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त्योहार नहीं, प्रदूषण रोकें
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदूषण की गंभीर समस्या के मद्देनजर दिल्ली में दीवाली के समय आतिशबाजी पर पाबंदी लगा दी है. बच्चे और युवा जो इस त्योहार में आतिशबाजी को लेकर उत्सुक रहते हैं, उनके लिए यह बुरी खबर है. इसे निर्णय को पर्यावरण की रक्षा के लिए सराहनीय कदम बताया जा रहा […]
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदूषण की गंभीर समस्या के मद्देनजर दिल्ली में दीवाली के समय आतिशबाजी पर पाबंदी लगा दी है. बच्चे और युवा जो इस त्योहार में आतिशबाजी को लेकर उत्सुक रहते हैं, उनके लिए यह बुरी खबर है. इसे निर्णय को पर्यावरण की रक्षा के लिए सराहनीय कदम बताया जा रहा है. लोगों से मिट्टी के दीये जलाने की अपील भी की गयी है.
वायु प्रदूषण का एकमात्र कारण आतिशबाजी नहीं है, बल्कि गाड़ियों, कारखानों से निकलनेवाले जहरीले धुएं भी हैं, जिसे भविष्य में वायु प्रदूषण का हवाला देकर बंद नहीं किया जा सकता. सरकार को विज्ञान का सही उपयोग कर प्रदूषण नियंत्रण करने की नयी प्रणाली विकसित करने की जरूरत है, न कि त्योहारों में बंदिशें लगानी चाहिए.
सोनल कुमार महतो, कोलकाता, इमेल से
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