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175 प्रखंडों में सूखे के हालात भयावह

पटना : राज्य के 175 प्रखंडों में सूखे की भयावह स्थिति है़ 99 प्रखंडों में हालात अति संवेदनशील हैं. दो से तीन दिनों में वर्षा नहीं हुई तो अकेले धान की पैदावार में 30 से 35 प्रतिशत की कमी हो सकती है़ जिन जिलों में सूखे को लेकर गंभीर हालात हैं, उनमें भागलपुर और बांका […]

पटना : राज्य के 175 प्रखंडों में सूखे की भयावह स्थिति है़ 99 प्रखंडों में हालात अति संवेदनशील हैं. दो से तीन दिनों में वर्षा नहीं हुई तो अकेले धान की पैदावार में 30 से 35 प्रतिशत की कमी हो सकती है़ जिन जिलों में सूखे को लेकर गंभीर हालात हैं, उनमें भागलपुर और बांका समेत अधिकतर दक्षिण बिहार के जिले हैं. सीएम के निर्देश पर कृषि विभाग ने सभी जिलों में अधिकारियों की टीम भेजी है़ रविवार तक रिपोर्ट आयेगी़ रिपोर्ट के आधार पर सरकार संबंधित प्रखंडों को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर सकती है़
गया जिले के मानपुर,बाराचट्टी, खिजरसराय, परैया और बोधगया के हालात बदतर हैं. इसी प्रकार भागलपुर, बांका, जमुई, लखीसराय, नवादा, जहानाबाद के दो प्रखंड, औरंगाबाद के पांच प्रखंड, नालंदा जिले के कई प्रखंड, उत्तर बिहार के सीवान और सारण के कुछ भागों में खेत में लगी फसल बरबाद हो रही है़ कृषि विभाग ने सभी जिलों में सूखे के हालात का आकलन करने को अधिकारियों की टीम भेजी है़ विभाग के संयुक्त और उप निदेशक स्तर के अधिकारी जिलों में पहुंच चुके हैं.
अधिकारियों की टीम खेतों में दरार, खेत में लगी फसल सूख रही है या किस स्थिति में है, कितने क्षेत्र में फसल नष्ट हुई है, फसल को दो से तीन दिनों में पानी नहीं मिला तो क्या हाल होगा जैसी बातों का जमीनी आकलन कर रही है़ रविवार तक विभाग को ग्राउंड लेवल की रिपोर्ट मिल जायेगी़ इसके बाद सरकार के स्तर पर बैठक होगी. फिर तत्काल निर्णय लिये जाने की संभावना है़
डीजल अनुदान की संख्या में बढ़ोतरी
सरकार के स्तर पर किसानों को राहत देने के लिए डीजल अनुदान की संख्या में बढ़ोतरी की है़ किसानों को खेतों में लगी धान की फसल को बचाने के लिए तीन की जगह पांच, रबी की गेहूं की फसल को बचाने के लिए तीन की जगह चार और मक्के के लिए दो की जगह तीन बार सिंचाई के लिए डीजल अनुदान लाभ दिया जायेगा़ इसके लिए बीते मंगलवार की कैबिनेट की बैठक में 175 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं.
डीजल अनुदान की राशि किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के तहत भेजी जायेगी़ कृषि विभाग के अधिकारी बताते हैं कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद धान की रोपनी निर्धारित लक्ष्य को भी पार कर लिया है़ इस बार खरीफ मौसम में करीब 43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की गयी है़
अधिकारियों की रिपोर्ट मिलने के बाद हम सरकार को हालात से अवगत करायेंगे़ प्रधान सचिव के स्तर पर गुरुवार को सभी जिला कृषि अधिकारियों के संग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये स्थिति की समीक्षा की गयी. विभाग जिलों से लगातार संपर्क बनाये हुए है़
—सुधीर कुमार, प्रधान सचिव

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