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पटना दीघा भूमि अधिग्रहण विवाद : 12 घंटे कार्रवाई, 44 मजिस्ट्रेट, तीन डीएसपी, 150 पुलिसकर्मी तब जाकर हुआ जमीन का अधिग्रहण

दीघा भूमि अधिग्रहण विवाद. उत्तरी नेपाली नगर सेक्टर-7 में 5 व राजीव नगर थाने के पास एक एकड़ का अधिग्रहण पटना : आखिरकार 40 वर्षों से अधिक पुराने अधिग्रहण के मामले में बिहार राज्य आवास बोर्ड को शनिवार को सफलता मिल गयी. पूरे 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण तो नहीं, लेकिन दो वर्षों से चल […]

दीघा भूमि अधिग्रहण विवाद. उत्तरी नेपाली नगर सेक्टर-7 में 5 व राजीव नगर थाने के पास एक एकड़ का अधिग्रहण
पटना : आखिरकार 40 वर्षों से अधिक पुराने अधिग्रहण के मामले में बिहार राज्य आवास बोर्ड को शनिवार को सफलता मिल गयी. पूरे 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण तो नहीं, लेकिन दो वर्षों से चल रही मशक्कत के बाद छह एकड़ जमीन पर प्रशासन के सहयोग से शनिवार को कब्जा कर लिया गया. सुबह तीन बजे प्रशासन के अाला अधिकारी और पुलिस की टीम ने अधिग्रहण के लिए कूच किया. चार बजे सुबह मौके पर पूरी टीम पहुंच गयी. साढ़े चार बजे से काम शुरू कर दिया गया.
फिर लगभग 12 घंटे की कार्रवाई चली. इस दौरान कुल 44 मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गयी. तीन डीएसपी लगे. राजीव नगर और दीघा थाने के अलावा 150 पुलिस जवानों की तैनाती की गयी थी. इसके साथ एसएसबी डीआइजी व जवान भारी संख्या में मौजूद थे. तब जाकर दीघा के घुड़दौड़ रोड में उत्तरी नेपाली नगर सेक्टर सात में पांच एकड़ (ढाई एकड़ एसएसबी-ढाई एकड़ सीबीएसइ) और दीघा आशियाना मार्ग पर राजीव नगर थाने के बगल में एक एकड़ की जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो गया.
शुक्रवार की रात में बैठक कर प्रशासन ने तैयार किया था ब्लू प्रिंट : अधिग्रहण की जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए प्रशासन ने अच्छी खासी तैयारी कर ली थी.
इसके लिए जिलाधिकारी कुमार रवि के निर्देशन में शुक्रवार की रात आठ बजे प्रशासन के अलावा अधिकारियों की बैठक की गयी. रात 11 बजे तक अधिकारी बैठक करते रहे. फिर अधिग्रहण पर कब्जा करने का ब्लू प्रिंट फाइनल किया गया. बैठक में डीएम, एसडीओ, डीसीएलआर, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर से लेकर कई बड़े अधिकारी मौजूद थे. प्रशासन का पूरा जोर था कि इस बार कोई हंगामा नहीं हो और पूर्व के अनुभव से सीख लेते हुए पूरे मामले को हैंडल किया जाये. मामला ऐसा हुआ कि स्थानीय लोगों को पता चलने से पहले ही आधा काम हो गया.
सफल रहा प्लान, हर इंट्री प्वाइंट पर तैनात रही पुलिस : इस बार प्रशासन का प्लान सफल रहा. घुड़दौड़ रोड चौराहा, दीघा थाना, दीघा-अाशियाना मोड़, राजीव नगर थाने से लेकर हर इंट्री प्वाइंट पर पुलिस तैनात कर दी गयी थी. संबंधित क्षेत्र में पुलिस ने किसी को झुंड बनाकर जाने नहीं दिया.
एक-एक व्यक्ति से प्वाइंट पर पूछताछ की जा रही थी. सुबह के दो घंटे कुछ विशेष रास्तों को बंद कर दिया गया था. इसके बाद मौके पर एसएसबी जवान भारी संख्या में तैनात थे. इस कारण अधिग्रहण विरोधी लोगों को कोई मौके पर जाकर हंगामा करने का मौका नहीं मिला. वहीं, डीसीएलआर से लेकर एडीएम लॉ एंड ऑर्डर दिन भर मौके पर तैनात रहे.
…क्षेत्रीय कार्यालय के साथ टीचर ट्रेनिंग सेंटर भी: वहीं, सीबीएसइ को भी 2.5 एकड़ की जमीन पर कब्जा दिलाया गया. सीबीएसइ के रीजनल अधिकारी जगदीश वर्मन ने बताया कि जुलाई, 2017 में आवास बोर्ड को 35 लाख रुपया दे दिया गया था. अब कब्जा मिल गया है. दो माह में नक्शा फाइनल कर काम शुरू कर दिया जायेगा.
…यहां क्षेत्रीय कार्यालय के साथ शिक्षकों के प्रशिक्षण का केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) भी खोला जायेगा. भवन के लिए अभी मॉडल तैयार करना और टेंडर निकालनाबाकी है.
पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े
पटना . प्रशासन की ओर से दीघा में छह एकड़ जमीन के अधिग्रहण के विरोध में शनिवार को स्थानीय लोगों ने जम कर विरोध किया. दीघा थाने के पास दिन के लगभग 11 बजे पॉलसन रोड रणक्षेत्र के रूप में बदल गया. स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया.
एक बाइक को जला दी, जबकि दो बाइकों को ईंटों से कूच कर क्षतिग्रस्त किया गया. इस दौरान एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों को चोट आयी. दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गये. वहीं पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया. पूरे इलाके में अफरातफरी रही. स्थानीय लोगों ने एक घंटे तक मुख्य मार्ग को जाम कर रखा था. बाद में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े, तब जाकर स्थिति सामान्य हुई.
डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर राकेश कुमार ने बताया कि दीघा के नेपाली नगर में अधिग्रहण का काम किया जा रहा था. इसके लिए मुख्य इंट्री प्वाइंटों पर नाकेबंदी की गयी थी. इसलिए पुलिस दीघा क्षेत्र में गश्ती कर रही थी. उसी दौरान पुलिस पार्टी पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया. पुलिस पर पथराव हुआ. इसके बाद मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी. वहीं एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि पूरे मामले की रिकॉर्डिंग की गयी है. फोटो के आधार पर आगे और भी कार्रवाई की जायेगी.
फिलहाल नहीं होगा कोई नया अधिग्रहण
छह एकड़ पर अधिग्रहण के बाद माहौल शांतिपूर्ण
रहे. इसके लिए अगले तीन दिनों तक तीन मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी गयी है. पुलिस बल की भी प्रतिनियुक्ति पर रखा गया है. प्रशासन वाच एंड वर्क मोड में हैं. वहीं आवास बोर्ड के सचिव सुधांशु चौबे ने कहा कि फिलहाल छह एकड़ के अलावा नये अधिग्रहण के लिए आवास बोर्ड का कोई प्लान नहीं है. इसलिए दीघा के लोग किसी बहकावे में नहीं आएं. मामले को शांतिपूर्ण ढंग से निबटाने के लिए सबके सहयोग की जरूरत है.
दीघा थानाध्यक्ष ने एसएसपी से पांच दिनों तक अतिरिक्त बल की तैनाती करने का किया आग्रह
पटना . दीघा थानाध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद ने एसएसपी गरिमा मलिक से दीघा में अधिगृहीत जमीन की सुरक्षा को लेकर पांच दिनों तक अतिरिक्त बल की तैनाती करने मांग की है. थानाध्यक्ष ने एसएसपी को बताया है कि जमीन को परिसीमन करा कर घेराबंदी करा लिया गया है जो वर्तमान में सुरक्षित कब्जे में है. लेकिन इस कब्जे से अतिक्रमणकारियों में आक्रोश व्याप्त है.
पटना : दो साल पहले भी लोगों ने जला दी थीं दो जेसीबी व एक जीप
40 वर्षों से अधिक पुराना है अधिग्रहण का विवाद
पटना : दीघा के 1024.52 एकड़ जमीन को लेकर बिहार राज्य आवास बोर्ड अधिग्रहण का मामला लगभग 40 वर्ष से अधिक पुराना है. इसको लेकर राजीव नगर व अन्य क्षेत्रों के लोग व आवास बोर्ड के बीच कई बार झड़प का मामला सामने आ चुका है. बीते 40 वर्षों में कई बार अधिग्रहण को लेकर पुलिस प्रशासन व स्थानीय लोगों में झड़प हो चुकी है. वर्ष 2017 में पांच सितंबर को उसी जगह पर आवास बोर्ड के अधिग्रहण पर भारी विवाद हुआ था. उस दौरान आवास बोर्ड जमीन अधिग्रहण करने गया था.
तब स्थानीय लोगों ने जम कर विरोध किया था. उस समय दो जेसीबी व एक पुलिस जीप को लोगों ने आग के हवाले कर दिया था. दीघा थाने पर पथराव भी किया गया था. इसके बाद कार्रवाई में पुलिस ने 100 लोगों पर नामजद व 1000 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की थी. तब से मामला ठंडा पड़ा हुआ था.
इस बार आवास बोर्ड ने ठीक बगल की दो प्लॉटों पर कब्जा दिलाया है, जबकि आज भी वे जली जेसीबी व जीप पड़ी हुई हैं. गौरतलब है कि दीघा अर्जित भूमि अधिनियम 2013 दीघा की पूरी जमीन को 600 एकड़ व 400 एकड़ में बांट कर अलग-अलग प्लान हैं. इसमें 400 एकड़ की जमीन का अधिग्रहण कर विभिन्न तरह के निर्माण को विकसित करना है, जबकि राजीव नगर के 600 एकड़ जमीन में भू-मालिकों से अधिग्रहण शुल्क लेकर भूमि को अधिग्रहण से मुक्त किया जाना है.
बंदूक की नोक पर कब्जा, गलत है प्रशासन का कदम : प्रशासन की ओर से अधिग्रहण के बाद स्थानीय लोग बहुत विरोध नहीं कर पाये. स्थानीय लोग खुल कर कुछ नहीं बोल रहे हैं. दोपहर तीन बजे दीघा कृषि भूमि-आवास बचाओ संघर्ष समिति की ओर से बैठक की गयी. कार्यकारी अध्यक्ष श्रीनाथ सिंह ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अब इस तरह का अधिग्रहण कानूनी नहीं हो सकता. बगैर मुआवजा दिये बंदूक की नोक पर जमीन पर कब्जा कर लिया.
एसएसबी ने लगा लिया कैंप
शुक्रवार को कुल छह एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया. इसमें उत्तरी नेपाली नगर सेक्टर में दो ढाई-ढाई एकड़ के प्लॉट पर कब्जा कर अधिग्रहण का बोर्ड लगा दिया गया है. इसमें एक-एक प्लॉट को सशस्त्र सीमा बल और सीबीएसइ को दिया गया. एसएसबी के डीआइजी सुधीर वर्मा ने बताया कि बीते वर्ष अप्रैल माह में 35 करोड़ रुपये की जमीन आवास बोर्ड को दी गयी थी. इसके बाद अब जाकर जमीन पर कब्जा मिला है.
…हम लोगों ने तार से घेराबंदी कर ली है. यहां
अस्थायी कैंप लगा दिया गया है. इसमें हमारे जवान तैनात रहेंगे. इसके बाद प्लान के अनुसार आगे भवन बनाने की कार्रवाई की जायेगी.
..बाहर से
लाना पड़ा बिल्डिंग मेटेरियल : अधिग्रहण के बाद घेराबंदी के लिए जरूरी बिल्डिंग मेटेरियल स्थानीय लोगों ने नहीं दी. एजेंसियों को बाहर से सामान लाना पड़ा.
…इसके अलावा
राजीव नगर थाने के लिए एक एकड़ जमीन का भी कब्जा दिलाया गया.

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