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पटना : इनकम टैक्स के नोटिस से 2500 जमीन मालिकों में हड़कंप

सुबोध कुमार नंदन पटना : शहर के 2500 से अधिक जमीन मालिकों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है. नोटिस में कैपिटल गेन के तहत 20 से 25 लाख रुपये तक का आयकर चुकाने को कहा गया है. इनकम टैक्स की इस नोटिस के बाद जमीन मालिकों में हड़कंप मच गया है. वहीं, आयकर ने […]

सुबोध कुमार नंदन
पटना : शहर के 2500 से अधिक जमीन मालिकों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है. नोटिस में कैपिटल गेन के तहत 20 से 25 लाख रुपये तक का आयकर चुकाने को कहा गया है. इनकम टैक्स की इस नोटिस के बाद जमीन मालिकों में हड़कंप मच गया है. वहीं, आयकर ने कई ऐसे लोगों को भी नोटिस किया है, जिनकी जमीन वर्षों से खाली पड़ी है या उस पर किसी तरह का कोई निर्माण नहीं है. उनको आश्चर्य है कि इस पर कैपिटल गेन का मामला कैसे हो सकता है.
इस संबंध में आयकर के वरीय अधिकारी ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि डेवलपर व जमीन मालिक के बीच जो समझौता हुआ है. उसी के तहत जमीन मालिकों को एक्ट 148 के तहत नोटिस भेजा गया है. केस रि-ओपन इनकम टैक्स के एक्ट 147 के तहत होगा. जिसमें एक माह का समय करदाताओं को दिया जायेगा. इस संबंध में आयकर बजट 2017 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया था.
क्यों देना पड़ता है कैपिटल गेन टैक्स
रियल एस्टेट टैक्सेशन और रेरा के मामलों के जानकार व वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश कुमार खेतान ने बताया कि आयकर की धारा 45 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी कैपिटल एसेट को ट्रांसफर करता है, तो उसे कैपिटल गेन टैक्स देना होता है. यहां पर जमीन एक कैपिटल एसेट है.
ट्रांसफर को आयकर की धारा 2 (47) में बताया गया है, इसके क्लॉज 5 के अनुसार अगर कोई इम्मूवेबल प्रॉपर्टी को यदि पार्ट ऑफ कॉन्ट्रैक्ट, जो कि ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 53ए में बताये गये हैं, के तहत भी हस्तांतरित करता है या पोजिशन भी देता है तो उसे ट्रांसफर माना जायेगा. आयकर के इसी प्रोविजन को आधार बनाकर विभाग द्वारा जमीन मालिकों को नोटिस दिया है.
स्थिति नहीं हो पा रही स्पष्ट
वरीय चार्टर्ड एकाउंटेंट मशींद्र कुमार मशी के अनुसार इनकम टैक्स में नये सेक्शन सेक्शन 45 (5ए) में कहा गया है कि जब एग्रीमेंट होने के बाद मकान बन कर तैयार हो जाता है और उसको सर्टिफिकेट ऑफ कंप्लीशन मिल जाता है. तभी ट्रांसफर माना जायेगा, लेकिन यह पुराने साल पर लागू नहीं होता है. इस तरह के दो मत होने की वजह से स्थिति स्पष्ट नहीं है.
क्या है कैपिटल गेन
कैपिटल गेन यानी किसी पूंजी से होने वाला फायदा. ये पूंजी आपका घर, संपत्ति, जेवर शेयर, बॉन्ड आदि कुछ भी हो सकता है. ऐसी किसी भी चीज को खरीदने के बाद बेचने से जो लाभ होता है उसे कैपिटल गेन कहते हैं. इसे सरकार अापकी इनकम का हिस्सा मानती है और उस पर टैक्स भी लेती है. लॉग टर्म कैपिटल गेन पर केवल 20 फीसदी टैक्स लगता है.
प्राॅपर्टी निवेश कर बच सकते हैं टैक्स से
आयकर अधिवक्ता मनीष कुमार बनेटिया के अनुसार इनकम टैक्स में प्रावधान है कि परती जमीन या किसी तरह की प्रॉपर्टी है, तो उन सभी पर कैपिटल गेन लगता है. उसका आकलन खरीद व बिक्री के दौरान रुपये का अवमूल्यन की गणना करने के बाद जो भी मुनाफा अाता है. उस रकम का निवेश प्रॉपर्टी में निवेश करें तभी इन्कम टैक्स बचेगा. अगर किसी को 20 लाख टैक्स का नोटिस आया है. वह पूर्ण इन्कम मान कर लगाया गया है.

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