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पटना मास्टर प्लान 2031 : मेट्रोपोलिटन कमेटी नक्शा पास करेगी

पटना : कैबिनेट से राजधानी का मास्टर प्लान पास होने के बाद सभी जुड़ने वाले संभावित क्षेत्र का नक्शा पास करने का अधिकार पटना मेट्रोपोलिटन कमेटी के पास होगा. इस क्षेत्र में होने वाले संभावित व प्रस्तावित विकास को ध्यान में रख कर ही आवासीय या व्यावसायिक भवनों का नक्शा पास होगा. इसकी मॉनीटरिंग बॉडी […]

पटना : कैबिनेट से राजधानी का मास्टर प्लान पास होने के बाद सभी जुड़ने वाले संभावित क्षेत्र का नक्शा पास करने का अधिकार पटना मेट्रोपोलिटन कमेटी के पास होगा. इस क्षेत्र में होने वाले संभावित व प्रस्तावित विकास को ध्यान में रख कर ही आवासीय या व्यावसायिक भवनों का नक्शा पास होगा. इसकी मॉनीटरिंग बॉडी नगर विकास स्तर पर काम करेगी. नक्शा का आवेदन कैसे लिया जायेगा, आम आदमी अपने आवेदन

को इ-म्युनिसिपैलिटी की वेबसाइट
पर आवेदन देगा या अन्य कोई वैकल्पिक रास्ता बनाया जायेगा, इसकी रूपरेखा नगर विकास व आवास विभाग में बन रही है. जानकारी के अनुसार विभाग नये मास्टर प्लान के अलावा बिल्डिंग बायलाॅज के अनुसार भी काम करेगा.
नगर निगम में बदल जायेगा लैंड यूज : नये मास्टर प्लान से पटना नगर निगम क्षेत्र में कोई विशेष बदलाव नहीं आयेगा. नगर निगम बिल्डिंग बॉयलाज 2014 के अनुसार ही करेगा. हालांकि नगर निगम में पुराने लैंड यूज में बदलाव होगा. अधिकारी बताते हैं कि मास्टर प्लान पास होने के बाद निगम क्षेत्र में लैंड यूज बदलने की संभावना है. इसमें नगर निगम एक बार फिर आवासीय व व्यावसायिक क्षेत्रों को मास्टर प्लान के तर्ज पर लेगा और उसी के अनुसार संबंधित क्षेत्र में नक्शा पास किया जायेगा. हालांकि नगर निगम में पहले से चल रहा ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया ही जारी रहेगी.
पटना. बिहटा एयरपोर्ट पर विश्व का सबसे बड़ा जहाज एयरबस ए-380 और बोइंग 747 भी उतर सकेंगे. इन विमानों को आम भाषा में जम्बो जेट कहा जाता है. एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) ने जम्बो जेट की लैंडिंग और टेकऑफ को ध्यान में रखकर बिहटा एयरपोर्ट को विकसित करने की योजना बनायी है.
इसकी लैंडिंग और टेकऑफ के लिए 9 से 12 हजार फुट रन-वे की जरूरत होती है. फिलहाल बिहटा में वायु सेना हवाई अड्डे का रन-वे 8200 फुट है, जिसे बढ़ा कर 12000 फुट करने की योजना है. बिहटा एयरपोर्ट को 2022 तक विकसित करने की योजना है. पटना एयरपोर्ट के पदाधिकारियों के मुताबिक बिहार सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण के बाद पांच सालों में एयरपोर्ट को विकसित कर लिया जायेगा. सूत्रों के मुताबिक हवाई जहाजों की लैंडिंग का चार्ज एयरफोर्स के हिस्से होगा. वहीं, एयरपोर्ट ऑथोरिटी के हिस्से रूट नेविगेशन फैसिलिटी चार्ज, पैसेंजर सर्विस फीस, एक्स-रे चार्ज आदि होंगे. प्रॉफिट की साझेदारी पर अंतिम फैसला होना अभी बाकी है.
एयरबस ए380 विश्व का सबसे बड़ा पैसेंजर विमान है. यह डबल डेकर होती है. इसमें चार इंजन होते हैं. इसमें बिजनेस क्लास में 525 और इकोनॉमी क्लास में 853 यात्री एक साथ सफर कर सकते हैं. यह 900 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से 15700 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है.
बोइंग 747 : यह भी डबल डेकर प्लेन है. इसमें बिजनेस क्लास में 416 और इकोनॉमी क्लास में 660 यात्री बैठ सकते हैं. यह 920 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से 13450 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है.
बिहटा एयरपोर्ट का विकास इस तरह से किया जायेगा कि भविष्य में यहां एयरबस ए 380 और बोइंग 747 जैसे विमान उतर सकें. फिलहाल रन-वे 8200 फुट लंबा है, जिसका विस्तार होना है. बिहटा एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मानक पर तैयार करने की योजना है. राज्य सरकार द्वारा जमीन मिलने के बाद पांच सालों में इसे विकसित कर लिया जायेगा.
आरएस लाहौरिया, निदेशक, पटना एयरपोर्ट
क्या-क्या होंगे काम
एएआइ को रन-वे लाइट और नेविगेशन फैसिलिटी डेवलप करना होगा. जिसकी मदद से हवाई जहाज को हवा में 50 किलोमीटर दूर से ही रूट का पता चल जायेगा.
टर्मिनल बिल्डिंग बननी है, जिसमें यात्री सेवा और विभिन्न विमान सेवा कंपनियों के ऑफिस होंगे.
एरो ब्रिज होगा. जिससे जहाज के दरवाजे टर्मिनल बिल्डिंग से कनेक्ट हो जायेंगे. उन्हें रन-वे से जाना नहीं होगा.
एपरॉन, जिसमें हवाई जहाज की पार्किंग की व्यवस्था होगी.

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