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पंचायतों को आर्थिक रूप से संपन्न करने की तैयारी, मिलेगा सालाना 10 लाख से अधिक टैक्स वसूलने का अधिकार

शशिभूषण कुंवरपटना :पंचायती राज विभाग ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से संपन्न करने की तैयारी कर रहा है. ग्राम पंचायतों को उनके क्षेत्राधिकार के तहत 12 प्रकार के टैक्स वसूलने का अधिकार देगा. इससे हर पंचायत को करीब 10 लाख से अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी. इस राशि को स्वतंत्र रूप से वह अपने ग्राम […]

शशिभूषण कुंवर
पटना :पंचायती राज विभाग ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से संपन्न करने की तैयारी कर रहा है. ग्राम पंचायतों को उनके क्षेत्राधिकार के तहत 12 प्रकार के टैक्स वसूलने का अधिकार देगा. इससे हर पंचायत को करीब 10 लाख से अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी. इस राशि को स्वतंत्र रूप से वह अपने ग्राम पंचायत के विकास पर खर्च कर सकती है. अन्य राज्यों में पंचायतें टैक्स के रूप में 50-60 लाख तक सालाना टैक्स की वसूली करती है.

पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य की 8386 ग्राम पंचायतों को टैक्स वसूलने का वित्तीय अधिकार देने की तैयारी कर रहा है. पंचायती राज अधिनियम में इसका प्रावधान किया गया है, पर नियमावली के अभाव में पंचायतें टैक्स की वसूली नहीं कर रही थीं. विभाग इसकी नियमावली बनाने की तैयारी में जुटा है.

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पंचायतें पूजा स्थलों, तीर्थ स्थलों या मेलों में स्वच्छता व्यवस्था करने के लिए टैक्स ले सकती हैं. इसमें शािमल होने वाले 12 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों से प्रतिदिन के अनुसार मामूली टैक्स वसूलने का अधिकार पंचायत को दिया जा सकता है. इसी तरह से बिना स्टॉल का व्यापार करने वाले व्यापारी या विक्रेता से प्रति विक्रेता हर दिन के अनुसार से एक-दो रुपये टैक्स वसूला जा सकता है. स्टाॅल लगाने वाले व्यापारियों से थोड़ी अधिक राशि वसूलने का प्रावधान किया जायेगा.

ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से संपन्न करने की तैयारी
इसी तरह से पानी की आपूर्ति के लिए हर घर से महीने में 30 रुपये वसूलने का प्रावधान किया गया है. इसी तरह से गहरे ट्यूबेल या उथले ट्यूबेल या मिनी ट्यूबेल से सिंचाई करने पर 200-250 रुपये टैक्स वसूलने का अधिकार ग्राम पंचायतों को मिल सकता है. पंचायतों को यह भी अधिकार मिल सकता है कि पंचायत की सीमा में कोई पेशा करने या व्यवसाय करने वाले को 25 हजार रुपये से अधिक आय होने पर सालाना 30-40 रुपये का टैक्स लिया जा सकता है.

होल्डिंगटैक्सलेने का भी मिलेगा अधिकार
कुटाई, पिसाई मिल, आरा मिल, हैंडलूम व पावर लूम, आइसक्रीम फैक्ट्री, मत्स्यपालन या मुर्गीपालन, मवेशीपालन के पंजीकरण पर 200-300 रुपये प्रति वर्ष निबंधन शुल्क लगेगा.
मोबाइल टावर
प्रति वर्ष सात से आठ हजार रुपये पंचायतों को देने होंगे टैक्स
इसी तरह से वीडियो हॉल, सिनेमा हॉल के पंजीकरण पर शुल्क, साइबर कैफे या जेरॉक्स केंद्रों के पंजीकरण पर 100-200 रुपये तक पंचायत टैक्स वसूल कर सकती है. पंचायतों को अब सैरात, धर्मशाला, रेस्ट हाउस, पार्किंग स्थल पर निजी होर्डिंग लगाने पर भी टैक्स वसूलने का अधिकार मिलेगा.
इसी तरह से मोबाइल टावर के पंजीकरण शुल्क के रूप में पंचायत करीब 25 हजार और नवीकरण शुल्क के रूप में 7000-8000 रुपये प्रति वर्ष प्रति टावर वसूल सकती है.
टैक्सलेने का भी मिलेगा अधिकार
पंचायतों को होल्डिंग टैक्स वसूलने का भी अधिकार मिलेगा. इसमें अर्द्ध स्थायी व स्थायी मकान पर 10-20 पैसे सलाना टैक्स लिया जा सकता है. इसी तरह से किसी भूमि, भवन या दीवार पर होर्डिंग लगाने पर 250 रुपये से अधिक टैक्स नहीं वसूला
जायेगा. इसी तरह से पंचायत पेशा कर का भुगतान नहीं करने वाले व्यापारी के पंजीकरण पर 25-50 रुपये तक निबंधन शुल्क वसूला जा सकता है.
कुटाई, पिसाई मिल, आरा मिल, हैंडलूम व पावर लूम, आइसक्रीम फैक्ट्री, मत्स्यपालन या मुर्गीपालन, मवेशीपालन के पंजीकरण पर 200-300 रुपये प्रति वर्ष निबंधन शुल्क लगेगा.

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