34.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बिहार : झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी, पैथोलॉजी जांच के नाम पर लूट

– कहीं लैब में पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं, तो कहीं दवा दुकान में संचालित हो रही है लैब – पैथोलॉजी लैब में आज तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं हुई कोई छापेमारी पटना : राजधानी में इन दिनों पैथोलॉजी जांच के नाम पर मरीजों से खुलेआम लूट हो रही है. पैथोलॉजी सेंटर में जहां मनमाना […]

– कहीं लैब में पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं, तो कहीं दवा दुकान में संचालित हो रही है लैब
– पैथोलॉजी लैब में आज तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं हुई कोई छापेमारी
पटना : राजधानी में इन दिनों पैथोलॉजी जांच के नाम पर मरीजों से खुलेआम लूट हो रही है. पैथोलॉजी सेंटर में जहां मनमाना फीस वसूला जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर इनके लैब में रेट लिस्ट भी गायब हैं. इतना ही नहीं अधिकांश ऐसे सेंटर हैं, जहां पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर भी नहीं हैं.
इन जगहों पर बिना डॉक्टर के ही अनट्रेंड कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है. इसके चलते अक्सर जांच रिपोर्ट गलत निकल रही है. इन सबका सबसे बड़ा कारण स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है. अवैध रूप से चल रहे इन अस्पतालों पर रोक नहींलग पा रही है.
कौन-कौन सी होती है जांच
आरए फैक्टर, एंटी-सीसीपी, सीआरपी, ईएसआर, यूरिक एसिड, हीमोग्लोबिन, फोलिक एसिड, विटामिन डी, लिपिड प्रोफाइल, थायराइड प्रोफाइल, लिवर प्रोफाइल
– अस्पताल के अंदर लैब, लेकिन डॉक्टर नहीं : न्यू बाईपास एरिया में संचालित हो रहे तीन दर्जन से अधिक प्राइवेट अस्पतालों के अंदर पैथोलॉजी लैब भी संचालित हो रहे हैं.
लेकिन, यहां 15 से अधिक ऐसे पैथोलॉजी लैब हैं जिनके पास न तो कोई रजिस्ट्रेशन हैं और नहीं यहां पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं. नतीजन यहां मरीजों से एक जांच दो से तीन बार करायी जाती है और मरीजों से मोटी रकम वसूलने का काम चल रहा है. यहां पैथोलॉजी जांच कर रहे कर्मचारियों के पास कोई डिग्री तक नहीं हैं. ऐसे में जांच पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है.
दवा दुकानों में भी जांच की सुविधा
– हस्ताक्षर के लिए होती है पैथोलॉजिस्ट से सेटिंग:
डॉक्टर ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए पैथोलॉजिस्ट से रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कराने की सेटिंग कर लेते हैं. इसमें डॉक्टर को मोटा मुनाफा हो जाता है. डॉक्टर अपने क्लिनिक में केवल एक टेक्नीशियन नियुक्त कर लेते हैं.
दवा दुकानों में भी होती है जांच : पैथोलॉजिकल जांच में ज्यादा मुनाफा होने के कारण न्यू बाइपास एरिया की दवा दुकानों में भी जांच की सुविधा है. दवा दुकानदार पैथोलॉजिस्ट व जांच घर से सेटिंग कर लेते हैं. उनको भी जांच में कमीशन मिल जाता है. दवा दुकानों ने तो जांच की सुविधा का पोस्टर भी अपने दुकानों के सामने लगा रखा है. इसमें कई जांच घरों का रेट लिस्ट भी है.
– कितना खर्च, कितना वसूला जा रहा: एक सीनियर पैथोलॉजिस्ट ने बताया कि क्लिनिक में जांच की सुविधा होने से ज्यादा बचत होती है. जैसे इएसआर जांच में 10 रुपये (मुनाफे के बाद) का खर्च आता है, लेकिन क्लिनिक में मरीज से 150 रुपये तक लिया जाता है. वहीं, हीमोग्लोबिन जांच में 8 से 10 रुपये का खर्च आता है, लेकिन मरीज को 100 रुपये देने पड़ते हैं. लिपिड प्रोफाइल की जांच में 100 से 150 रुपये खर्च होता है, लेकिन मरीज को इसके लिए 750 रुपये देने होते हैं.
– लैब में नहीं होती छापेमारी : शहर में संचालित हो रहे प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में स्वास्थ्य विभाग की ओर से छापेमारी नहीं होती है. यही वजह है कि नियमों को ताक पर रख कर मरीजों की जांच कर रहे हैं.
आज तक छापेमारी नहीं हुई है. सिविल सर्जन डॉ पीके झा ने कहा कि पैथोलॉजी जांच की एक रेट सामान्य होनी चाहिए. साथ ही रेट लिस्ट भी चस्पा होना जरूरी है, इस मामले को लेकर जल्द ही छापेमारी की जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें