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Thursday, March 28, 2024

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नहीं थम रहा गंगा का उफान, बचाव के हो रहे उपाय

विजय सिंह, पटना : लगातार पानी बढ़ने से बिंद टोली अब पूरी तरह से डूब चुका है. गंगा में जलस्तर बढ़ रहा है और पिछले एक सप्ताह से पानी का चढ़ाव जारी है. शुरुआती दो दिनों तक लोग बाढ़ के बावजूद बिंद टोली में रहे, लेकिन और पानी बढ़ा तो उन्हें घर छोड़कर एक्सप्रेस वे […]

विजय सिंह, पटना : लगातार पानी बढ़ने से बिंद टोली अब पूरी तरह से डूब चुका है. गंगा में जलस्तर बढ़ रहा है और पिछले एक सप्ताह से पानी का चढ़ाव जारी है. शुरुआती दो दिनों तक लोग बाढ़ के बावजूद बिंद टोली में रहे, लेकिन और पानी बढ़ा तो उन्हें घर छोड़कर एक्सप्रेस वे की अस्थायी सड़क पर आना पड़ा. बांस के सहारे त्रिपाल डालकर रात गुजार रहे हैं.अब इसके बाद पानी और बढ़ा तो प्रशासन को कलेक्ट्रेट या अन्य जगहों पर बाढ़ प्रभावित लोगों को शरण देना पड़ेगा.

बारिश बढ़ा रही मुसीबत : शनिवार को यहां एक और मुसीबत से सामना करना पड़ा. बाढ़ तो आयी ही है, ऊपर से बारिश की आफत भी आ गयी. करीब डेढ़ घंटे तक शाम को हुई बारिश में सबकुछ भिगो दिया. राशन, कपड़े, सब गिले हो गये.
यही हाल गंगा के घाटों के किनारे बसे अन्य लोगों का भी रहा. बांसघाट पर सामने बंधे पर ठहरे लोगों के जुगाड़ आशियाने को धो दिया. प्रशासन द्वारा तैनात किये गये मजिस्ट्रेट, जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी पूरे जिले की बाढ़ पर नजर बनाये हुये हैं.
पटना में सुरक्षा बांधों पर बालू की बोरियां रखवा दी गयी हैं. कलेक्ट्रेट घाट, कालीघाट, एनआइटी घाट समेत अन्य घाटों पर निजी महिला व पुरूष गार्ड की तैनाती की गयी है. यह लोग किसी को भी गहरे पानी में जाने से मना कर रहे हैं. लोगों को घाट से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं.
गंगा में जल स्तर की स्थिति
घाट डेंजर लेवल एक दिन पहले स्थिति
दीघा 50.45 50.78 50.88 (10 एमएम)
गांधी घाट 48.60 49.64 49.74 (10 एमएम)
हाथीदह 41.76 42.55 42.60 (5 एमएम)
जल स्तर मीटर में
बचाव के लिए अब गिराये जा रहे जियो बैग
पटना . राजधानी को गंगा नदी के संभावित बाढ़ से बचाने के लिए बालू भरे जियो बैग जुटाये जा रहे हैं. गंगा नदी के किनारे दीघा घाट से लेकर एनआइटी तक जितने भी कट बने है, किनरे कम से कम दो सौ बालू भरी बोरियां रख दी गयी है.
ऐसा तब हुआ जब 19 सितंबर को गंगा नदी के जलस्तर का मुआयना करने निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर कट वाले स्थलों पर पड़ी. गंगा नदी में हाल के दो चार दिनों में पानी का स्तर लगातार चढ़ता ही जा रहा है. शहर के सबसे निचले एलसीटी घाट पर खड़े जल संसाधन विभाग के अधिकारी बताते हैं, चंबल और यमुना नदी में पानी के अधिक बहाव का असर पटना में दिख रहा है.
उन्होेंने बताया कि इलाहाबाद मे प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा नदी का पानी चढ़ रहा है. शनिवार को भी दिन भर गंगा प्रोटेक्शन वाल के किनारे जगह-जगह जियो बैग गिराये गये. हालांकि, 22 अप्रैल को ही मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अधिकारियों को 15 जून तक तैयारी करने का निर्देश दिया था. जल स्तर बढ़ा, तो जियो बैग जुटाने का निर्णय लेना पड़ा.
सेल्फी की होड़
पटना के दीघाघाट में गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी साफ दिखती है. खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण इलाके के लोगों के लिए यह बड़ी घटना है. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग वहां सेल्फी लेते हुए मिले. वहां किनारे पर केवल बड़ी नाव ही दिखीं.
सभ्यता द्वार के किनारे भी जियो बैग
गंगा में बाढ़ का आलम यह है कि पानी भर जाने और जगह की कमी से बांसघाट में अब सड़क से थोड़ी ही दूरी पर शव जलाये जा रहे हैं. वहां गंगा प्रोटेक्शन वाल के समानांतर कच्चे बांध को भी एक-दो दिनों में जलमग्न होने की संभावना है. ज्ञान भवन परिसर में बने सभ्यता द्वार के पास गंगा नदी की तरफ वाले गेट को भी मजबूती देने के लिए जियो बैग लगाये गये हैं.
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