लोकसभा चुनाव का सातवां और आखिरी चरण संपन्न हो गया. अब सभी को 23 मई को परिणाम का इंतजार है कि सरकार एनडीए की बनती है या यूपीए की? वैसे तो अधिकांश न्यूज एजेंसियां अपने एग्जिट पोल से एनडीए की सरकार बनने का दावा कर रही हैं. एक ओर जहां सत्ता पक्ष एग्जिट पोल के परिणाम से खुशियां मना रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष एग्जिट पोल पर भरोसा न करने की नसीहत दे रहा है.
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राष्ट्रवाद का मुद्दा जरूरी
लोकसभा चुनाव का सातवां और आखिरी चरण संपन्न हो गया. अब सभी को 23 मई को परिणाम का इंतजार है कि सरकार एनडीए की बनती है या यूपीए की? वैसे तो अधिकांश न्यूज एजेंसियां अपने एग्जिट पोल से एनडीए की सरकार बनने का दावा कर रही हैं. एक ओर जहां सत्ता पक्ष एग्जिट पोल के […]
हालांकि यह जरूरी नहीं कि एग्जिट पोल के नतीजे सही ही हों, परंतु एक बात तो तय है कि इतनी सारी न्यूज एजेंसियों के एग्जिट पोल के एक जैसे परिणाम के गलत होने की संभावना बहुत कम है. अगर देश में एनडीए की सरकार फिर से बनती है, तो इससे साफ जाहिर हो जाता है कि लोगों ने राष्ट्रवाद के मुद्दे को प्राथमिकता दी है. वैश्विक हालत भी सामाजिक मुद्दों के बजाय राष्ट्रवाद के मुद्दे को ही प्राथमिकता देने का इशारा कर रहा है.
शुभम गुप्ता, धनबाद
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