नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स'( एफएटीएफ )ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूहों का वित्त पोषण रोकने में विफल रहने को लेकर पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में डाला. एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा कि वह अपनी धरती से उत्पन्न आतंकवाद को लेकर वैश्विक चिंताओं के संबंध में ठोस और स्थाई कदम उठाये.
‘ग्रे’ सूची में डालने के मायने
पिछले साल जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे’ सूची में डाला था. एफएटीएफ ने उसे 27 बिंदु कार्य योजना दी थी. इस योजना की अक्तूबर 2018 में हुए पिछले पूर्ण सत्र में और दूसरी बार फरवरी में समीक्षा की गई थी. पाकिस्तान को फिर से तब ‘ग्रे’ सूची में डाल दिया गया था जब भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के बारे में नयी सूचना मुहैया करायी थी. एफएटीएफ की ‘ग्रे’ सूची में बने रहने पर पाकिस्तान की आईएमएफ, विश्व बैंक, एडीबी, यूरोपीय संघ द्वारा साख कम की जाएगी. इससे पाकिस्तान की वित्तीय समस्याएं और बढ़ेंगी.