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नोटबंदी के बाद 60 बड़े व्यवसायियों के यहां छापेमारी, 200 करोड़ से ज्यादा ब्लैकमनी पकड़ायी

पटना : नोटबंदी (8 नवंबर, 2016) के बाद बिहार में भी 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोटों के रूप में मौजूद ब्लैकमनी को खपाने की जुगत बड़े स्तर पर की गयी है. आयकर विभाग की जांच में यह बात सामने आयी है कि नोटबंदी के बाद से अब तक 60 से ज्यादा बड़े […]

पटना : नोटबंदी (8 नवंबर, 2016) के बाद बिहार में भी 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोटों के रूप में मौजूद ब्लैकमनी को खपाने की जुगत बड़े स्तर पर की गयी है. आयकर विभाग की जांच में यह बात सामने आयी है कि नोटबंदी के बाद से अब तक 60 से ज्यादा बड़े व्यवसायियों या कारोबारियों पर कार्रवाई हो चुकी है, जिसमें 20 कार्रवाई सिर्फ राज्य के बड़े ज्वेलर्स के खिलाफ की गयी है.
इसमें 200 करोड़ से ज्यादा की ब्लैकमनी उजागर हो चुकी है. आयकर विभाग ने कई लोगों से आयकर चोरी की राशि पर 300 फीसदी जुर्माना वसूल किया है. साथ ही 48 से 50 लोगों के खिलाफ आयकर चोरी के मामले में मुकदमा भी दर्ज किया है. यह पहला मौका है, जब इतनी बड़ी संख्या में बड़े आयकर घपलेबाजों के खिलाफ मुकदमा किया गया है. फिलहाल सभी मामलों की सुनवाई आयकर बोर्ड में चल रही है और इनमें कई लोगों को सजा भी हो सकती है. इसके अलावा आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद से अब तक 311 से ज्यादा लोगों के यहां सर्वे भी किया है, जिनमें कई के पास टैक्स की गड़बड़ी पाये जाने पर इनसे जुर्माना वसूल किया गया है.
दो लाख से कम खरीदारी पर प्रूफ की अनिवार्यता नहीं होने से छोटी खरीद से ब्लैक को किया व्हाइट
दो करोड़ से ज्यादा रुपये को ब्लैक से व्हाइट करने के आरोपी 48-50 लोगों पर किया गया मुकदमा भी
ब्लैकमनी खपाने को सोना-चांदी खरीद का सहारा
आयकर की जांच में यह बात सामने आयी है कि नोटबंदी के बाद 500 और एक हजार रुपये के रूप में मौजूद बड़ी संख्या में ब्लैक मनी को खपाने के लिए सोना-चांदी का सहारा सबसे ज्यादा लिया गया है. बड़ी संख्या में पूरे राज्य में सोना-चांदी की खरीद हुई है. जिन ज्वेलरी दुकानों का सालाना टर्न-ओवर या कारोबार डेढ़ से दो करोड़ रुपये हुआ करता था. उनका अचानक टर्न-ओवर बढ़कर आठ से 10 करोड़ रुपये हो गया. इनमें कई दुकानदारों ने इसके आधार पर टैक्स भी जमा किया. जिनकी सेल लाखों में हुआ करती थी, उन्होंने एक सप्ताह में ही सात-आठ करोड़ रुपये की सेल कर ली थी. एक अनुमान के मुताबिक, इस दौरान 800 करोड़ रुपये से ज्यादा के सोना-चांदी की खरीद की गयी थी.
इसलिए बच गये गड़बड़ी करने वाले
नोटबंदी के बाद सोना-चांदी की खरीद में यह नियम लागू किया गया था कि सिर्फ दो लाख से ज्यादा की खरीद पर ही अपने नाम और पता से संबंधित कोई पुख्ता प्रूफ या पहचान पत्र दिखाना पड़ेगा. इसी नियम का फायदा उठाते हुए ज्वेलरी शॉप और गड़बड़ी करने वालों ने दो लाख से कम की दर्जनों खरीदारी फर्जी या दूसरे के नाम पर कर ली. इस तरह कई लोगों ने कुछ करोड़ तक की ब्लैक मनी को व्हाइट कर लिया. कुछ करोड़ तक की ब्लैक मनी वालों ने इस नियम का फायदा उठाते हुए पुराने नोटों को आसानी से खपा लिया.
आयकर के लाख पूछने पर भी ज्वेलरी शॉप वाले इन छोटे और कई बार किये गये खरीदारों के नाम नहीं बता पाये. हकीकत में दुकानवालों ने भी गलत नाम पता या बिना नाम पता के ही दो लाख से कम की ज्वेलरी जमकर बेची है.

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