पटना : रंगदारी में सब्जी ने देने पर नाबालिग को जेल भेजने के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद जांच पूरी हो गयी है. पटना जोनल आईजी नैयर हसनैन खां के जांच रिपोर्ट डीजीपी को सौंप दी. जांच के बाद आईजी ने अगमकुआं और बाईपास थाने के 11 पुलिसकर्मी को किया निलंबित कर दिया है. जिसमें दो अगमकुआं और बाईपास थाना के थानेदार समेत रेड करने वाली पूरी पुलिस पार्टी जिसमें 9 पुलिसकर्मी शामिल थे, उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा अगम कुआं थाना के सारे स्टाफ को पुलिस लाइन क्लोज कर दिया गया है. जबकि, तत्कालीन एएसपी को बिना सुपर विजन के चार्जशीट दाखिल करने का दोषी ठहराते हुए अंतिम निर्णय पुलिस मुख्यालय पर छोड़ दिया गया है. वहीं, एसएसपी को तीन दिनों के अंदर सुपरविजन रिपोर्ट देने के लिये कहा गया है. दूसरी ओर, पीड़ित पंकज को रिमांड होम भेजने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
2 police inspectors&9-member raid party suspended. Departmental action taken against SDPO&he has been given show cause notice. SSP has been directed to investigate the case once again: IG (Patna zone) on minor boy sent to jail for allegedly refusing free vegetables to cops #Bihar pic.twitter.com/Xt6TSOFXCW
— ANI (@ANI) June 25, 2018
जांच रिपोर्ट में साफ हो गया कि नाबालिग पंकज को झूठे मामले में फंसा कर जेल भेजा गया. रिपोर्ट में कहा गया है पंकज को जिस बाइक लूट की घटना में शामिल होने का आरोपित बना कर जेल भेजा गया, उसमें वह शामिल नहीं था. पुलिस ने लड़के को घटनास्थल से नहीं, बल्कि उसे पुलिस घर से उठा कर ले गयी थी. यहां तक की पुलिस द्वारा कोई चोरी का मोटरसाइकिल भी बरामद नहीं किया गया था.
It has been directed to shift him from Beur jail to remand home. Medical board to be constituted to establish his actual age. Entire staff at Agamkuan Police Station sent to district lines: IG Patna on minor boy sent to jail for allegedly refusing free vegetables to cops #Bihar pic.twitter.com/vSk78kiaHb
— ANI (@ANI) June 25, 2018
गौरतलब हो कि पत्रकार नगर क्षेत्र के चित्रगुप्त नगर निवासी नाबालिग सब्जी विक्रेता पंकज महात्मा गांधी नगर में ठेले पर सब्जी बेचता था. पुलिस ने मुफ्त में सब्जी नहीं देने के कारण उसे बाइक लूटेरा गिरोह का सदस्य बनाते घर से उठा कर ले गयी थी. पीड़ित परिवार इस मामले को लेकर थाना से लेकर आलाधिकारियों तक चक्कर लगा चुका था, लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. मीडिया में खबर आने के बाद सीएम ने जांच के आदेश देते हुए दो दिनों में रिपोर्ट मांगी थी. जांच की जिम्मेदारी पटना जोनल आईजी को मिली थी.