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Friday, March 29, 2024

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बाबू वीर कुंवर सिंह के दिये गये सामाजिक समरसता के संदेशों को आत्मसात करें : नीतीश कुमार

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1857 के सिपाही विद्राेह के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह के 160वें विजयोत्सव के अवसर पर आयाेजित वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव-2018 का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया. बाबू वीर कुंवर सिंह के पैतृक गांव जगदीशपुर में बने हेलीपैड पर स्थानीय नेताआें ने गुलदस्ता एवं माला भेंट कर मुख्यमंत्री का […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1857 के सिपाही विद्राेह के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह के 160वें विजयोत्सव के अवसर पर आयाेजित वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव-2018 का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया. बाबू वीर कुंवर सिंह के पैतृक गांव जगदीशपुर में बने हेलीपैड पर स्थानीय नेताआें ने गुलदस्ता एवं माला भेंट कर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया. हेलीपैड से मुख्यमंत्री का काफिला जगदीशपुर स्थित बाबू वीर कुंवर के किले में पहुंचा, जहां स्थानीय लोगाें ने मुख्यमंत्री का फूल-मालाआें से जाेरदार स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने मशाल जलाने के बाद शाेभा यात्रा के लिए तैयार झांकी जिसमें अपने सैनिकों के साथ पालकी पर सवार बाबू वीर कुंवर सिंह का किले में आगमन के बाद पगड़ी पहनाकर तलवार भेंट किया.

किला प्रांगण में स्थापित बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री ने माल्यार्पण करने के बाद बाबू वीर कुंवर सिंह स्मृति संग्रहालय में नवनिर्मित कला दीर्घाओं का लाेकार्पण किया. नवनिर्मित कला दीर्घा में लगी पेंटिंग्स का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया. किला प्रांगण में बाबू वीर कुंवर सिंह के म्यूरल, विभिन्न मुद्राआें में टेराकाेटा से बनी कलाकृतियों काे लोकार्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने उनका अवलोकन किया.

वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव-2018 के अवसर पर जगदीशपुर प्रखंड के दुरौल गांव में आयोजित जनसभा को लेकर बने मुख्य मंच पर कला संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने गुलदस्ता और जिलाधिकारी ने स्मृति चिह्न भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया. जनसभा मंच पर लगी बाबू वीर कुंवर सिंह की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर मुख्यमंत्री ने उन्हें नमन किया. बाबू वीर कुंवर सिंहके विजयोत्सव पर आधारित कलाकारों द्वारा गीत एवं शौर्यगाथा पर आधारित एक नाटक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया

जनसभा मंच से एक साथ विभिन्न विभागों की कई योजनाओं का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया, जिसमें बाबू वीर कुंवर से जुड़े स्थलों का जीर्णोद्धार भी शामिल है. विजयोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज हमलोग बाबू वीर कुंवर सिंह जी के विजयोत्सव के अवसर पर उपस्थित हुए हैं, जिन्होंने 23 अप्रैल 1958 को विजय हासिल की थी. आज उसका 160 वर्ष पूरा हुआहै. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने पूरे बिहार में गुरु गोविंद सिंह जी महाराजके 350वें जन्मोत्सव के मौके पर प्रकाश पर्व का आयोजन किया, जिसका शुकराना समारोहके जरिये समापन हुआ.

महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रहके 100 साल पूरा होने पर शताब्दी वर्ष का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि 10 अप्रैल 1917 को महात्मा गांधी पटना आये और मुजफ्फरपुर होते हुए चंपारण गये थे. चंपारण में गांधी जी ने निलहों द्वारा स्थानीय किसानों पर किये जा रहे अत्याचार को देखा-सुना जिसने अपने आप सत्याग्रह का रूप धारण कर लिया और अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया तथा अंग्रेजों को नया कानून बनाना पड़ा.

10 अप्रैल 2017 से ही शताब्दी समारोह कार्यक्रमके तहत कई आयोजन किये गये. देश भर के गांधीवादी विचारकों, बुद्धिजीवियों को बुलाकर संगोष्ठी का आयोजन किया गया और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित भी किया गया. पंडित राजकुमार शुक्ल के गांव, भितिहरवा जैसे अन्य कई स्थान जो महात्मा गांधीके चंपारण सत्याग्रह से जुड़े हैं, उन जगहों पर कार्यक्रम कराया गया. उसी समय मेरे मन में यह बात आयी कि 1857 विद्रोह के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंहके 160वें विजयोत्सवके मौके पर तीन दिवसीय समारोह का आयोजन किया जायेगा ताकि 1857 के विद्रोह में जो बाबू वीर कुंवर सिंह की भूमिका थी, उसे लोग जान-समझ पाये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह ने लॉग मार्चके जरिये करीब 2300 किलोमीटर की यात्रा की थी. आजके हिसाब से देखा जाये तो यह दूरी दोगुनी या तिगुनी हो जाएगी क्योंकि उस समय आज की तरह सड़कें नहीं थीं. बाबू वीर कुंवर सिंह ने 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका था, उस वक्त ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था. मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना के वीर कुंवर सिंह आजादी पार्क में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा और म्यूरल लगायीगयीहै, जिसको देखकर लोग देश की आजादी की लड़ाई में बाबू वीर कुंवर सिंह के जो योगदान रहे हैं, उन्हें भलीभांति जान सकें. उनके अलावा अन्य स्वतंत्रता सेनानियोंके योगदान को भी वीर कुंवर सिंह आजादी पार्क में प्रदर्शित किया जायेगा. पुस्तकों का भी विमोचन होगा. वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव-2018के मद्देनजर तीन दिनों तक अनेक प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमोंके अलावा 25 अप्रैल को संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया है, जिसमें देश भर से लोग आमंत्रितहैं. इस संगोष्ठी में वीर कुंवर सिंह की भूमिका पर विस्तृत रूप से जानकार लोग अपनी राय रखेंगे. सभी कार्यक्रमों की रिकोर्डिंग की जायेगी, जिसके आधार पर बाबू वीर कुंवर सिंह जी की भूमिका पर नये तरीके से पुस्तकें तैयार की जायेंगी.

मुख्यमंत्रीने कहा, गांधी जी के जीवन और उनके संदेशों को कथावाचन और कहानियों के माध्यम से युवा पीढ़ी को अवगत कराया जा रहाहै. उन्होंने कहा कि 3 दिनों का यह कार्यक्रम सिर्फ सांकेतिक नहींहै बल्कि इसका मकसद लोगों को बाबू कुंवर सिंह के बारे में अवगत कराना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास समीक्षा यात्राके क्रम में हम दावा गांव गये थे, जहां जाने पर पता चला कि उज्जैन के राजा ने गया जाने के क्रम में दावा गांव में रात्रि विश्राम किया था. वे बाद में आकर जगदीशपुर में बस गये, जिनके वंशज बाबू वीर कुंवर सिंह हैं. उन्होंने कहा कि कुंवर सिंह का संदेश क्या था, जो 80 साल की उम्र में भी अंग्रेजों के सामने घुटने टेकने को तैयार नहीं थे, यह बड़ी बातहै जिसे हमें सोचने की आवश्यकताहै. समाज के हर तबके का साथ लेकर बाबू वीर कुंवर सिंह ने विजय हासिल की थी.

सीएम ने कहा, आज से 160 साल पहले उन्होंने विजय हासिल की थी, तब उनकी उम्र 80 साल थी. उनकी भूमिका अविस्मरणीयहै. वे जबरदस्त रणनीतिकार थे. सभी तबकों का साथ लेकर चलने की जो बाबू वीर कुंवर सिंह की भूमिका थी, सबलोग उनकी इस भूमिका को अच्छी प्रकार समझ ले यही हमारी इच्छाहै. उन्होंने कहा कि जगदीशपुर में जिस प्रकार से संग्रहालय विकसित किया गया है, उसी प्रकार आरा भवन को भी विकसित किया जायेगा.

जनसभा में मौजूद लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी लोग इतनी बड़ी तादाद में इतनी अधिक गर्मी के बाद भी उपस्थित हुए, यह बाबू वीर कुंवर सिंह के प्रति आपके उत्साह का प्रकटीकरणहै. इस उत्साह को कायम रखते हुए बाबू वीर कुंवर सिंह के दियेगये सामाजिक समरसताके संदेशों को आत्मसात करते हुए समाज में आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारा का माहौल हर हाल में बनाये रखियेगा.

विजयोत्सव समारोह के अंत में स्थानीय नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को फूलों की बड़ा माला पहनाकर और उन्हें शॉल भेंटकर उनका स्वागत किया. विजयोत्सव समारोह को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह, कला संस्कृति एवं युवा विभागके मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, खान एवं भूतत्व सह भोजपुर जिले के प्रभारी मंत्री विनोद कुमार सिंह, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने भी संबोधित किया.

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