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Friday, March 29, 2024

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सीएम नीतीश कुमार ने की मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की समीक्षा, कहा, 30 तक नष्ट करें बरामद कर रखी गयी शराब

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने थाने या अन्य जगहों पर बरामद कर रखी गयी देशी-विदेशी शराब को हर हाल में 30 सितंबर तक नष्ट करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि बरामद होने वाली शराब 15 दिनों के अंदर नष्ट की जाये. इसके साथ ही शराबबंदी के पूर्व शराब के धंधे में लगे […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने थाने या अन्य जगहों पर बरामद कर रखी गयी देशी-विदेशी शराब को हर हाल में 30 सितंबर तक नष्ट करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि बरामद होने वाली शराब 15 दिनों के अंदर नष्ट की जाये.
इसके साथ ही शराबबंदी के पूर्व शराब के धंधे में लगे ट्रेडर (डिस्ट्रीब्यूटर, रिटेलर) पर भी निगरानी रखें. देखें कि शराबबंदी के बाद अब वे क्या कर रहे हैं ? पुलिस अधीक्षक गड़बड़ करने वाले थानेदारों पर तत्काल एक्शन लें. अगर उनके विषय में पुख्ता प्रमाण मिलता है तो ऐसे लोगों को सरकारी सेवा में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
मुख्यमंत्री शनिवार को एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में मद्य निषेध से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे. इस बैठक में उन्होंने शराब की बरामदगी से लेकर वाहनों की जब्ती, धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी, अंजाम देने वाले गिरोहों की पहचान, सीमावर्ती जिलों एवं राज्यों पर स्थित चेक पोस्ट की स्थिति व गड़बड़ करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों पर कार्रवाई सहित शराबबंदी से जुड़े अन्य कई मसलों पर विस्तृत समीक्षा की.
प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिया कार्रवाईयों का ब्योरा
समीक्षा बैठक में आर्थिक अपराध इकाई, आईजी प्रोहिबिशन तथा मध निषेध एवं उत्पाद विभाग ने मुख्यमंत्री के समक्ष अलग-अलग विस्तृत रूप से मद्य निषेध के संबंध में की गयी कार्रवाइयों से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा ने स्टेट्स रिपोर्ट ऑफ प्रोहिबिशन से संबंधित प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया. समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रमंडलीय आयुक्त, आईजी, डीआईजी, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे.
बैठक में मद्य निषेध, उत्पाद, निबंधन तथा ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी केएस द्विवेदी, प्रधान सचिव गृह, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, सूचना प्रावैधिकी के सचिव राहुल सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, एडीजी एसके सिंघल, एडीजी ईओयू जेएस गंगवार, आईजी मद्य निषेध रत्न संजय, उत्पाद आयुक्त आदित्य कुमार दास सहित पुलिस मुख्यालय एवं मद्य निषेध विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
शराब के धंधे में रहे लोगों की गतिविधि पर रखें निगाह
गड़बड़ी करने वाले थानेदारों पर लें तत्काल एक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश या अन्य राज्यों से शराब की जो खेप आ रही है, उसके स्रोत तक पहुंचना होगा. शराबबंदी लागू कर बिहार में सोशल रिफॉर्म की बुनियाद रखी गयी है, उससे कोई कंप्रोमाइज नहीं होगा.
दो अक्तूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनायी जायेगी, इसलिए डेडीकेशन के साथ प्रोहिबिशन को देखें. निचले स्तर पर जो अधिकारी इस काम में लगे हुए हैं, उन पर डीएम और एसपी को कड़ी निगरानी रखनी होगी ताकि वे कही कोई गड़बड़ नहीं कर सकें. सभी डीएम-एसपी को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर 15 दिन पर मीटिंग कर प्रोहिबिशन की स्थिति की जानकारी ली जाये. उन्होंने कहा कि सभी थानाध्यक्षों ने वचन लिखकर दिया था कि वह अपने इलाके में कोई गड़बड़ नहीं होने देंगे. अभी जो नये थानाध्यक्ष बनाये गये हैं, उनसे भी लिखवाइए कि उनके इलाके में शराब का कोई अवैध कारोबार नहीं होगा.
नैतिक व कानूनी दोनों माहौल बनाना पड़ेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि मद्य निषेध को लेकर नैतिक एवं कानूनी दोनों ही रूप से माहौल बनाना पड़ेगा. दो अक्तूबर को गांधी जी की 150वीं जयंती पर और अधिक मजबूती के साथ इसको लेकर कैंपेन चलाया जायेगा. कैंपेन के कारण ही बिहार में होने वाले बाल विवाह के आंकड़ों में कमी आयी है. इस काम में लगे अधिकारियों का नैतिक रूप से कमिटमेंट होना चाहिए. जो भी इधर-उधर करने वाले हैं, उन पर प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित कीजिये. उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक का यह दायित्व है कि निचले स्तर पर गड़बड़ करने वाले पर एक्शन लेने में कोताही न बरतें. पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस अभियान को और आगे बढ़ाया जाये.
हर महीने नियमित रूप से करें बैठक
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव, ईओयू के एडीजी और आईजी मद्य निषेध को हर महीने नियमित रूप से मीटिंग करें. ऐसे में मद्य निषेध से संबंधित किसी भी मुद्दे को तत्काल दूर किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि पांच-सात जिलों से जो रिपोर्ट आ रही है, उसको देखते हुए अगर और चेक पोस्ट बनाना पड़े तो बनाने की प्रक्रिया करें.
अगर नदी के माध्यम से भी शराब का आवागमन हो रहा है और इसकी रिपोर्ट विशेष कर वैशाली, छपरा और पटना से आ रही है तो तीनों जिलों के एसपी आपस में मीटिंग कर इस पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि इस काम में जो नदी थाने बनाये गये हैं, उसकी भी जिम्मेदारी तय की जाये.
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