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पटना जिले में रू 3200 में सौ सीएफटी मिलेगा बालू, पीले सोने के लिए सोन नदी में कभी भी गरज सकती हैं बंदूकें

आम लोगों को बालू उपलब्ध करवाने की व्यवस्था पटना : राज्य में बालू की बढ़ती कीमतों की शिकायत के बाद सरकार ने पटना जिला में 3200 रुपये और भोजपुर जिला में 2800 रुपये प्रति सौ सीएफटी की दर से आमलोगों को बालू उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की है. साथ ही किसी भी तरह की समस्या […]

आम लोगों को बालू उपलब्ध करवाने की व्यवस्था
पटना : राज्य में बालू की बढ़ती कीमतों की शिकायत के बाद सरकार ने पटना जिला में 3200 रुपये और भोजपुर जिला में 2800 रुपये प्रति सौ सीएफटी की दर से आमलोगों को बालू उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की है.
साथ ही किसी भी तरह की समस्या होने पर पटना और भोजपुर जिला में दो-दो अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है. इन सभी पर नजर रखने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग ने सहायक निदेशक को नोडल अधिकारी बनाया है. दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर राज्य की नदियों में एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू निकालने का काम बंद है. इस कारण राज्य में बालू की कीमत बढ़ने की शिकायतें खान एवं भू-तत्व विभाग को लगातार मिल रही थीं.
कहां-कहां मिलेगा बालू : पटना जिले के सगुना मोड़ (दानापुर), न्यू बाइपास (70 फुट बाइपास के पास) और एम्स (फुलवारीशरीफ) के पास बालू उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है. इन जगहों पर 3200 रुपये प्रति सौ सीएफटी बालू मिलेगा. भोजपुर जिले में धोबी घटवा और चंदवा में आमलोगों को 2800 रुपये प्रति सौ सीएफटी में बालू मिलेगा.
समस्या हो, तो यहां करें संपर्क
बालू मिलने में किसी भी तरह की समस्या होने पर समाधान के लिए आमलोगों की सहूलियत के लिए पटना में दो अधिकारियों की नियुक्त की गयी है.
इनमें राजन कुमार मोबाइल नंबर 7870060992 और अवनीश कुमार मोबाइल नंबर 7870060976 शामिल हैं. इसके साथ ही भोजपुर जिले में सुभाष सिंह मोबाइल नंबर 9431087193 और रोहित चौधरी मोबाइल नंबर 7979847541 शामिल हैं. वहीं खान एवं भूतत्व विभाग के नियंत्रण कक्ष 0612-2215350 और 0612-2215351 पर संपर्क किया जा सकता है. बालू की बिक्री पर निगरानी की जिम्मेवारी विभाग के उपनिदेशक संजय कुमार को दी गयी है. उनका मोबाइल नंबर 9431071031 है.
पीले सोने के लिए सोन नदी में कभी भी गरज सकती हैं बंदूकें
बिहटा : सोन में एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद विवादित महुई महाल पर धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है. करीब 25 सौ एकड़ के इस विवादित स्थान पर बालू खनन के लिए पूर्व में कई बार फौजिया व सिपाही राय गुट में गोलीबारी हो चुकी है.
आरा व पटना के दो अलग-अलग खतियान व नक्शे के कारण इस विवादित महुई महाल पर इस बार माहौल दूसरा बना हुआ है. जिस जमीन पर बालू निकासी को लेकर वर्षों से वर्चस्व की लड़ाई चली आ रही है. उसमें भोजपुर के रमाशंकर सिंह उर्फ फौजिया व मनेर के उमाशंकर सिंह उर्फ सिपाही राय का गुट शामिल हैं, लेकिन कुछ माह पूर्व फौजिया की हत्या हो गयी.
बताया जाता है कि सिपाही गुट पूरे महुई महाल को अपने कब्जे में कर लेना चाहता है. सूत्र बताते हैं कि इसको लेकर फौजिया गुट में गहरा आक्रोश व्याप्त है. नतीजा वह भी अपने वजूद को बचाये रखने के लिए बड़े संघर्ष के मूड में है. इससे एक बार वहां संघर्ष की आशंका प्रबल हो गयी है.

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