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पटना : 10 दिनों से टापू पर 500 परिवार, राशन पर भी आफत, आज से घटेगा पानी, जल स्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर

पटना : सूबे के कई जिलों में बाढ़ की आपदा हर साल की बानगी है, लेकिन जब बात राजधानी की हो, तो मामला और भी संवेदनशील हो जाता है. जिले में भले ही बाढ़ की घोषणा नहीं की गयी है, मगर गंगा का जल स्तर बढ़ कर बीते दस दिनों से निचले इलाके को अपनी […]

पटना : सूबे के कई जिलों में बाढ़ की आपदा हर साल की बानगी है, लेकिन जब बात राजधानी की हो, तो मामला और भी संवेदनशील हो जाता है. जिले में भले ही बाढ़ की घोषणा नहीं की गयी है, मगर गंगा का जल स्तर बढ़ कर बीते दस दिनों से निचले इलाके को अपनी चपेट में ले चुका है.
इस बार मामला शहर से बिल्कुल सटे कुर्जी स्थित उस बिंद टोली का है, जिसे तीन वर्ष पहले प्रशासन ने खुद अपने स्तर से बसाया था. लेकिन अब इस पूरे इलाके में पानी भर चुका है. वहां लगभग 250 कच्चे-पक्के घरों में रहने वाले 500 से अधिक परिवार असहाय बने हुए हैं. पूरा इलाका चारों तरफ से पानी से घिर चुका है. बिल्कुल टापू जैसी स्थिति बनी हुई है, जिसे 10 दिनों से देखनेवाला कोई नहीं है.
कई लोगों के राशन खत्म, स्थिति दर्दनाक : फिलहाल वहां भी स्थिति काफी दर्दनाक बनी हुई है. लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है. पानी भरने के कारण 50 से अधिक घर गिर चुके हैं. कहीं किसी के घर की दीवार गिरी है, तो किसी का छज्जा टूटा है. घरों में पानी भरने के कारण लोगों के खाने के अनाज मसलन चावल, दाल, गेहूं खराब हो चुके हैं.
कई घरों में राशन खत्म हो गये हैं. इसके साथ ही इस क्षेत्र के बच्चे कुर्जी व दीघा के सरकारी स्कूल में जाकर पढ़ाई करते हैं, लेकिन पानी भरने के कारण बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है. वहीं कभी तबीयत खराब होती है, तो उनको शहर में भेज कर इलाज कराना काफी कठिन हो जाता है. गांव में दस से अधिक लोगों की तबीयत खराब है. वहीं पीने के पानी की भी काफी खराब स्थिति है. हैंडपंप से पीला पानी आ रहा है.
राहत के नाम पर सिर्फ चार नावें : वहीं प्रशासन इसे बाढ़ नहीं मान रहा है. डीएम कुमार रवि भी कह चुके हैं कि अभी ऐसी कोई स्थिति नहीं है कि राहत शिविरों को शुरू कर दिया जाये. प्रशासन के अनुसार संपर्क टूटने के कारण वहां के लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. इसलिए चार नावें दी गयी हैं. अभी प्रशासन की ओर से राशन या अन्य कोई राहत सामग्री नहीं दी जा रही है. प्रशासन का कहना है कि अभी भी गंगा खतरे के निशान के नीचे हैं.
क्या कहना है इनका
हम लोग आठ दिनों से अपना घर छोड़ कर इस सड़क निर्माण वाली जगह आकर रह रहे हैं. घर के चार बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है. परिवार का एक व्यक्ति भी बीमार है. बहुत परेशानी हो रही है.
-शांति देवी
अनाज पानी के कारण सड़ गया.
प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं
मिली. कोई देखने वाला नहीं है. खाने पर भी आफत
हो रही है.
-अनुरागी देवी
मेरे घर की दीवार गिर गयी है. हम लोग
खुले में रह रहे हैं. आदमी के साथ मवेशियों के खाने के लिए चारा तक नहीं है. जैसे-तैसे जिंदगी की गाड़ी चल रही है.
– सुदर्शन महतो
पटना : गांधी घाट पर आज से घटेगा पानी, जल स्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर
पटना : गांधी घाट पर आज भी गंगा नदी खतरे के निशान से 87 सेंटीमीटर ऊपर बही. हालांकि अगले दिन बुधवार से पानी कुछ उतरने की संभावना है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सोलह सेंटीमीटर की कमी आ सकती है. जबकि दीघा में गंगा 25 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. औपचारिक सूत्रों के मुताबिक बुधवार को यहां के जल स्तर में करीब दस सेंटीमीटर की कमी आ सकती है. जानकारों के मुताबिक वाणसागर से सोन के जरिये गंगा में आया पानी अब थम गया है. हालांकि कुछ दिन घटने के बाद फिर जल स्तर बढ़ने की उम्मीद है.
गंगा एक्सप्रेस वे की मिट्टी बनी राहत
वर्तमान में जो दीघा-दीदारगंज गंगा एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है. उसी को लेकर एप्रोच रोड के लिए एजेंसी ने मिट्टी काट कर बांध जैसा बना दिया है. फिलहाल उसी पर अपना बसेरा बनाकर लोग काम चला रहे हैं.

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