बिहार पुलिस के सीजीआरसी के आंकड़ों से सामने आया सच
राजेश कुमार सिंह @पटना
बिहार पुलिस के सीजीआरसी (सेंट्रल ग्रीवांस रीड्रेसल सेल) में सबसे अधिक पुलिस से संबंधित शिकायतें मिल रही हैं. इस साल के जनवरी से लेकर 12 दिसंबर तक के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं. इस अवधि में 7652 शिकायतें आयीं, जिसमें से 2358 शिकायतें पुलिस से संबंधित थीं.पिछले साल 28 सितंबर, 2016 को बिहार पुलिस के सीजीआरसी की शुरुआत हुई थी. शुरू में मैनुअली ही काम प्रारंभ हुआ. इसके बाद इस साल (2017) फरवरी में ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की गयी. पुलिस ने शिकायत दर्ज कराने के लिए आठ प्लेटफार्म तय किये हैं. इसमें ऑनलाइन, हेल्पलाइन, फेसबुक, ट्विटर, मोबाइल एप, फैक्स, एसएमएस, व्हाट्सएप को शामिल किया गया है.
इन सभी माध्यमों से कोई भी व्यक्ति पुलिस को शिकायत दर्ज करा सकता है. आम जन के लिए यह व्यवस्था इसलिए की गयी कि कहीं भी बैठे आप शिकायत आसानी से दर्ज करा सकें. सिर्फ एक कॉल से शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस हरकत में आ जाती है.
पुलिस ही हो जाती है टारगेट
जनवरी से लेकर 12 दिसंबर तक हेल्पलाइन में 7652 शिकायतें दर्ज करायी गयीं. इसमें सबसे ज्यादा शिकायतें (2358) पुलिस के खिलाफ हैं. इसके पीछे पुलिस अधिकारियों के अलग तर्क हैं.नाम नहीं छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कहना ठीक नहीं कि सारे मामले गलत हैं. पर यह भी सच है कि पुलिस किसी न किसी पक्ष के लिए बुरी बन जाती है.
जिसके खिलाफ कार्रवाई होगी, उसकी दुश्मन पुलिस भी बनती है. इसलिए हर मामले में दूसरा पक्ष पुलिस को भी खराब मानने लगता है. ज्यादा शिकायतों की एक वजह यह भी है. करीब साढ़े ग्यारह माह के बीच पुलिस के खिलाफ आने वाली शिकायतों अलग-अलग तरह की हैं. इसको पुलिस ने करीब पांच श्रेणियों में बांटा है.
पुलिस के खिलाफ शिकायतों पर एक नजर (01 जनवरी से 12 दिसंबर 2017 के बीच)
शिकायत की श्रेणी शिकायतों की संख्या
कोई कार्रवाई नहीं की गयी 1461
शिकायतों को खारिज कर दिया गया 272
बदसलूकी 103
पक्षपातपूर्ण कार्रवाई 431
पक्ष में कार्रवाई के लिए रिश्वत की मांग 91