पटना: मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और उसके घटक दलों के सभी दिग्गज नेताओं ने जी-तोड़ प्रचार बिहार में किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार में चुनाव प्रचार पर काफी ध्यान दिया. तभी यहां की प्रत्येक चार लोकसभा सीटों में एक सीट के औसत से उन्होंने चुनाव प्रचार किया. इस आधार पर यहां की 10 लोकसभा सीटों में जनसभाएं की हैं. प्रधानमंत्री की सभा के लिए स्थान का चयन इस बात का ध्यान रखते हुए किया गया कि एक स्थान से आसपास के दो या तीन लोकसभा क्षेत्र को कवर हो सके. इस चुनाव प्रचार का फायदा भी भाजपा को जबर्दस्त रूप से मिला. जिन 10 सीटों पर पीएम ने प्रचार किया, वे सभी सीटें एनडीए ने जीत ली हैं.
इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी जिन 13 स्थानों पर सभाएं की, वहां भी एनडीए ने सफलता हासिल की है. वहीं, दूसरी तरफ चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छह जन सभाएं और एक रोड शो किया, लेकिन उनका प्रचार पूरी तरह से बेअसर साबित हुआ. जिन-जिन सीटों पर उन्होंने प्रचार किया, वहां बड़े अंतर से यूपीए या कांग्रेस या इसके अन्य घटक दलों के उम्मीदवार चुनाव हार गये. पटना साहिब सीट पर दो दिग्गजों ने रोड शो किया था. भाजपा उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रोड शो किया था, तो कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा के पक्ष में राहुल गांधी सड़क पर उतरे थे.
परंतु राहुल गांधी के जनसंपर्क का कोई असर चुनाव में नहीं पड़ा. यहां से रविशंकर प्रसाद ने करीब दो लाख वोट से ज्यादा से जीत हासिल की.
एकजुट होकर प्रचार करने का मिला ऐतिहासिक लाभ
लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए के सभी घटक दलों भाजपा, जदयू और लोजपा ने बिहार में शुरू से ही एकजुटता के साथ प्रचार किया. बड़ी संख्या में दिग्गज नेताओं की हुई सिलसिलेबार सभाओं के अलावा समुचित तरीके से विशेष रणनीति के अंतर्गत किये गये प्रचार का पूरा फायदा एनडीए को मिला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी 10 सभाओं में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान पूरी शिद्दत से शिरकत करते हुए जानता के सामने एकजुटता का संदेश दिया. इस वजह से जहां लड़ाई ज्यादा कड़ी भी थी, वहां भी भाजपा या जदयू के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कर ली. इसमें बेगूसराय, जमुई, सासाराम, बक्सर, आरा, अररिया, समस्तीपुर, सारण समेत अन्य सीटें प्रमुख रूप से शामिल हैं.
चुनाव प्रचार के दौरान यूपीए में दिखा बिखराव
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की छह जनसभा के अलावा पटना साहिब में शत्रुघ्न सिन्हा के पक्ष में एक रोड शो भी हुआ, लेकिन इस दौरान घटक दल राजद, हम, रालोसपा, वीआइपी के कोई बड़े नेता साथ नहीं दिखे. यहां तक की राहुल गांधी की कई जनसभाओं में तेजस्वी को बोलने तक नहीं दिया गया. आधा से ज्यादा सभाओं में तो तेजस्वी यादव मौजूद ही नहीं रहे. यूपीए के शीर्ष नेताओं और सभी घटक दलों के बीच प्रचार के दौरान बड़े स्तर पर बिखराव दिखा. कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग बंटकर प्रचार किया. यही स्थिति अन्य घटक दलों के साथ भी दिखी.
इन 10 स्थानों पर हुई पीएम की सभा : जमुई, गया, वाल्मीकि नगर, अररिया, मुजफ्फरपुर, सासाराम, बक्सर, दरभंगा, भागलपुर और पालीगंज.
इन 13 स्थानों पर हुई अमित शाह की सभा : बेगूसराय, औरंगाबाद, अररिया, मुंगेर, उजियारपुर, शिवहर, मोतिहारी, बेतिया, छपरा, महाराजगंज, आरा, मसौढ़ी और पटना (पटना साहिब लोकसभा) में रोड शो.
इन स्थानों पर हुई राहुल गांधी की सभा : पूर्णिया, गया, कटिहार, सुपौल, समस्तीपुर, विक्रम और पटना साहिब (पटना में रोड शो)
जदयू
नीतीश कुमार 171 सभा
भाजपा
नरेंद्र मोदी 10 सभा
अमित शाह 14 सभा
राजनाथ सिंह 15 सभा
सुशील मोदी 132 सभा
लोजपा
रामविलास पासवान- 60 सभा
चिराग पासवान-32 सभा
70-80 सभाएं एनडीए के तीनों घटक दलों के सभी प्रमुख नेताओं की