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Friday, March 29, 2024

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मनमानी: तीन करोड़ के पुल के 11 साल में वसूले 300 करोड़, जानें कहां का है मामला

मसौढ़ी : पटना-गया (एसएच-01) मार्ग के धनरूआ स्थित कोल्हाचक दरधा नदी पर निर्मित पुल का उद्घाटन हुए 12 साल हो रहे हैं. बीच के एक वर्ष को छोड़ दिया जाये तो प्रत्येक वर्ष भारी-भरकम राशि में उक्त पुल के टोल टैक्स का टेंडर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम देता है. शुरू के वर्ष में पुल […]

मसौढ़ी : पटना-गया (एसएच-01) मार्ग के धनरूआ स्थित कोल्हाचक दरधा नदी पर निर्मित पुल का उद्घाटन हुए 12 साल हो रहे हैं. बीच के एक वर्ष को छोड़ दिया जाये तो प्रत्येक वर्ष भारी-भरकम राशि में उक्त पुल के टोल टैक्स का टेंडर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम देता है. शुरू के वर्ष में पुल निर्माण निगम ने करीब एक करोड़ से कुछ अधिक की राशि में टोल टैक्स वसूली का टेंडर दिया था. इसके बाद से न्यूनतम 10% राशि बढ़ाकर उक्त निविदा एक ही व्यक्ति को मिलता रहा, जो आज तक जारी है. सिर्फ निविदा लेने में नाम में हेराफेरी होती रही, लेकिन संचालन एक ही व्यक्ति द्वारा किया जाता रहा है.

बताया जाता है कि इस पुल का निर्माण 2005-06 में तीन करोड़ की लागत से हुआ था. इसका उद्घाटन 20 दिसंबर, 2006 को तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने किया था. इसके कुछ माह बाद से ही इस पर टोल टैक्स वसूलने का टेंडर पुल निर्माण निगम की ओर से एक व्यक्ति को दे दिया गया, जो आज तक लगातार बीच के एक वर्ष को छोड़ दें तो उसी व्यक्ति के हाथों में है. हां, इतना अवश्य किया गया कि टेंडर लेने में नाम में हेराफेरी होती रही, पर पर्दे के पीछे वही व्यक्ति है. बताया जाता है कि उक्त टेंडर एक दबंग राजनेता के रिश्तेदार के पास है. एक वर्ष इसलिए किसी ने टेंडर नहीं लिया था कि राशि बहुत अधिक थी. इसलिए उस साल कोई टोल टैक्स नहीं वसूला गया.

प्रतिदिन 5000 वाहन गुजरते हैं और 7.5 लाख की होती है वसूली
जानकारी के अनुसार अगर आंकड़े पर ध्यान दिया जाये तो इस पुल से प्रतिदिन करीब पांच हजार छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं. इस हिसाब से प्रतिदिन वाहनों से करीब साढ़े सात लाख रुपये की वसूली टोल टैक्स के रूप में की जाती है. जब एक दिन में साढ़े सात लाख रुपये की वसूली हो रही है तो एक माह में सवा दो करोड़ रुपये वसूल किये जा रहे हैं. इस तरह एक वर्ष के जब 27 करोड़ रुपये हो रहे हैं, तो इस पुल से इन 12 वर्षों में एक वर्ष को छोड़ दिया जाये तो 11 साल में 297 करोड़ की राशि टोल टैक्स के नाम पर वसूली जा चुकी है.

एक अप्रैल से टोल टैक्स हो जायेगा बंद : प्रबंध निदेशक

इस पुल पर लगने वाले टोल टैक्स के संबंध में जब पुल निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक उमेश कुमार से बात की गयी तो उनका कहना था कि टेंडर 31 मार्च मध्य रात्रि तक की है. इसके बाद स्वतः टोल टैक्स बंद हो जायेगा. उन्होंने बताया कि सरकार खासकर विभागीय मंत्री इसके प्रति गंभीर हैं. गौरतलब है कि बीते गुरुवार को इस संबंध में विभागीय मंत्री नंदकिशोर यादव ने भी बताया था कि 31 मार्च की मध्य रात्रि के बाद टोल टैक्स बंद हो जायेगा. इधर, जब प्रबंध निदेशक से पूछा गया कि लागत की कई गुना रकम की वसूली के बावजूद 12 वर्षों से अपवाद के रूप में एक वर्ष छोड़ कर आज तक वसूली टेंडर के माध्यम से बदस्तूर जारी रहने के पीछे क्या कारण रहा तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया. वहीं, पुल निर्माण काल से आज तक टोल टैक्स वसूली का टेंडर कमोबेश एक ही व्यक्ति के हाथों में रहा तो इस सवाल पर प्रबंध निदेशक का जवाब था कि इसका टेंडर जिले से होती है. संभव है कि टेंडर की रकम देखकर कोई दूसरा व्यक्ति ठेका लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाता हो. टेंडर कितना का होता है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल मैं कार्यालय से बाहर हूं. देखने के बाद ही कुछ बता सकता हूं.

डिप्टी चीफ इंजीनियर ने कहा

राज्य में ऐसे 150 पुल हैं, कितना ध्यान में रखा जायेगा : पुल निर्माण निगम के डिप्टी चीफ इंजीनियर उत्तम कुमार से जब पुल के संबंध में पूछा गया कि पुल निर्माण में कितनी लागत आयी है? टोल टैक्स के लिए टेंडर किसको व कितना में दिया गया है? क्या हर साल टेंडर दिया जाता है? क्या अब तक लागत वसूल हो पायी है कि नहीं? इन सारे सवालों पर उनका एक ही जवाब था कि सूबे में ऐसे कुल 150 पुल हैं. कितना ध्यान में रखा जायेगा. देखकर पता करने के बाद ही कुछ बता सकते हैं.

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