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Friday, March 29, 2024

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अब तक 22 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों ने जीता जनता का विश्वास

प्रमोद झा 13 क्षेत्रों का किया प्रतिनिधित्व, तीन बार से जीत रहे तस्लीमुद्दीन को सैयद शाहनवाज हुसैन ने हराया था पटना : राज्य की चालीस लोकसभा सीटों पर पहले आम चुनाव से 2014 तक 22 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को जनता से जीत का आशीर्वाद मिला. कई उम्मीदवार एक से अधिक बार चुनाव जीतने में सफल रहे. […]

प्रमोद झा
13 क्षेत्रों का किया प्रतिनिधित्व, तीन बार से जीत रहे तस्लीमुद्दीन को सैयद शाहनवाज हुसैन ने हराया था
पटना : राज्य की चालीस लोकसभा सीटों पर पहले आम चुनाव से 2014 तक 22 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को जनता से जीत का आशीर्वाद मिला. कई उम्मीदवार एक से अधिक बार चुनाव जीतने में सफल रहे. अल्पसंख्यक उम्मीदवारों ने 13 क्षेत्रों का जिसमें चंपारण पूर्व, पूर्णिया नार्थ इस्ट, गोपालगंज, सिवान, किशनगंज, पूर्णिया, बेतिया, मधुबनी, कटिहार, दरभंगा, शिवहर, भागलपुर व अररिया का प्रतिनिधित्व किया.
किशनगंज की सीट पर हुए अधिकतर चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत हुई. यहां 1999 में किशनगंज में तीन बार से जीत रहे तसलीमुद्दीन को सैयद शाहनवाज हुसैन ने हराया.
पहले लोकसभा चुनाव से मिली जीत, चंपारण पूर्व से कांग्रेस के सैयद महमूद पहुंचे थे संसद
देश की आजादी के बाद हुए 1951 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में चंपारण पूर्व से कांग्रेस के सैयद महमूद चुनाव जीते. उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी के जय गोपाल सिन्हा को हराया था. पूर्णिया नार्थ इस्ट से कांग्रेस के मो इस्लामुद्दीन ने निर्दलीय उम्मीदवार करण लाल टेहरारी को हराया. 1957 के चुनाव में गोपालगंज से कांग्रेस के सैयद महमूद व किशनगंज से मो ताहिर चुनाव जीते. तीसरे लोकसभा चुनाव में सिवान से अल्पसंख्यक उम्मीदवार कांग्रेस के मो युसूफ ने जनता दल सेकुलर के नागेंद्र नाथ पाठक काे हराया.
किशनगंज से मो ताहिर अपनी सीट बचाने में सफल रहे. चौथे लोकसभा चुनाव में सिवान से मो युसूफ सीट तो बचा लिये लेकिन किशनगंज में कांग्रेस के मो ताहिर चुनाव हार गये. पांचवें लोकसभा चुनाव में मो ताहिर किशनगंज के बदले पूर्णिया से चुनाव जीते. इमरजेंसी के बाद 1980 में हुए चुनाव चार सीटों पर इंदिरा कांग्रेस के अल्पसंख्यक उम्मीदवार जीत हासिल करने में कामयाब रहे.
इसमें सिवान से मो युसूफ, मधुबनी से शफीउल्लाह अंसारी, किशनगंज से जमीलुर रहमान व कटिहार से तारिक अनवर जीते. 1989 में दरभंगा से शकीलुर रहमान व पूर्णिया से तसलीमुद्दीन, 1991 में बेतिया से फैसुलजमा, गोपालगंज से अब्दुल गफूर,दरभंगा से अली अशरफ फातमी, किशनगंज से सैयद शहाबुद्दीन, कटिहार से मो युनूस सलीम जीते. 1996 में सिवान में मो शहाबुद्दीन सफल रहे. वे चार बार लगातार जीते. 1999 में भाजपा के सैयद शहनवाज हुसैन ने राजद के तसलीमुद्दीन को हराया. शिवहर से राजद के मो अनवारूल हक जीते. 2004 में राजद के तसलीमुद्दीन ने भाजपा के सैयद शहनवाज हुसैन को हराया.
मधुबनी में कांग्रेस के डॉ शकील अहमद सफल रहे. 2009 में भागलपुर में भाजपा के सैयद शहनावज हुसैन व किशनगंज से कांग्रेस के मो असरारूल हक कामयाब रहे. 2014 के चुनाव में अररिया से राजद के तसलीमुद्दीन, कटिहार से तारिक अनवर व किशनगंज से कांग्रेस के मो असरारूल हक को सफलता मिली.
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