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बिहार बजट सत्र : 17 मिनट चली विधानसभा की कार्यवाही, लालू के मुद्दे पर विपक्ष ने किया हंगामा, सदन ठप

पटना : विपक्ष के हंगामे के चलते शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही महज 17 मिनट ही चल सकी. एक अंग्रेजी अखबार में लालू प्रसाद पर बगैर सबूत सीबीआई की कार्रवाई संबंधित छपी खबर को लेकर विपक्ष ने वेल में आकर खूब हंगामा किया. इसके चलते आसन ने पहले सत्र में विधानसभा की कार्रवाई महज सात […]

पटना : विपक्ष के हंगामे के चलते शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही महज 17 मिनट ही चल सकी. एक अंग्रेजी अखबार में लालू प्रसाद पर बगैर सबूत सीबीआई की कार्रवाई संबंधित छपी खबर को लेकर विपक्ष ने वेल में आकर खूब हंगामा किया. इसके चलते आसन ने पहले सत्र में विधानसभा की कार्रवाई महज सात मिनट, जबकि दूसरे सत्र में महज दस मिनट बाद सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी.
पोर्टिको से ही शुरू हो गया हंगामा : विपक्षी सदस्यों का हंगामा सुबह में पोर्टिको से ही प्रारंभ हो गया. राजद के भाई वीरेंद्र, विजय प्रकाश सहित तमाम विपक्षी सदस्य अखबार में छपी खबर की कतरन लेकर गेट पर हंगामा करने लगे. सुबह 11 बजे कार्यवाही प्रारंभ होते ही अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आसन से अनुरोध किया कि बहुत ही अहम मसला है.
इस पर चर्चा होनी चाहिए. इतना कहते ही राजद के सारे सदस्य वेल में आ गये. इसके बाद माले सदस्यों ने भी अररिया मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान को लेकर पोस्टर दिखाते हुए वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया.
अध्यक्ष के समझाने पर भी नहीं हुए शांत : विपक्षी सदस्य वेल में आकर रिपोर्टर टेबल थपथपाने लगे. इस पर अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने तल्ख आवाज में कहा कि गलत आचरण न करें. यह मजाक करने की जगह नहीं है.
जो भी बात कहनी है, जगह पर जाकर कहें. सही समय, सही बात कही जाये. इसके लिए शून्यकाल में अलग से समय दिया जायेगा. इसके बावजूद विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे. यह देखते हुए अध्यक्ष ने दूसरे सत्र के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
महज 10 मिनट चला दूसरा सत्र : भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्षी सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे. विपक्ष लगातार नारेबाजी करते हुए नीतीश-मोदी हाय हाय, फीताशाही नहीं चलेगी आदि नारे लगा रहे थे.
इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्षी सदस्यों को समझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सरकार प्रश्नों का जवाब लेकर बैठी है. सदस्य अपनी सीट पर बैठें. सरकार हर प्रश्न का जवाब देगी. इसके बावजूद विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे. इसको देखते हुए अध्यक्ष ने कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी.
तीन मुद्दों पर तीन बार स्थगित हुई परिषद की कार्यवाही
पटना : विधान परिषद की शुक्रवार की कार्यवाही काफी हंगामेदार रही. तीन अलग-अलग मुद्दों को लेकर तीन बार जोरदार हंगामा और सत्ता पक्ष एवं विपक्षी दल के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद इसकी कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इस हंगामा के बीच सिर्फ दो अल्पसूचित प्रश्नों के ही उत्तर हो पाये. हंगामे के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी दल के बीच इतनी ज्यादा तल्खी बढ़ गयी कि दोनों ने एक-दूसरे पर आपत्तिजनक शब्दों का भी प्रयोग शुरू कर दिया, जिन्हें उप-सभापति ने कार्यवाही से हटवा दिया.कार्यवाही शुरू होने के बाद भाजपा के रजनीश कुमार ने अररिया में राजद प्रत्याशी की जीत के बाद निकाली गयी रैली में देश विरोधी नारे के मामले को उठाया. कहा कि राजद समर्थकों ने ऐसे नारे लगाये हैं.
भाजपा के प्रो नवल किशोर यादव, जदयू के मो रसूल बलियावी, केदार नाथ पांडेय समेत अन्य ने इसे देशद्रोही हरकत करार देते हुए दोषियों पर मुकदमा दायर कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की.
राजद ने कहा, अररिया मामले में पार्टी को बदनाम करने की कोशिश
राजद के सुबोध राय ने कहा कि अररिया में देश विरोधी नारे लगाने वाले राजद के नहीं बल्कि भाजपा के लोग हैं, जो राजद को बदनाम करना चाहते हैं.
जदयू के नीरज कुमार ने कहा कि सरकार ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करके दो आरोपियों की गिरफ्तारी भी कर ली है. उप-सभापति के समझाने पर सभी सदस्य अपने स्थान पर बैठ गये और प्रश्नकाल शुरू हुआ. इसके बाद राजद के संजय प्रसाद सिंह ने कार्यस्थगन प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में 25-25 हजार प्रति आवास वसूली चल रही है. इसके अस्वीकृत होने पर विपक्षी हंगामा करने लगे. सुबोध राय ने ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार को इंगित करते हुए कह दिया कि मंत्री ही वसूली करवाते हैं.
इस पर मंत्री भड़क गये और कहने लगे कि अगर मुझ पर वसूली का आरोप साबित हो गया, तो मैं संन्यास लेकर चला जाऊंगा. पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने अपने सदस्यों का बचाव करते हुए कहा कि क्या गलत बोल रहा है. इसके बाद राजद के सभी सदस्यों ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है. उन्हें झूठे मुकदमा में फंसाया गया है.
इसके बाद सभी सदस्य वेल में आ गये और जोरदार हंगामा करने लगे. भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही परिषद की कार्यवाही शुरू हुई. राजद के सदस्य फिर से वेल में पहुंच हंगामा करने लगे. उप-सभापति के समझाने का भी जब इन पर कोई असर नहीं पड़ा, तो पहली बार 14 मिनट तक कार्यवाही चलने के बाद स्थगित की गयी.
अब तीन अप्रैल तक ही चलेगा बजट सत्र
विधानसभा का बजट सत्र अब चार अप्रैल की जगह तीन अप्रैल तक ही चलेगा. शुक्रवार को विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. चार अप्रैल की विस की कार्यवाही 27 मार्च को होगी.
वित्तरहित स्कूलों को मिलेगा बकाया अनुदान
विधान परिषद में शुक्रवार को शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार वित्तरहित माध्यमिक और उच्च माध्यमिक (इंटर कॉलेज) स्कूलों को अनुदान देने के प्रति गंभीर है. 10-12 दिनों में सभी स्कूलों के खातों में पैसे चले जायेंगे. विभाग ने पैसे जारी कर दिये हैं, जो इसी वित्तीय वर्ष में स्कूलों को मिल जायेंगे. सभी वित्तरहित स्कूल और इंटर कॉलेजों के लिए शैक्षणिक सत्र 2010-11 से अब तक के लिए 337 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें 330 करोड़ रुपये तुरंत जारी कर दिये गये हैं.
वित्तरहित स्कूलों को अनुदान देने के बाद सभी विश्वविद्यालयों के लिए भी रुपये जारी कर दिये जायेंगे. इस मामले को अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से प्रो नवल किशोर यादव ने उठाया था, जिसका जवाब शिक्षा मंत्री दे रहे थे. शिक्षा मंत्री ने यह स्वीकार किया कि अनुदान जारी करने में देरी हुई है. परंतु इसकी मुख्य वजह विभागीय प्रक्रिया में इस मामले का फंसा होना है. अनुदान जारी करने से संबंधित मामले की जांच विभागीय स्तर पर चल रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है. इसके बाद अब सभी स्कूलों में पैसे ट्रांसफर कर दिये जायेंगे.
‘विपक्ष को संसदीय परंपरा पर विश्वास नहीं’
संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विपक्षी सदस्यों को संसदीय परंपरा पर विश्वास नहीं रह गया है. इसलिए सदस्य आधारहीन एवं अनर्गल सवाल उठा कर सदन को बाधित कर रहे हैं.
वे जिस किसी भी मामले पर सरकार का जवाब चाहते हैं, उसे यदि वे ससमय एवं विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के अनुरूप उठायेंगे तो सरकार अवश्य ही जवाब देगी. अल्प समय में ही विधानमंडल की कार्यवाही स्थगित होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों की बैठक में विपक्ष के सदस्यों द्वारा व्यवधान उपस्थित किया गया.
इसके कारण सदस्यों द्वारा पूछा जाने वाले अल्पसूचित एवं तारांकित प्रश्नों का जवाब सरकार द्वारा नहीं दिया जा सका. सरकार के सभी संबंधित मंत्री अपने-अपने विभागों के प्रश्नों का जवाब तैयार कर सदन में मौजूद थे. साथ ही ध्यानाकर्षण सूचनाएं, शून्यकाल की सूचना एवं गैर सरकारी संकल्प का प्रस्ताव भी प्रस्तुत नहीं किया जा सका.

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