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बिहार बोर्ड : काउंटर बंद, भड़के छात्र, हंगामा

त्रुटियों में सुधार को लेकर आये थे कार्यालय पटना : सोमवार को माध्यमिक प्रभाग के काउंटर पर विद्यार्थी अपने कार्य के लिए पहुंचे थे. लेकिन काउंटर बंद था. इस कारण छात्र भड़क गये. राजधानी समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये छात्रों ने पहले तो काउंटर खुलने का इंतजार किया. उसके बाद काउंटर नहीं खुलने […]

त्रुटियों में सुधार को लेकर आये थे कार्यालय
पटना : सोमवार को माध्यमिक प्रभाग के काउंटर पर विद्यार्थी अपने कार्य के लिए पहुंचे थे. लेकिन काउंटर बंद था. इस कारण छात्र भड़क गये. राजधानी समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये छात्रों ने पहले तो काउंटर खुलने का इंतजार किया. उसके बाद काउंटर नहीं खुलने की जानकारी मिली, तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया. मूल प्रमाणपत्र समेत एडमिट कार्ड, रजिस्ट्रेशन स्लिप वगैरह में सुधार के लिए हर दिन अनेक विद्यार्थी बिहार बोर्ड कार्यालय पहुंचते हैं.
बताते हैं कि इन कार्यों को कराने के लिए उन्हें छह-सात महीने से लेकर साल भर तक इंतजार व बोर्ड कार्यालय का चक्कर काटना पड़ता है. हालांकि बोर्ड की ओर से बताया जाता है कि बोर्ड की ओर से अभियान चला कर ऐसे विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान किया गया है. जिनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है, उनके संस्थान (स्कूल या कॉलेज) की ओर से आवश्यक कागजात बोर्ड को उपलब्ध नहीं कराये गये हैं.
बिहार बोर्ड में छात्रों के कार्यों का निष्पादन करने में लेटलतीफी से नाराज छात्र-छात्राओं ने सोमवार को बोर्ड कार्यालय के सामने हंगामा मचाया.
इस दौरान उन्होंने निकटस्थ सेंट्रल मॉल के सामने पहुंच कर करीब आधा घंटा तक सड़क जाम कर दी. इससे डाकबंगला चौराहा, रेडियो स्टेशन समेत आसपास की सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. सूचना पाकर स्थानीय पुलिस पहुंची और छात्रों को वहां से हटाया. उसके बाद छात्रों ने पुन: बोर्ड गेट के सामने पहुंच कर नारेबाजी की. इनमें कई ऐसे छात्र थे, जिन्होंने मूल प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है, तो कई ने प्रमाणपत्र में पिता का नाम, जन्मतिथि आदि संबंधी त्रुटियों को सुधारने के लिए आवेदन दिया है. लेकिन अभी तक सुधार नहीं हो सका है.
पांच दिन बंद रहेगा माध्यमिक काउंटर
बिहार बोर्ड द्वारा बनाये गये इंटर परीक्षा के मूल्यांकन केंद्रों पर मंगलवार से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन आरंभ हो रहा है. इस कारण बोर्ड कार्यालय स्थित माध्यमिक प्रभाग के काउंटर को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. यह जानकारी बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी. उन्होंने बताया कि मूल्यांकन से संबंधित आवश्यक कागजात, गोपनीय दस्तावेज संग्रह करने आदि के कार्य में कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है.
इस कारण काउंटर बंद करने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में यदि किसी परीक्षार्थी को बोर्ड के माध्यमिक प्रभाग से संबंधित कोई कार्य हो, तो वह राज्य के नौ प्रमंडलीय मुख्यालयों में स्थित बोर्ड कार्यालय में संपर्क कर सकता है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभिन्न माध्यम से भी सूचना दी जा रही है.
छह बार आ चुके पटना
सहरसा से आये राजा कुमार व अन्य ने बताया कि उनका मूल प्रमाण पत्र गुम हो चुका है. डुप्लीकेट मूल प्रमाण पत्र के लिए तीन माह पूर्व आवेदन किया था. तब से वेरीफिकेशन व तरह-तरह की प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर टाल-मटोल किया जा रहा है. तीन माह में छह बार सहरसा से पटना आ चुके हैं, लेकिन अब तक प्रमाण पत्र नहीं मिला है.
14 माह बाद भी नहीं हुआ सुधार
छात्रा गुड़िया कुमारी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2013 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. पटना सिटी स्थित श्री गुरु गोविंद सिंह बालिका उच्च विद्यालय से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की है. परीक्षा के एडमिट कार्ड, मार्कशीट व मूल प्रमाण पत्र में पिता का नाम अरुण प्रसाद के स्थान पर अर्जुन प्रसाद हो गया है.
इसे सुधार कर अरुण प्रसाद करने के लिए 25 नवंबर 2016 को आवेदन किया था. तब से अब तक कई बार बोर्ड कार्यालय का चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन अब तक सुधार नहीं हो सका है. बख्तियारपुर स्थित प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय से मैट्रिक पास अंजु कुमारी की समस्या भी कुछ ऐसी ही है. उन्होंने वर्ष 2017 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. उन्होंने अपने आवेदन में बताया है कि उनके प्रमाणपत्र में जन्मतिथि गलत है.
जन्मतिथि 10 मार्च 2002 है, जबकि उसे 3 अक्तूबर 2002 कर दिया गया है.
झारखंड से भी आते हैं छात्र : इनमें राज्य के अलावा कई झारखंड के भी होते हैं, जिन्होंने वर्ष 2001 व उससे पहले मैट्रिक, इंटर की परीक्षा पास की थी. सोमवार को भी बोर्ड गेट पर हंगामा कर रहे विद्यार्थियों में झारखंड के रांची से आयी एक महिला शामिल थी. उन्होंने बताया कि उनके प्रणाण पत्र में पिता का नाम गलत हो गया है. इसे सुधारने के लिए सात माह पूर्व आवेदन किया था, लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है.
मूल प्रमाणपत्र निर्गत करने समेत प्रमाणपत्रों में सुधार के लिए बोर्ड की ओर से अभियान चला कर विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान किया गया है. अब ऐसे विद्यार्थी हैं, जिनके स्कूल अथवा कॉलेज की ओर से जरूरी कागजात प्राप्त नहीं हुए हैं. इस कारण उनके प्रमाणपत्र में सुधार का कार्य लंबित है. चूंकि स्कूल या कॉलेज से कागजात प्राप्त होने के बाद ही वेरीफिकेशन होता है. इसलिए विलंब हो रहा है.

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