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निगम की जेसीबी चली, 10 दुकानों समेत बाउंड्री तोड़ी

कार्रवाई. नागेश्वर कॉलोनी के कवि रमन पथ स्थित प्लॉट नंबर 132 पर बने अवैध निर्माण को ढहाया पटना : नगर निगम ने अवैध निर्माण को लेकर एक बार फिर से पुराने मामलों व नगर आयुक्त कोर्ट से पारित आदेश पर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को नागेश्वर काॅलोनी के कवि रमन पथ में […]

कार्रवाई. नागेश्वर कॉलोनी के कवि रमन पथ स्थित प्लॉट नंबर 132 पर बने अवैध निर्माण को ढहाया
पटना : नगर निगम ने अवैध निर्माण को लेकर एक बार फिर से पुराने मामलों व नगर आयुक्त कोर्ट से पारित आदेश पर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को नागेश्वर काॅलोनी के कवि रमन पथ में बने अवैध निर्माण को ढहाया गया.
निगम ने निगरानीवाद संख्या 41 बी/ 99 के आलोक में कार्रवाई की गयी. इस दौरान लगभग दस दुकानों व पूरे प्लॉट के बाउंड्रीवॉल को तोड़ दिया गया. इस दौरान निगम की पूरी टीम एक जेसीबी के साथ पूरे दल बल के साथ पहुंची थी. कार्रवाई लगभग दस बजे के लगभग शुरू की गयी. दो घंटे की कार्रवाई में निगम ने पूरे प्लांट को तोड़ दिया गया. निगम के अनुसार खाता संख्या 406 व प्लॉट नंबर 132 पर निगम ने कार्रवाई की. बता दें कि कई दिनों से लगातार प्रभात खबर ने अवैध निर्माण के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है.इसका असर अब दिखने लगा है.
एक माह पहले तोड़ने का दिया गया था आदेश : नगर निगम ने नगर आयुक्त कोर्ट के निर्देश के आधार पर निगम ने अवैध निर्माणकर्ता को निर्माण तोड़ने का आदेश दिया गया था. इसके बाद आवेदनकर्ता ने मामले को हाइकोर्ट में अपील की थी. उच्च न्यायालय की ओर से आवेदन कर्ता के अपील को खरीद कर दिया गया. इसके बाद सात सितंबर वर्ष 2017 तक मामले पर आवेदन कर्ता ने अमल नहीं की. फिर निगम ने नियम के आलोक में 13 दिसंबर को छह सदस्यीय टीम का गठन कर 15 से 20 दिसंबर के बीच अवैध निर्माण को तोड़ने का निर्देश दिया था. उसी निर्देश के आलोक में शुक्रवार को कार्रवाई की गयी.
सरकारी परिसर को रास्ता बता बना दिया अपार्टमेंट
बेली रोड स्थित ऑफिसर्स फ्लैट के बगल में उमा अपार्टमेंट का मामला, निगम ने पूरे निर्माण को ठहराया था अवैध, किसी भी फ्लैट की बिक्री पर लगी थी रोक, इलाके में बने अपार्टमेंट का पहले बगैर नक्शा के निर्माण शुरू किया गया था
पटना : शहर में अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभात खबर की मुहिम जारी है. शहर के विभिन्न जगहों पर बनाये गये अवैध निर्माण चाहे वो अपार्टमेंट हो या कोई आलीशान होटल, हम उनके अवैध निर्माण की कहानी लगातार प्रकाशित कर रहे हैं. इसके साथ ही नगर निगम और सरकारी प्रशासन की सुस्ती पर भी चोट किया जा रहा है.
प्रभात खबर ने अपने मुहिम की अगली कड़ी में शुक्रवार को बेली रोड स्थित आॅफिसर्स फ्लैट के पीछे बने उमा कॉम्प्लेक्स के निर्माण की पड़ताल की, तो पूरा मामला ही अवैध निर्माण का निकला. इलाके में बने अपार्टमेंट का पहले बगैर नक्शा के निर्माण शुरू किया गया था. फिर सरकारी परिसर में अतिक्रमण किया गया. इसके अलावा रोक के बावजूद अपार्टमेंट के फ्लैटों की बिक्री कर दी गयी. आज हालात ऐसे हैं कि सरकारी सिस्टम इस अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सुस्त है.
रोक के बावजूद बिक गये फ्लैट
सरकारी परिसर क्षेत्र में बनी है सड़क, वहीं से जाने का है रास्ता : जब अपार्टमेंट का निर्माण कियाजा रहा था, तभी से नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी थी. निर्माण पर निगरानीवाद (103ए/2013)शुरू किया गया था. निगम अभियंताओं ने जांच की तो पहले सरकारी परिसर को सड़क दिखा कर नक्शा पास कराये जाने का मामला सामने आया. नापी के बाद भवन में कई जगहों पर बिल्डिंग बाॅयलाज उल्लंघन की बातें सामने आयी. जुलाई 2014 में अपार्टमेंट को 30 दिनों के भीतर तोड़ने का आदेश नगर आयुक्त की कोर्ट ने दिया था.
सीवरेज, ड्रेनेज, पानी, बिजली से लेकर फ्लैट बिक्री पर थी रोक: नगर आयुक्त ने निर्माण के समय ही इस अपार्टमेंट में सीवरेज, ड्रेनेज, पानी की सप्लाई और बिजली कनेक्शन पर रोक लगाने का आदेश दिया था. उस समय भी कई सुविधाओं पर रोक नहीं लगायी गयी. निर्माण रोक के लिए स्थानीय थाने को भी लिखा गया. बावजूद इसके निर्माण पूरा हो गया.
नगर आयुक्त की कोर्ट ने आदेश दिया था कि जब तक मामले का निष्पादन नहीं हो जाता, अपार्टमेंट में थर्ड पार्टी इंट्री नहीं होगी. आदेश का मतलब फ्लैटों की बिक्री पर रोक था. इसके बावजूद निर्माण पूरा हुआ और फ्लैटों की बिक्री भी हुई.

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