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पाक उच्चायुक्त को इस्लामाबाद बुलाने पर विदेश मंत्राालय ने कहा-यह सामान्य प्रक्रिया, परामर्श के लिए बुलाया गया

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : पाकिस्तानी उच्चायुक्त को परामर्श के लिए बुलाया गया और यह सामान्य है. विदेश मंत्रालय ने पड़ोसी देश के अपने दूत को वापस इस्लामाबाद बुलाने के फैसले पर कहा. मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम यहां पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा उठाये गये मुद्दों को देख रहे हैं. पाकिस्तान […]

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : पाकिस्तानी उच्चायुक्त को परामर्श के लिए बुलाया गया और यह सामान्य है. विदेश मंत्रालय ने पड़ोसी देश के अपने दूत को वापस इस्लामाबाद बुलाने के फैसले पर कहा. मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम यहां पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा उठाये गये मुद्दों को देख रहे हैं.

पाकिस्तान ने गुरुवारको कहा कि नयी दिल्ली में उसके राजनयिकों, कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं के बाद उसने भारत में अपने उच्चायुक्त सोहेल मोहम्मद को परामर्श के लिए वापस बुलाया है. कुमार ने कहा, ‘पाकिस्तान उच्चायुक्त को परामर्श के लिए वापस बुलाया गया है और यह सामान्य है.’ पाकिस्तान विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तानी राजनयिकों, उनके परिवारों और कर्मचारियों को भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा धमकाया जा रहा है और भारत सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय का दावा है कि राजनयिकों के परिवारों और कर्मचारियों को हाल के हफ्तों में भारतीय एजेंसियों ने धमकाया और परेशान किया.

इससे पहले, नयी दिल्ली में अपने राजनयिक स्टाफ का लगातार ‘उत्पीड़न’ होने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान ने गुरुवारको भारत में अपने उच्चायुक्त सोहेल मोहम्मद को सलाह-मशविरे के लिए बुलाने का फैसला किया. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘नयी दिल्ली में अपने उच्चायुक्त को सलाह-मशविरे के लिए इस्लामाबाद आने को कहा गया है.’ मंगलवार को विदेश कार्यालय ने भारत के उप-उचायुक्त जेपी सिंह को नयी दिल्ली में अपने अधिकारियों और उनके परिवार के उत्पीड़न के आरोप पर तलब किया था. विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि हाल के हफ्तों में स्टाफ तथा उनका परिवार भारतीय एजेंसियों के ‘उत्पीड़न, धमकी और स्पष्ट हिंसा’ का सामना कर रहा है. फैसल ने आरोप लगाया कि जानबूझकर सताना किसी एक घटना तक सीमित नहीं है और ‘यहां भारतीय उच्चायोग में और भारतीय विदेश मंत्रालय में उच्चतर स्तर पर बार-बार औपचारिक विरोध दर्ज कराने के बावजूद यह निरंतर जारी है.’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने विदेश मंत्रालय के साथ तस्वीरें साझा की हैं और उन व्यक्तियों की पहचान की है जिन्होंने अधिकारियों को जबरन रोका और तस्वीरें लीं, लेकिन खेदजनक है कि भारत की ओर से अबतक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि इन निंदनीय घटनाओं को रोकने में भारत सरकार पूरी तरह से उदासीन और विफल है जिनमें बच्चों तक को नहीं बख्शा गया है. ये घटनाएं संकेत देती हैं कि भारत में, वहां तैनात विदेशी राजनयिकों की रक्षा करने की क्षमता में कमी है या वह ऐसा करना नहीं चाहता है.

उन्होंने कहा कि विएना कन्वेंशन के तहत पाकिस्तानी राजनयिकों और उनके परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार की है. उन्होंने दावा किया कि ताजा मामले में, भारतीय अधिकारियों ने उप उच्चायुक्त की कार को 40 मिनट तक रोके रखा और गाड़ी में सवार लोगों का उत्पीड़न किया. फैसल ने कहा, ‘पाकिस्तान भारत में अपने उच्चायोग के स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.’ उन्होंने कहा कि भारत को अपनी चुनावी राजनीति में पाकिस्तान को घसीटना नहीं चाहिए. फैसल ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में अमन चाहता है और हथियारों की दौड़ के खिलाफ है.

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