कश्मीर में रहने वाले जवानों की आतंकवादियों द्वारा किये जाने वाली हत्याओं का मामला गंभीर है. इस वर्ष कश्मीर में तीन जवानों की हत्याएं हुई हैं. घाटी में पिछले कुछ महीनों से आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेजी से चल रहा है और उसमें सेना व पुलिस को अच्छी सफलता मिल रही है. ऐसे में आतंकी अपना क्रोध जताने के लिए जवानों को ही लक्ष्य बनाकर असुरक्षित माहौल बनाने की कोशिश में जुटे नजर आ रहे हैं.
आतंकवादियों द्वारा रखी गयी इस चुनौती का सामना करने के लिए केंद्र के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर सरकार को भी अपना सौ फीसदी देना जरूरी है. जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए राजनीति को दूर रख कर विशेष कर राज्य की मुख्यमंत्री को प्रयास करना होगा. आतंकवाद से निबटने के लिए राज्य की भूमिका हमेशा अहम होती है. समझना होगा कि जवानों के दुश्मन देश के नागरिकों के दुश्मन हैं.
जयेश राणे, इमेल से