इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और विदेश में रहने वाले समर्थकों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर का मुद्दा उठाने में मदद करने को कहा है. सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कश्मीर के मुद्दे को सभी वैश्विक मंचों पर उठाने का निर्णय किया है.
जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र सरकार के फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय जगत को स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करना और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटना आंतरिक मसला है साथ ही पाकिस्तान को हकीकत स्वीकार करने की नसीहत दी है. इमरान ने पार्टी के विदेश सचिव अब्दुल्ला रिआर से बुधवार को मुलाकात की और पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्देश दिया.
इस बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा, कई देशों की ओर से मध्यस्थता की पेशकश की जा रही है, लेकिन हम तब तक आगे नहीं बढ़ सकते जबतक भारत (उन प्रस्तावों को) स्वीकार न कर ले. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में कहा था कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराना चाहेंगे और उन्होंने यह पेशकश भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर की है. बहरहाल, विदेश मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया कि मोदी ने ऐसी कोई पेशकश की. पाकिस्तानी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पाकिस्तान करतारपुर गलियारे की परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.