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इंदिरा की तरह तानाशाह बन गयी हैं ममता बनर्जी

पटना : आज से 44 साल पहले 25 जून 1975 को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दी थी. लगभग डेढ़ साल के इस शासनकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय और तानाशाही मानते हुए भाजपा ने इसे आपातकाल का काला दिवस के रूप में मनाया. इस मौके पर प्रदेश कार्यालय में आयोजित […]

पटना : आज से 44 साल पहले 25 जून 1975 को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दी थी. लगभग डेढ़ साल के इस शासनकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय और तानाशाही मानते हुए भाजपा ने इसे आपातकाल का काला दिवस के रूप में मनाया. इस मौके पर प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने आपातकाल के दौरान कांग्रेस शासन की दमनकारी नीति और इंदिरा गांधी की हिटलरशाही से जुड़े संस्मरण सुनाये. उन्होंने इसे वर्तमान परिदृश्य से जोड़ते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का शासनकाल इसी तरह का है.

पश्चिम बंगाल में अभी इमर्जेंसी जैसे हालात हैं और इंदिरा गांधी की तरह ममता बनर्जी भी तानाशाह बन गयी हैं. जय श्रीराम के नारे लगाने वाले को जेल भेज दिया जाता है. 1975 में आपातकाल के दौरान पूरे देश में जिस तरह से भय और आतंक का माहौल था, उसी तरह पश्चिम बंगाल में आज राजनीतिक हिंसा के जरिये आतंक फैलाने का काम हो रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का चुनाव के दौरान दर्जनों सभाएं रोक दी गयीं.
उन्होंने कहा कि यह देश में दूसरी आजादी की लड़ाई थी. इंदिरा गांधी ने इमर्जेंसी के दौरान आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था. अखबारों पर सेंसरशिप लगा दिया गया था. जिस रात इसकी घोषणा की गयी थी, उसी समय एक लाख से ज्यादा नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था.
परंतु 19 महीने की प्रताड़ना के बाद जब आम चुनाव हुए, तो कांग्रेस आंधी में उड़ गयी. जेपी ने गैर-कांग्रेसी दलों को एकजुट कर आंदोलन का नेतृत्व किया था. उन्होंने कहा कि बिहार में जब 2005 में उनकी सरकार बनी, तो दो हजार 943 जेपी सेनानी को पेंशन मिल रही है.
इसमें 963 को 10 हजार से ज्यादा और एक हजार 754 को पांच हजार से ज्यादा पेंशन मिल रहे हैं. परंतु बड़ी संख्या ऐसे लोग इस सम्मान पेंशन को पाने से चूक गये हैं, जिनका दस्तावेज जेल में नहीं मिला है. इस दौरान कुम्हरार विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने भी आपातकाल से जुड़े संस्मरण सुनाये. इस मौके पर उपाध्यक्ष देवेश कुमार, एमएलसी प्रो. नवल किशोर यादव, अमिता भूषण राठौर, राकेश कुमार सिंह, पंकज कुमार सिंह, अशोक भट्ट समेत अन्य मौजूद थे.
वहीं, पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ द्वारा आपातकाल की बरसी पर संगोष्ठी आयोजित की गयी. कार्यक्रम में छात्रसंघ के महासचिव मणिकांत मणि ने कहा कि यह गर्व की बात है कि हम उस छात्रसंघ के वाहक हैं जिसने इस विकट परिस्थिति में भी देश एवं राज्य को नया नेतृत्व दिया था और जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में उस तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंका था. संगोष्ठी में अभिनव, प्राची, विक्की, रोशन, गौतम, प्रभात, मनीष आदि मौजूद थे.
28 साल तक कांग्रेस के सत्ता में रहने से बढ़ गया था इंदिरा गांधी का अहंकार : सुशील मोदी
पटना. डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि आजादी के बाद से लगातार 28 साल तक सत्ता में रहने के कारण कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार का अहंकार काफी बढ़ गया था. इस वजह से इंदिरा गांधी खुद को संविधान और कानून से ऊपर समझने लगी थीं. उन्होंने विरोध की आवाज को कुचलने और कुशासन पर पर्दा डालने के लिए आपातकाल लागू कर लोकतंत्र का गला दबाया था.
दुर्भाग्यवश, लालू प्रसाद ने बाद में सत्ता के लिए आपातकाल के सारे गुनाह भुलाकर कांग्रेस से हाथ मिला लिया. राबड़ी सरकार बचाने के लिए कांग्रेस के सभी 34 विधायकों को मंत्री बनाने की बेशर्मी दिखायी गयी. आपातकाल थोपने वाली कांग्रेस से गठबंधन करने वाला राजद आज किस मुंह से लोकतंत्र की दुहाई देता है.

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