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बिहार कैबिनेट ने संविदा पर बहाल कर्मियों के लिए गठित कमेटी की अनुशंसाओं को मंजूरी दी

पटना : बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने संविदा पर बहाल कर्मियों के लिए गठित कमेटी की अनुशंसाओं को गुरुवार को मंजूरी प्रदान कर दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में संविदा पर नियोजित […]

पटना : बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने संविदा पर बहाल कर्मियों के लिए गठित कमेटी की अनुशंसाओं को गुरुवार को मंजूरी प्रदान कर दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में संविदा पर नियोजित कर्मियों की सेवा के संबंध में पूर्व मुख्य सचिव अशोक चौधरी की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति द्वारा राज्य सरकार को समर्पित प्रतिवेदन को मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद द्वारा आज स्वीकृति प्रदान कर दिए जाने के बाद विभागीय संकल्प निर्गत किया जायेगा.

संजयकुमार ने बताया कि पूर्व में विभिन्न विभागों द्वारा संविदा पर बहाल किए गए कर्मियों की सेवा शर्त अलग-अलग हुआ करती थी. उन्होंने बताया कि संविदा कर्मियों के अवकाश को अब एकरूपता प्रदान की गयी है. उनको अब मातृत्व अवकाश भी देने का प्रावधान किया गया है. संजय ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट में संविदा पर बहाल कर्मियों की उम्र में शिथिलीकरण का भी प्रस्ताव है ताकि जब भी नियमित नियुक्ति के लिए विज्ञापन आये तो उन्हें उम्र में छूट मिल सके. उन्होंने बताया कि किसी विभाग में बहाल संविदा कर्मियों कीआवश्यक्ता नहीं रहने की स्थिति में पूर्व में उनकी सेवा समाप्त कर दी जाती थी, पर अब निर्णय हुआ है कि किसी दूसरे विभाग में संविदा कर्मियों की आवश्यक्ता होने पर उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग में समायोजित किया जायेगा.

संजय कुमार ने बताया कि संविदा कर्मियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि का प्रावधान भी लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य बीमा अधिनियम के प्रावधानों को संविदा कर्मियों के मामले में लागू किया जायेगा. उन्होंने बताया कि उनके कार्यों का वार्षिक मूल्यांकन भी किया जायेगा ताकि एक मानक के तहत उनसे कार्य लिया जा सके. यह पूछे जाने पर कि कमेटी की अनुशंसा बेल्ट्रोन के जरिये आउटसोर्सिंग के माध्यम से डाटा एंट्री आपरेटर पर भी लागू होगी, संजय ने कहा कि कमेटी ने इस पद पर बहाल संविदा कर्मियों के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है.

उन्होंने कहा कि कमेटी ने कहा है कि विभागों द्वारा इसके बारे में विचार करके फिर से इस मामले को कमेटी का अवधि विस्तार किए जाने पर उसके समक्ष लाये. संजय ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने बिहार अवैध प्राणदंड एवं भीड़ द्वारा हत्या या हिंसा पीड़ित प्रतिकर स्कीम, 2018 को स्वीकृति प्रदान कर दी है. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मान्य सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को दिये गये निर्देश के आलोक में बिहार सरकार द्वारा बिहार अवैध प्राणदंड एवं भीड़ द्वारा हत्या या हिंसा पीड़ित प्रतिकर स्कीम-2018 को तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है. उक्त स्कीम-2018 के लागू होने के बाद अब अवैध प्राणदंड एवं भीड़ द्वारा हत्या या हिंसा के पीड़ितों को घटना की तिथि से एक माह के भीतर एक लाख रूपये की राशि अंतरिम राहत के रूप में प्रदान की जायेगी तथा इसके तहत अधिकतम तीन लाख रुपये तक के मुआवजे का प्रावधान किया गया है.

संजय ने बताया कि अभिहित फास्ट ट्रैक न्यायालय द्वारा मामले को दिन-प्रतिदिन सुनवाई कर छह माह के अंदर समाप्त किया जायेगा और प्रतिकर की पूर्ण राशि का भुगतान अंतरिम राहत की राशि को समायोजित करते हुए किया जायेगा. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने ‘पर्यावरण एवं वन विभाग” का नाम परिवर्तित करते हुए ‘‘पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्त्तन विभाग” करने तथा इस विभाग के अंतर्गत जलवायु परिवर्त्तन संभाग का सृजन कर कार्यों का आवंटन किये जाने को स्वीकृति प्रदान कर दी.

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने चिकित्सा पदाधिकारी, सहायक अभियंता एवं पशु चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया में संशोधन की स्वीकृति प्रदान कर दी है. संशोधन के संदर्भ में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के अंतर्गत इनकी नियुक्तियों में साक्षात्कार खत्म करते हुए राज्यांतर्गत अभियंत्रण/चिकित्सा महाविद्यालयों/संस्थानों से उत्तीर्ण छात्रों को राज्य सरकार के अंतर्गत नियुक्तियों में 50 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण दिया जायेगा। संजय ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने समस्तीपुर जिले में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए सरायरंजन अंचल के नरघोघी गांव में जमीन उपलब्ध हो जाने पर उसे स्वास्थ्य विभाग को निःशुल्क हस्तांतरण एवं चिकित्सा महाविद्यालय का नाम श्री राम जानकी मंदिर न्यास चिकित्सा महाविद्यालय रखे जाने को स्वीकृति दे दी.

संजय ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य में प्रस्तावित कुल 23 सरकारी डिग्री महाविद्यालयों के लिए प्रधानाचार्य के 23, सहायक प्राध्यापकों के 1162 तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के 299 अर्थात कुल 1484 पदों के सृजन को स्वीकृति प्रदान कर दी.उन्होंने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सजावार बंदियों को विशेष परिहार का लाभ देकर कारामुक्त करने की भी स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने आज कुल 42 विषयों पर विचार कर उन्हें मंजूरी प्रदान की.

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