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पटना : लोन देने में बैंक पीछे, कृषि सेक्टर पर करें पूरा फोकस : सुशील मोदी

राज्य में बैंकों का साख-जमा अनुपात गिरा, जतायी नाराजगी पटना : डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य में कार्यरत बैंकों को आम लोगों खासकर किसानों को सहज तरीके से ज्यादा से ज्यादा कर्ज देने की बात कही है. बुधवार को एसएलबीसी (राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी) की 68वीं बैठक में उन्होंने बैंकों […]

राज्य में बैंकों का साख-जमा अनुपात गिरा, जतायी नाराजगी
पटना : डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य में कार्यरत बैंकों को आम लोगों खासकर किसानों को सहज तरीके से ज्यादा से ज्यादा कर्ज देने की बात कही है.
बुधवार को एसएलबीसी (राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी) की 68वीं बैठक में उन्होंने बैंकों की कार्य-प्रणाली की गहन समीक्षा की. चालू वित्तीय वर्ष की पहली बैठक में बैंकों की लापरवाही पर सख्त रवैया अख्तियार करते हुए मोदी ने कहा कि बैंक हर हाल में वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान ऋण देने के अपने निर्धारित लक्ष्य एक लाख 45 हजार करोड़ को हासिल करे. राज्य के सीडी रेसियो (साख-जमा अनुपात) में आयी एक प्रतिशत की गिरावट पर चिंता जाहिर की. वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान सीडी रेसियो 45.38 प्रतिशत था, जो 2018-19 में गिरकर 44.09 प्रतिशत हो गया.
यह बैंकों के ऋण देने में उदासीन रवैये को दर्शाता है. इसी वजह से इस बार 2018-19 में बैंकों ने ऋण देने के अपने निर्धारित लक्ष्य एक लाख 30 हजार करोड़ में एक लाख नौ हजार 582 करोड़ के ही ऋण बांटे हैं, जो लक्ष्य का 84.29 प्रतिशत है.
वहीं, वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए निर्धारित वार्षिक साख योजना (एसीपी) एक लाख 10 हजार करोड़ में 99 हजार 934 करोड़ रुपये के ऋण बांटे गये थे, जो लक्ष्य का 90.85 प्रतिशत है. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार बैंकों ने ऋण बांटने में कोताही बरती है. इस बार हर जिले में 10 खराब और 10 बेहतर प्रदर्शन करने वाली बैंक शाखाओं की सूची सार्वजनिक की जायेगी. उन्होंने आगामी छह महीने में बैंक ऑउटलेट खोलने के 160 के लक्ष्य को पूरा करने का आदेश दिया.
डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस बार 10 उन जिलों की पहचान की गयी है, जहां एसीपी में 70 फीसदी से कम उपलब्धि हासिल हुई है. इसमें मधुबनी, गोपालगंज, शिवहर, जहानाबाद, बांका, सीतामढ़ी, कटिहार, सुपौल सीवान और मधेपुरा शामिल हैं. पांच जिले ऐसे हैं, जहां पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में एसीपी में 20 फीसदी की गिरावट हुई है. ये जिले मधुबनी, गोपालगंज, जहानाबाद, सीवान और शिवहर हैं.
ऋण देने फिसड्डी साबित हुए जिलों में प्रमुख बैंकों के सीजीएम रैंक के अधिकारी इन जिलों में जाकर करेंगे जिला स्तरीय समीक्षा बैठक और इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. ताकि ऋण बांटने में आयी बड़ी गिरावट के सही कारणों का पता चल सके. एसबीआइ के सीजीएम गोपालगंज, मधुबनी, कटिहार, सीवान और जहानाबाद जिले जायेंगे. वहीं, यूको के अधिकारी बांका जायेंगे.
साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों के लिए गठित होगा सेल
कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि कृषि से जुड़े कई योजनाओं के तीन हजार आवेदन बैंकों में पड़े हुए हैं. कृषि लोन देने में बैंक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि तीन करोड़ बैंक खातों की आधार सीडिंग नहीं हुई है.
नगर विकास एवं आ‌वास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि शहरी क्षेत्रों की आवासीय योजनाओं में भी लोन देने में बैंक सजग नहीं हैं. उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि छोटे एवं लघु उद्योगों को लोन देने पर से ध्यान देने की जरूरत है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषि क्षेत्र में 60 हजार करोड़ ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 43 हजार 621 करोड़ ही लोन बंटा है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके लिए राज्य स्तरीय एक सेल का गठन किया जायेगा, जो साइबर अपराध से जुड़े सभी तरह के मामलों को देखेगा. उन्होंने कहा कि अगली एसएलबीसी की बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा होगी.
फसल सहायता योजना
राज्य में केंद्र की फसल बीमा योजना स्थगित कर दी गयी है. इसके स्थान पर राज्य सरकार अपने स्तर से फसल सहायता योजना चला रही है. इसके तहत अब तक ढाई लाख किसानों के बीच 315 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं.
डिप्टी सीएम ने कहा कि अभी केसीसी लेने में फसल बीमा योजना लेने की अनिवार्यता है. इसे समाप्त करने के लिए वह केंद्रीय वित्त मंत्री से बात करेंगे. राज्यों के लिए इस बाध्यता को खत्म करने पर बात होगी. उन्होंने कहा कि केसीसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का प्रावधान होना चाहिए.
सिक्कों की समस्या को केंद्र के समक्ष उठायेंगे
डिप्टी सीएम ने कहा कि सिक्कों की समस्या बैंकों से लेकर बाजार में तेजी से बढ़ती जा रही है. इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष 21 जून को होने वाली बजट पूर्व बैठक में उठायेंगे. इसके लिए कोई ठोस रणनीति तैयार करने पर विचार किया जायेगा. बैंक अधिकारियों ने भी कहा कि सिक्कों की वजह से बैंकों के करेंसी चेस्ट भरे पड़े हैं. इन्हें रखने की जगह तक नहीं है.
डीबीटी से पैसे ट्रांसफर में हो रही समस्या
डीबीटी (डॉयरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) में बैंक के स्तर पर काफी समस्या आ रही है. अब तक 16 लाख लोग ऐसे हैं, जिनका बैंक एकाउंट आधार से सीडिंग नहीं होने से इनके खाते में पैसे नहीं जा रहे हैं. इन्हें जल्द पूरा करने के लिए बैंकों को व्यापक स्तर पर पहल करने की जरूरत है.
एटीएम की समीक्षा
मोदी ने कहा कि राज्य में मौजूद एटीएम की समीक्षा की जायेगी. यह देखा जायेगा कि कितने एटीएम तीन महीने से ज्यादा समय से खराब पड़े हुए हैं. बैंकों से कहा कि वे एटीएम की संख्या बढ़ाये खासकर ग्रामीण इलाकों में ज्यादा से ज्यादा एटीएम खोला जाये.

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