पटना. राज्यसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद परिवार पर आइटी की कार्रवाई को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा ऐसी पार्टी है जो विरोध करनेवाले को नहीं छोड़ती है. चाहे वह राजनीतिक दल हो, व्यवसायी, मीडिया किसी को नहीं छोड़ती है. वह बदला लेने का काम करती है.
भाजपा विरोध सुनना नहीं चाहती है. लालू प्रसाद इसे लेकर झुकनेवाले नहीं हैं. लालू की जुबान बंद करने के लिए कार्रवाई की जा रही है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित इफ्तार में सीएम नीतीश कुमार, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी भी पहुंचे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने उनलोगों का स्वागत किया. मिन्नत रहमानी ने प्रमुखनेताओं को शाल व टोपी भेंट की. इफ्तार में यतीमखाना के सौ से अधिक बच्चे शामिल हुए. मौके पर मंत्री अवधेश कुमार सिंह, डॉ मदन मोहन झा व अब्दुल गफूर, राजद अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा, विधायक अमिता भूषण, पूनम पासवान, शकील अहमद खान, बंटी चौधरी व अमित कुमार टुन्ना, रामचंद्र भारती, तनवीर अख्तर, पूर्व विधान पार्षद गुलाम गौस सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी शामिल हुए.
अफवाह को खबर की शक्ल देकर आवाज किया जा रहा कमजोर : मनोज
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार पर आयकर की संपत्ति जब्त करने के मामले में पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि संपत्ति जब्ती की खबर मीडिया के एक वर्ग में चलायी जा रही है. उनके वकील और लीगल टीम सारे प्रश्नों और पहलुओं पर बिंदुवार पक्ष रखेंगे. इस मामले में न सिर्फ भाजपा बल्कि मीडिया का एक वर्ग भी अफवाह को खबर की शक्ल दे देते हैं. आयकर के समक्ष न उपस्थित होने पर दस हजार रुपये का मीसा भारती पर जुर्माना की खबर आधारहीन थी.
राजद को इस बात का एहसास है कि अलग-अलग माध्यमों से उनके स्वर को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. लालूजी के नेतृत्व में दलितों पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और प्रगतिशील वर्ग की चेतना की लड़ाई इन गीदड़ भभकियों से नहीं डरनेवाली है. मीडिया राजद से जुड़े मसलों पर सनसनीखेज खबर बनाने से पहले उसकी समग्रता में पड़ताल कर ले.
राजनीतिक प्रतिशोध में केंद्र की तानाशाह सरकार आगे क्या करेगी यह तो भविष्य के गर्भ में है. आज जिस प्रकार केंद्र सरकार अपनी समर्थित मीडिया के माध्यम से प्रमुख विपक्षी दलों को येनकेन प्रकारेण ठिकाने लगाने की गंभीर साजिश कर रही है उसका जवाब जनता की अदालत में मिलेगा. किस प्रकार विपक्ष के मजबूत नेताओं से राजनीतिक लड़ाई में अक्षम केंद्र की सत्ता अब इन हथकंडों के सहारे ही अपना अस्तित्व बचाना चाहती है.
