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10वीं और 12वीं में सेमेस्टर सिस्टम पर स्कूल तैयार नहीं, सीबीएसइ की भी ना

अनुराग प्रधान पटना : प्रस्तावित नयी शिक्षा नीति मेें शामिल कई बिंदुओं पर निजी स्कूलों का विरोध शुरू हो गया है. नयी शिक्षा नीति के अनुसार 10वीं और 12वीं के छात्रों को एक-एक साल के कोर्स की जगह केवल छह-छह महीने के कोर्स की परीक्षा देनी होगी. लेकिन इसके लिए स्कूलों के साथ ही सीबीएसइ […]

अनुराग प्रधान
पटना : प्रस्तावित नयी शिक्षा नीति मेें शामिल कई बिंदुओं पर निजी स्कूलों का विरोध शुरू हो गया है. नयी शिक्षा नीति के अनुसार 10वीं और 12वीं के छात्रों को एक-एक साल के कोर्स की जगह केवल छह-छह महीने के कोर्स की परीक्षा देनी होगी. लेकिन इसके लिए स्कूलों के साथ ही सीबीएसइ बोर्ड भी तैयार नहीं है. बिहार के अधिकतर स्कूलाें ने 10वीं और 12वीं में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के प्रस्ताव पर निगेटिव फीडबैक दिया है.
इसरो के पूर्व प्रमुख कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तैयार नयी शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षा को लेकर तनाव और असफल छात्रों की आत्महत्या को रोकने के लिए सेमेस्टर सिस्टम के तर्ज पर बोर्ड परीक्षा साल में दो बार लेने की बात कही गयी है.
इस पर सभी राज्यों के स्कूलों के प्रिंसिपल से फीडबैक मांगा गया था. बिहार-झारखंड के रीजनल डायरेक्टर जगदीश बर्मन ने कहा कि सभी स्कूलों ने फीडबैक सीधे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज दिया है. कई बिंदुओं पर निगेटिव और पॉजीटिव बातें उभर कर सामने आयी हैं.
वहीं, एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार के राजीव सिन्हा ने कहा कि कहीं से यह संभव नहीं है. सिर्फ 10-20 स्कूलाें को देख कर यह फैसला लिया गया है, जबकि जमीनी हकीकत बाकी राज्यों के लिए अलग है.
24 विषयों को दो सेमेस्टर में पढ़ाना संभव नहीं है. इसको लेकर सभी स्कूलों को जागरूक करने को लेकर बैठकें की जा रही हैं. कुछ बिंदुओं पर सभी स्कूलों को आपत्ति है. सेमेस्टर परीक्षा छात्रों की तैयारी के आधार पर लेने का सुझाव दिया गया है. सेमेस्टर परीक्षा में 24 से अधिक विषय नहीं होंगे. साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कराये जाने के प्रस्ताव पर सीबीएसइ ने भी आपत्ति दर्ज की है. है. बोर्ड ने भी अपने फीडबैक में कहा है कि इसे लागू करना संभव नहीं हो सकेगा.
प्रस्तावित नयी शिक्षा नीति में ये भी अहम सुझाव
1 शिक्षा का अधिकार कानून का पहली के बजाय नर्सरी व 8वीं के बजाय 12वीं तक विस्तार किया जाये
2 सेमेस्टर परीक्षा छात्रों की तैयारी के आधार पर ली जाये
3 सेमेस्टर परीक्षा में 24 से अधिक विषय न हों
4 एक बार असफल या अच्छा प्रदर्शन न करने पर छात्र को दो या उससे अधिक बार मौके मिलना चाहिए
टीचिंग लर्निंग प्रोसेस खत्म कर देगा सेमेस्टर सिस्टम
सेमेस्टर सिस्टम स्टूडेंट्स को रिलीफ दे सकता है, लेकिन इससे टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस रुक जायेगा. पूरा साल प्रश्नपत्र सेट करना, एग्जाम और कॉपी जांचने में ही लग जायेगा. 24 एग्जाम लेने के लिए उसे पढ़ाना ही पड़ेगा. वैसे भी बोर्ड में फेल स्टूडेंट्स मॉड्यूरेशन में पास हो जाते हैं. बोर्ड एग्जाम जैसे चल रहा है, वैसे होना चाहिए. पढ़ाई जरूरी है.
-डॉ सीबी सिंह, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार

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