केंद्र सरकार का सकारात्मक कदम
कश्मीर के मामले में केंद्र सरकार ने यू टर्न लिया है, मगर यह एक अच्छा व सकारात्मक कदम है. लगभग सात साल के बाद एक बार फिर से बातचीत शुरू होगी. पूर्व आईबी निदेशक दिनेश्वर शर्मा को सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है कि घाटी में सभी पक्षों से, हर विषय पर वार्ता किया जाये. […]
कश्मीर के मामले में केंद्र सरकार ने यू टर्न लिया है, मगर यह एक अच्छा व सकारात्मक कदम है. लगभग सात साल के बाद एक बार फिर से बातचीत शुरू होगी. पूर्व आईबी निदेशक दिनेश्वर शर्मा को सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है कि घाटी में सभी पक्षों से, हर विषय पर वार्ता किया जाये.
पहले सरकार ये कहती रही थी कि जबतक आतंकी गतिविधियों को समाप्त नहीं किया जाता, तब तक न तो वार्ता होगी, न ही पेलेट गन चलना बंद होगा. मगर कल जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह को घोषणा करते सुना, तो लगा कि सरकार का ह्रदय परिवर्तन हो गया है. देर आये दुरुस्त आये, क्योंकि घाटी में शांति के लिए बातचीत के सिवा और कोई उपाय नहीं हो सकता. कश्मीर के लोगों का दिल जीते बगैर कश्मीर समस्या का कोई हल नहीं निकल सकता.
जंग बहादुर सिंह, इमेल से
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