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बिहार : अब महिला सिपाहियों को उनकी क्षमता के अनुसार मिलेगा कार्य

आदेश. अलग कंपनी या प्लाटून का किया जायेगा गठन पटना : सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी महिला आरक्षण के कारण हाल के दिनों में पुलिस महकमे में सिपाही की बहाली में बड़ी संख्या में महिलाएं बहाल हुई हैं. राज्य में वर्तमान में एक महिला बटालियन गठित है. इन महिला सिपाहियों को अब छह से आठ […]

आदेश. अलग कंपनी या प्लाटून का किया जायेगा गठन
पटना : सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी महिला आरक्षण के कारण हाल के दिनों में पुलिस महकमे में सिपाही की बहाली में बड़ी संख्या में महिलाएं बहाल हुई हैं. राज्य में वर्तमान में एक महिला बटालियन गठित है.
इन महिला सिपाहियों को अब छह से आठ कंपनी और 18 से 24 प्लाटून में विभाजित करते हुए इनकी तैनाती कम संवेदनशील स्थानों या अपेक्षाकृत कम रिस्क वाले कार्यों में लगाया जायेगा. इससे संबंधित एक महत्वपूर्ण आदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी रेंज के आईजी और जिलों के एसपी को जारी किया है.
इसके अनुसार, महिला सिपाहियों की ड्यूटी कंपनी या प्लाटून में बांटते हुए गैर-नक्सल प्रभावित इलाकों में लगायी जायेगी. उन्हें उनकी क्षमता के अनुसार ही कार्य दिये जायेंगे. किसी कार्य या संवेदनशील मामलों में ड्यूटी पर उन्हें तैनात नहीं किया जायेगा. वर्तमान में महिला सिपाहियों की तैनाती अलग-अलग बीएमपी (बिहार मिलेट्री पुलिस) में कर दी गयी है. इससे उन्हें उनकी बीएमपी के अनुसार आवंटित किसी तरह की ड्यूटी में लगा दिया जाता है. इससे कई स्थानों पर समस्या भी खड़ी हो गयी है.
नवप्रशिक्षित से कम रिस्क वाले कार्य लें
इसके मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने अब महिला सिपाहियों की अलग बटालियन की तरह ही विशेष कंपनी या प्लाटून बनाकर ही उनकी ड्यूटी तैनात की जायेगी.
अभी अलग-अलग बीएमपी में नियुक्ति महिलाओं को एक साथ लाकर कंपनी या प्लाटून का गठन किया जाये और इसके बाद इनकी तैनाती चुनिंदा स्थानों पर की जाये.
उन्हें कंपनी या प्लाटून में विभाजित कर ड्यूटी आवंटित करने से किसी एक स्थान पर एक से ज्यादा संख्या में महिलाएं होंगी. शुरुआत में जो नवप्रशिक्षित महिला सिपाही हैं, उनसे कम रिस्क वाले कार्य ही मुख्य रूप से लिये जाये. जब वह फील्ड ड्यूटी में पूरी तरह से ट्रेंड हो जाये, तभी उनकी ड्यूटी किसी जोखिम वाले काम में लगाया जाये. एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल ने इस आदेश का पालन सभी जिलों को हर हाल में करने के लिए कहा है.
ड्यूटी आवंटन से जुड़ीं अहम बातें
महिला सिपाहियों को ड्यूटी आवंटित करने में कुछ बेहद महत्वपूर्ण बिन्दुओं का ध्यान रखने के लिए कहा गया है. इसमें महिला कंपनी या प्लाटून का गठन करके उन्हें गैर-नक्सल या कम संवेदनशील स्थानों या क्षेत्रों में तैनात किया जायेगा.
जिस स्थान पर उनकी तैनाती होगी, वहां आवास समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करायी जाये, ताकि उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं हो. सभी वरीय पुलिस अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि महिला कंपनियों से उनकी क्षमता के अनुसार ही कार्य लिये जाये. शुरुआत में ये कंपनियां जिस तरह का काम कर रही हैं, उसकी गहन मॉनीटरिंग की जाये. इसके आधार पर उनकी तैनाती आगे के कार्यों में की जाये.

22 मार्च से शिमला में पुलिस साइंस कांग्रेस
इस बार राष्ट्रीय पुलिस साइंस कांग्रेस 22 और 23 मार्च को शिमला में आयोजित होगा. इसमें शामिल होने के लिए राज्य पुलिस महकमे से एक एडीजी या आईजी और दूसरे डीआईजी या एसपी रैंक के अधिकारियों का दल जायेगा. हालांकि, अभी तक यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है कि ये दोनों कौन अधिकारी हैं, जो इसमें शामिल होंगे. इस बार के साइंस कांग्रेस में जिन प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी, उसमें सोशल मीडिया एंड लॉ इंफोर्समेंट, मैनेजमेंट ऑफ इंवेस्टिगेटिव केस, इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी, क्रिप्टो करेंसी एंड चैलेंजेज और मादक पदर्थों की उपज की रोकथाम के लिए प्रभावी तरीके अपनाना शामिल हैं.
राज्य पुलिस के दो सदस्यीय अधिकारियों की टीम इस कांग्रेस में जायेगी. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के एक्सपर्ट का जुटान होगा और नयी तकनीक या जानकारियों का आदान-प्रदान भी किया जायेगा. साइबर अपराध के जुड़े कई यूनिक और बेहतरीन मामलों पर चर्चा होगी और उन्हें किस तरह से हल किया गया, इसकी भी विस्तार से जानकारी दी जायेगी.

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