एकता को बाधित करता जातिवाद
महाराष्ट्र के पुणे के भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200 वीं सालगिरह के दौरान उपजे तनाव ने महाराष्ट्र के कई शहरों को जातीय हिंसा में झुलसा दिया है. पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ भड़काऊ बयान देने की शिकायत की है. समाज के कुछ शरारती तत्वों के कारण […]
महाराष्ट्र के पुणे के भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200 वीं सालगिरह के दौरान उपजे तनाव ने महाराष्ट्र के कई शहरों को जातीय हिंसा में झुलसा दिया है. पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ भड़काऊ बयान देने की शिकायत की है. समाज के कुछ शरारती तत्वों के कारण देश को भारी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ा है.
बयान देने वाले बयान दे कर बाजू हो जाते हैं और बाद में शांति बनाये रखने के लिए एलान करते हैं. जातिवादी विषय पर बोलने से देश का वातावरण तुरंत गर्म हो जाता है. इसका गलत उपयोग करने वालों से समाज को सचेत रहना चाहिए. देश की एकता के लिए जरूरी है.
बलवंत पाठक, इमेल से
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