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क्यों न ड्रग माफियाओं की जांच सीबीआई करे

सख्ती. दो सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर सरकार को स्थिति स्पष्ट करने को कहा पटना : पिछले दिनों प्राइवेट दवा दुकानों में सरकारी अस्पताल में सप्लाई होने वाली दवाओं के मिलने के बाद भी सूबे के ड्रग माफिया के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं किये जाने से नाराज पटना हाईकोर्ट ने राज्य […]

सख्ती. दो सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर सरकार को स्थिति स्पष्ट करने को कहा
पटना : पिछले दिनों प्राइवेट दवा दुकानों में सरकारी अस्पताल में सप्लाई होने वाली दवाओं के मिलने के बाद भी सूबे के ड्रग माफिया के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं किये जाने से नाराज पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि क्यों न इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया जाये.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने लोकहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि पीएमसीएच सहित अन्य सरकारी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पतालों में कर्मचारियों की मिलीभगत से गरीब मरीजों को मुफ्त में दी जाने वाली दवाओं की चोरी की जा रही है. इसकी आड़ में घोटाले भी किये जा रहे हैं. कई बार तो इस खेल में कर्मचारियों को पकड़ा भी जा चुका है.
बावजूद इसके कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया गया कि ड्रग माफियाओं के विरुद्ध ‘ऑपरेशन ड्रग माफिया’ चलाकर इसी साल 27 व 28 मई को हनुमान एजेंसी गोविंद मित्र रोड पटना तथा उसके कई प्रतिष्ठानों में छापेमारी की गयी थी.
कॉलेजों पर मांगा जवाब
पटना. राज्य में चार राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं. बावजूद इसके यहां पढ़ायी नहीं हो रही है. न ही मरीजों का इलाज ही हो रहा है. इसको लेकर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने आनंद कुमार सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की.
सीबीएसई से जवाब तलब
पटना. सूबे में सीबीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाने का प्रावधान है. बावजूद इसके निजी स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने को अभिभावकों को मजबूर करते हैं. इससे अभिभावकों का आर्थिक दोहन हो रहा है. इसको लेकर पटना हाईकोर्ट में दायर लोकहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने सीबीएसई से तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है.
कॉलेजों में स्टाफ की कमी
पटना. प्रदेश के इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक समेत तकनीकी कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिये दायर लोकहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा है. खंडपीठ ने शिवप्रकाश राय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
पटना. मीठापुर-खगौल रोड में अतिक्रमण पर पटना हाईकोर्ट गंभीर है. पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा कि मीठापुर-खगौल रोड पर अतिक्रमणकारियों पर जुर्माना लगाये. शुक्रवार को न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी और न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि जिन इलाकों में अतिक्रमण है, वहां पुलिस प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. लेकिन वीआईपी इलाकों में जहां कम अतिक्रमण होता है, वहां पुलिस सक्रिय रहती है. अदालत ने राज्य सरकार के इस रवैये पर असंतोष जताया और कहा कि नये सिरे से की गयी कार्रवाइयों का ब्योरा 19 जनवरी तक अदालत को दें.
अतिक्रमण मामले में थानाप्रभारी तलब
पटना. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाने पर नाराज पटना उच्च न्यायालय ने शास्त्रीनगर के थाना प्रभारी को पांच जनवरी 2018 को तलब किया है. न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी और न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को अधिवक्ता दिवाकर यादव की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. अदालत को बताया गया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद शास्त्री नगर थाना क्षेत्र से अतिक्रमण तो हटा दिया गया है. लेकिन बाद में फिर से कब्जा कर लिया है. इससे राहगीरों को परेशानी हो रही है.
पटना जंक्शन के सामने अतिक्रमण पर नगर निगम से जवाब मांगा
पटना. पटना रेलवे स्टेशन के सामने निर्माणाधीन पुल के नीचे हो रहे अतिक्रमण को पटना हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. इस मामले में कोर्ट ने नगर निगम से जवाब-तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की. कोर्ट ने नगर निगम को शपथ पत्र दायर कर चार सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि पटना रेलवे स्टेशन के सामने बन रहे पुल के नीचे अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है. इससे वहां से गुजरने वालों को काफी परेशानी होती है. इतना ही नहीं, महावीर मंदिर के बगल में रेलवे ने एक रेल इंजन बीच सड़क पर रख दिया है. इसको भी हटाने की गुजारिश की गयी है. राज्य सरकार ने सफाई दी है कि कार्रवाई की जा रही है.

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