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CM नीतीश ने वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय की रखी आधारशिला, अधिकारियों को दिये जरूरी निर्देश

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेमंगलवारको 315 करोड़ रुपये की लागत से 72 एकड़ में निर्मित होने वाली बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय वैशाली एवं स्मृति स्तूप का शिलान्यास रिमोट के माध्यम से किया. जनसभा को लेकर बने मंच पर भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने स्मृति चिन्ह एवं पुस्तक भेंटकर […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेमंगलवारको 315 करोड़ रुपये की लागत से 72 एकड़ में निर्मित होने वाली बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय वैशाली एवं स्मृति स्तूप का शिलान्यास रिमोट के माध्यम से किया. जनसभा को लेकर बने मंच पर भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने स्मृति चिन्ह एवं पुस्तक भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया. मंच के पास लगे बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय भवन के मॉडल का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया.

भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने बनने वाले संग्रहालय एवं स्तूप के विषय में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी. कार्यारंभ एवं शिलान्यास समारोह में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप पर आधारित एनिमेशन फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गयी. गौरतलब है कि कार्यारंभ एवं शिलान्यास की गयी परियोजना का काम ढाई वर्ष के अंदर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वैशाली की इस गौरवशाली धरती को मैं नमन करता हूं और आज माघ पूर्णिमा के अवसर पर आप सभी को शुभकामनायें देता हूं. उन्होंने कहा कि कला संस्कृति-युवा विभाग एवं भवन निर्माण विभाग के द्वारा बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप के शिलान्यास एवं कार्यारंभ का कार्यक्रम यहां आयोजित किया गया है, मैं इसके लिए दोनों विभाग के अधिकारियों को बधाई देता हूं. इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली एक ऐतिहासिक भूमि है, जिसने दुनिया को पहला गणतंत्र दिया. इस धरती से भगवान बुद्ध और भगवान महावीर का भी संबंध रहा है. भगवान बुद्ध के जीवन काल में बौद्ध धर्मावलंबियों का जो यहां संघ बना था, उसमें पहली बार यहीं पर महिलाओं को भी शामिल किया गया था इसलिए नारी सशक्तिकरण की भी यह भूमि रही है. उन्होंने कहा कि बिहार की सेवा का भार जब से हमें मिला, उस समय से ही हमलोगों ने न्याय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुये हर क्षेत्र में कार्य किया. इसके साथ ही बिहार के गौरवशाली इतिहास को ध्यान में रखते हुए भी अनेक काम किये गये.

सीएमनीतीश ने कहा कि भगवान बुद्ध के 2550वें महापरिनिर्वाण पर वर्ष 2007 में पटना जंक्शन के ठीक सामने बुद्ध स्मृति पार्क बनाने का निर्णय लिया गया और करीब 22 एकड़ में बुद्ध स्मृति पार्क का निर्माण हुआ, जिसका लोकार्पण परम पावन दलाई लामा के हाथों हुआ. बुद्ध स्मृति पार्क में एक स्तूप का निर्माण कराया गया, जिसका नामकरण परम पावन दलाई लामा द्वारा द्वारा करुणा स्तूप किया गया. स्तूप के साथ ही बुद्ध से संबंधित संग्रहालय का भी निर्माण कर भगवान बुद्ध की मूर्ति लगायीगयी. मूर्ति के पास बोधिवृक्ष लगाया गया और यहां योग केंद्र भी स्थापित किया गया. अगर कोई भगवान बुद्ध से संबंधित अध्ययन करना चाहे तो उसके लिए हमलोग एक संस्था भी बनाने जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का अस्थि अवशेष छह जगहों से प्राप्त हुआ, जिसमें वैशाली के मंडस्तूप से जो अस्थि अवशेष मिले, उसकी प्रामाणिकता अधिक है. इस बात की जानकारी चीनी यात्री ह्वेनसांग के किताब से मिलती है. भगवान बुद्ध का अंतिम संस्कार वैशाली में ही हुआ था और उनके अस्थि अवशेष को आठ हिस्सों में बांटा गया था, जिसमें से एक हिस्सा वैशाली के मंडस्तूप में रखा गया. वर्ष 1958-60 में हुई मंडस्तूप की खुदाई में बुद्ध का अस्थि अवशेष मिला, जिसे पटना म्यूजियम में सुरक्षित रखा गया है. मंडस्तूप आर्कियोल‚जीकल साइट के रूप में भी सुरक्षित है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2009 के दिसंबर माह में हमने प्रवास यात्रा शुरू की और उस यात्रा के क्रम में जनवरी 2010 में हम यहां आकर 4 दिनों तक ठहरे थे. यहां रहने के दौरान सभी जगहों पर जाकर हमें देखने-समझने का मौका मिला. उसके बाद बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के लिए 72 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया गया. वैशाली में जो बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के साथ स्मृति स्तूप बनेगा वह पत्थर का होगा. उन्होंने कहा कि गोयनका साहब ने लुप्तप्राय हो चुके विपष्यना योग के बारे में पूरी जानकारी लेकर महाराष्ट्र में विपश्यना केंद्र स्थापित कराया.

नीतीश कुमार ने कहा कि भगवान बुद्ध के प्रति जिनके मन में श्रद्धा है वे राजगीर, बोधगया, नालंदा जैसे उनसे जुड़े विभिन्न जगहों का दौरा कर जानकारी हासिल करते हैं. जब यहां संग्रहालय और स्मृति स्तूप बनकर तैयार हो जायेगा तब यहां घूमने के लिए बड़ी संख्या में लोग आयेंगे. अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां भी एक विपश्यना केंद्र का इंतजाम करा दीजिये ताकि लोग आएं तो कुछ दिन ठहर सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां की अभिषेक पुष्करणी सूखी पड़ी है, यह हमलोगों के लिए दुखद बात है. यहां शासन व्यवस्था चुनाव पर आधारित था, पहले जो लोग चुनाव जीतते थे उस समय शपथ ग्रहण करने के बदले इसी अभिषेक पुष्करणी में स्नान करते थे. इसके लिए हमने जल संसाधन एवं कला संस्कृति विभाग के अधिकारियों की एक टीम गठित की है, जो अभिषेक पुष्करणी के सूखने के कारणों का पता लगाकर उसमें सालों भर स्वच्छ एवं ताजा पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. अभिषेक पुष्करणी की शिल्ट की सफाई कर एक मीटर गहरा करने के साथ ही उसके चारों कोनों पर सोलर पंप लगाने का भी हमने सुझाव दिया है. इसके अलावा गंडक नदी हाजीपुर वैतरणी से एक पाइप के सहारे भी इसमें पानी लाया जायेगा ताकि निरंतर स्वच्छ पानी का इसमें प्रवाह होता रहे.

अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि यहां तक आने का जो रास्ता है उसका चौड़ीकरण करने के साथ ही एक नये रास्ते के विकल्प पर स्थानीय लोगों से मशविरा कर अंतिम निर्णय लें. उन्होंने कहा कि यहां पहुंचने के लिए फोरलेन की भी सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि बोधगया आने वाले बख्तियारपुर-ताजपुर होते हुए फोरलेन से यहां पहुंचेंगे. एक नया ब्रिज बना है, इस जगह को उससे भी लिंक किया जा रहा है कि कम से कम समय मे लोग यहां पहुंच सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां शिलान्यास के साथ जो कार्यारंभ हुआ है, उसका काम निर्धारित समय से पहले पूरा हो तो मुझे खुशी होगी. जनसभा में शामिल लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि यह शांति की धरती है और आजकल कुछ तत्व समाज में तनाव और टकराव पैदा करने की कोशिश में लगे हुए हैं, उनके बहकावे में न आकर आपसी भाईचारा, प्रेम, सौहार्द्र और सद्भाव के साथ रहने का प्रयास करें, तभी विकास कार्यों का पूरा लाभ आपको मिलेगा. हमारा एक ही लक्ष्य है कि हम अपने उस गौरवशाली अतीत की उस ऊंचाई को पुन: प्राप्त करें.

सीएमनीतीश कुमार ने नारियल फोड़कर एवं ईंट रखकर बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप का कार्यारंभ किया. कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, विधायक अवधेश सिंह, विधायक राजकुमार साह, विधायक उमेश सिंह कुशवाहा, विधायक राजकिशोर सिंह, प्रधान सचिव भवन निर्माण चंचल कुमार एवं प्रधान सचिव कला संस्कृति रवि मनुभाई परमार ने भी संबोधित किया.

इस अवसर पर पूर्व मंत्री बसावन भगत, पूर्व विधायक श्रीमती अनु शुक्ला, थाई मंदिर वैशाली के मोंक पीसी केंडा सुवी, वैशाली जिला परिषद अध्यक्ष प्रभु शाह, तिरहुत प्रमंडल आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, तिरहुत आईजी नैयर हसनैन खां, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जिलाधिकारी राजीव रौशन, पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्ति, कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा भवन निर्माण विभाग के अधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे.

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