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टीईटी-2011 में अनुत्तीर्ण 16 उम्मीदवारों ने फर्जी प्रमाण पत्र से ले ली शिक्षक की नौकरी

पटना : बिहार प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2011 में असफल रहे कुछ अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ कर या फर्जी प्रमाण पत्र बना कर उन्हें सफल साबित करने का मामला प्रकाश में आया है. ऐसे 16 अभ्यर्थियों की भी जानकारी मिली है, जिन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की है. इस […]

पटना : बिहार प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2011 में असफल रहे कुछ अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ कर या फर्जी प्रमाण पत्र बना कर उन्हें सफल साबित करने का मामला प्रकाश में आया है. ऐसे 16 अभ्यर्थियों की भी जानकारी मिली है, जिन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की है.
इस मामले में कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है, जिसके बाद पुलिस ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) के अभिलेखागार प्रभारी जटा शंकर मिश्र व पदचर रंजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बेगूसराय के छोटी बलिया स्थित विभिन्न स्कूलों से तीन शिक्षिकाओं को हिरासत में लिया है. यह जानकारी बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी. वह शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि मामले में बोर्ड के कंप्यूटर सेल के सहायक अमितेश कुमार व अन्य तथा कई बाहरी लोगों की भी संलिप्तता है. मामले में पुलिस राज्य के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर रही है.
गलत ढंग से किया गया प्रमाण पत्रों का सत्यापन
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के इस धंधे में बिचौलियों के साथ बोर्ड के कुछ कर्मियों की भी मिलीभगत थी. बोर्ड को शिकायत मिली थी कि कई असफल उम्मीदवारों ने फर्जी प्रमाण पत्र बना कर नौकरी लेने का प्रयास किया और कुछ ने नौकरी ली भी.
इसमें कुछ बोर्ड के कुछ कर्मियों ने भी साथ दिया. फर्जी प्रमाण पत्र बनाने में साथ दिया. उसके बाद विभिन्न जिलों से जब प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए बोर्ड कार्यालय आया, तो गलत ढंग से उसका सत्यापन करके भेज दिया गया.
एक सप्ताह पहले मिली जानकारी
बिहार बोर्ड को मामले की जानकारी एक सप्ताह पहले मिली, जब निगरानी की टीम जांच कर रही थी. उसके बाद बोर्ड की ओर से जांच कमेटी का गठन किया गया. जांच में 16 उम्मीदवारों के प्रमाण पत्र, स्टेटस आदि में छेड़छाड़ पाया गया. इसके लिए क्लोन डाटा बेस तैयार किये जाने की भी जानकारी मिली. उसके बाद जांच प्रतिवेदन के आधार पर 19 जुलाई को कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.
प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद एसएसपी मनु महाराज के मार्गदर्शन में छापामारी कर जटाशंकर मिश्र व रंजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस जांच कर रही है. उल्लेखनीय है कि निगरानी जांच कई जिलों में चल रही है.
विभिन्न जिलों में छापेमारी
संवाददाता सम्मेलन में एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि मामले को लेकर विभिन्न जिलों में छापेमारी चल रही है. पटना के अलावा, बेगूसराय, सुपौल, गया व अन्य जिलों में छापामारी की गयी है. यह रैकेट तीन चरणों में चल रहा था, जिसमें उम्मीदवार, बोर्ड के कुछ कर्मचारी व कुछ बाहरी लोगों की संलिप्तता है. मामले कई लोग अभी फरार हैं.
उम्मीदवारों ने बेल लेने में किया था फर्जीवाड़ा
एसएसपी ने बताया कि मामले में संलिप्त उम्मीदवार पूर्व में बेल लेने में भी फर्जीवाड़ा कर चुके हैं. फर्जी प्रणाण पत्र बनवा कर नौकरी लेने की शिकायत पर उक्त उम्मीदवारों के खिलाफ पूर्व में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. उस दौरान उन्होंने फर्जी तरीके से कोर्ट से बेल ले लिया था.
आज से बिहार बोर्ड में शिकायत कोषांग
फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने संबंधी कोई शिकायत हो, तो बिहार बोर्ड में दर्ज करायी जा सकती है. बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि इसके लिए शनिवार से बोर्ड कार्यालय में एक कोषांग का गठन किया जा रहा है. ई-मेल, मैसेज आदि के माध्यम से शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. बोर्ड अपने स्तर से त्वरित कार्रवाई करेगा.

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