरणों से लैस वैन
पटना सिटी : आम लोगों को मिलावटी खाद्य पदार्थों से बचाने व सुरक्षित आहार उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल फूड लेबोरेटरी की सुविधा जल्द ही उपलब्ध होगी. यह सुविधा हर जिले में होगी. यह मोबाइल लेबोरेटरी भ्रमण कर खाद्य पदार्थ के नमूनों की जांच करेगी. मोबाइल वैन की यह सुविधा भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से मुहैया करायी जायेगी जो आधुनिक उपकरणों से लैस होगा. यह वैन अगमकुआं स्थित सूबे के एक मात्र संयुक्त खाद्य और औषधि प्रयोगशाला में खाद्य प्रयोगशाला के अधीन संचालित होगा. इसके लिए प्रक्रिया पूरी करने की कार्रवाई चल रही है जो जिलों में जाकर की नमूनों की जांच करने का कार्य करेंगे.
स्वास्थ्य विभाग फूड के निदेशक प्रमुख डॉ विभेश प्रसाद ने बताया कि फूड सेफ्टी एक्ट 2011 के तहत मिलावटी समान बेचने वालों पर नकेल कसने के लिए यह तैयारी चल रही है. उत्तर और दक्षिण बिहार के लिए दो मोबाइल वैन की सुविधा मिलेगी. एक वैन एक माह के अंदर आ जायेगी.
चल रही है प्रक्रिया
अगमकुआं स्थित खाद्य प्रयोगशाला के निदेशक व खाद्य विश्लेषक महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नमूनों के जांच का कार्य जिला में मोबाइल वैन से होगी. मोबाइल वैन में दो टेक्नीशियन, दो खाद्य विशेषज्ञ, चालक व सहायक जैसे कर्मी तैनात रहेंगे. इसमें माइक्रो बायोलॉजी से जुड़ी फंगस की जांच भी होगी.
इसके तहत पानी, दूध और मिठाई समेत अन्य खाद्य पदार्थों की जांच की सुविधा मोबाइल वैन में होगी. विभाग की ओर प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह वैन उपलब्ध हो जायेगा. प्रयोगशाला निदेशक की मानें तो शुल्क देकर भी आम आदमी वैन में रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले आहार की जांच करा उसकी गुणवत्ता जान सकता है.
अपग्रेड करने की है योजना
अगमकुआं स्थित खाद्य प्रयोगशाला को अपग्रेड करने की भी योजना के तहत भवन के निचले तल्ले में रंग रोगन व टाइल्स लगाने का काम चल रहा है. निदेशक प्रमुख ने बताया कि खाद्य व औषधि प्रयोगशाला को अपग्रेड करने के लिए प्रधान सचिव ने निरंतर कार्य योजना बनाने की चर्चा की.
दरअसल प्रयोगशाला में नमूनों के जांच के लिए अधिकृत खाद्य विश्लेषक का पद रिक्त रहने से करीब सितंबर 2012 से मार्च 2017 तक ठप पड़ा था. बाद में संस्थान के ही सहायक विशेषज्ञ को डिग्री मिलने के बाद खाद्य विश्लेषक के पद पर तैनात किया गया. नमूनों की जांच का काम अप्रैल माह से आरंभ हुआ.
होटल व रेस्टोरेंट संचालक को करानी होगी जांच
स्वास्थ्य विभाग फूड के डायरेक्टर इन चीफ डॉ विभेश प्रसाद ने बताया कि होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को कहा गया है कि मोबाइल वैन की सुविधा उपलब्ध होने के बाद वे बाहर से खरीदे गये पनीर व अन्य सामानों की आपूर्ति के बाद उसकी गुणवत्ता की जांच करायें. निदेशक प्रमुख ने बताया कि आम आदमी जांच कराता है, तो सामानों की जांच तत्काल हो जायेगी, इसके अगले दिन रिपोर्ट मिलेगा. मिलावट पाये जाने की स्थिति में वह केस भी दर्ज करा सकते हैं. निदेशक प्रमुख की मानें तो यह सुविधा आरंभ होने से आम लोगों को मिलावटी खाद्य पदार्थ से मुक्ति मिलेगी.
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