पटना : दिल्ली में विपक्ष नेताओं का जुटान हुआ. जहां, तमाम बड़े नेताओं ने भविष्य की राजनीति और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए रणनीति बनायी है. इस दौरान बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सभी नेताओं से आपसी मतभेद भुला कर एक साथ एक मंच पर आने की अपील की है. लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने कांग्रेस से बिहार में महागठबंधन के लिए अपने लिए नेतृत्व करने की मांग की.
अपने संबोधन में तेजस्वी ने सबसे पहले आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की ओर से शुभकामनाएं दीं, फिर उन्होंने विपक्ष के तमाम नेताओं से साथ आने की अपील की. सोमवार को दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक में तेजस्वी ने जो कुछ कहा उससे ये साफ हो गया है कि तेजस्वी अपने लिए बड़ी भूमिका चाहते हैं. तेजस्वी की तरफ से एक प्रेस रिलीज भी जारी की गयी है. तेजस्वी ने सबसे पहले आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की ओर से शुभकामनाएं दीं. फिर उन्होंने आरजेडी की ओर से बिंदुवार अपनी बातें रखीं.
तेजस्वी के भाषण की मुख्य बातें-
– तानाशाही मिजाज ने देश में अघोषित इमरजेंसी लगा दी है. संवैधानिक संस्थाओं को मृतप्राय किया जा रहा है.
– केंद्रीय एजेंसियों का लगातार दुरुपयोग करते हुए विपक्ष के नेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. हमारे संदर्भ में सीबीआई के हवाले से जो खबर आई है, उससे हालात और भयावह लगते हैं.
– अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यकों को लगातार मुख्य धारा से बहिष्कृत करने की कार्रवाई हो रही है.
– किसानों, नौजवानों और लहूलुहान अर्थव्यवस्था के मद्देनजर हम सभी दलों को मुद्दा आधारित संघर्ष को लोगो तक फौरी तौर पर ले जाना होगा.
– सीटों का तालमेल शीघ्र किया जाये और आकलन एक-एक सीट के आधार पर हो.
– कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है अतः उनकी भूमिका भी महती है, लेकिन उन्हें हर क्षेत्र/राज्य के मजबूत दल को महत्वपूर्ण निर्णय मसलन मुद्दे, और अन्य दलों के सम्मिलित करने आदि में ड्राइविंग सीट देना चाहिए.
– हमें यह हमेशा सोचना चाहिए कि राज्य की राजनीति और वहां की सफलता राष्ट्रीय राजनीति के तेवर बदलेगी.
– सबसे महत्वपूर्ण है कि अगर हम एक साथ नहीं आये तो संविधान खत्म कर दिया जायेगा. जोर प्री पोल अलायन्स पर हो और इसके अलावा पोस्ट पोल एलायंस की संभावना रखनी चाहिए.