By Prabhat Khabar | Updated Date: Feb 11 2019 7:45AM
l अरबी, अंग्रेजी के बाद हिंदी तीसरी आधिकारिक भाषा
दुबई : अबू धाबी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 'अरबी' और 'अंग्रेजी' के बाद 'हिंदी' को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कर लिया है.
वहां रह रहे भारतीय प्रवासियों की न्याय तक पहुंच बढ़ाने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है. इस फैसले की जानकारी अबू धाबी न्याय विभाग (एडीजेडी) ने दी.
विभाग के अवर सचिव युसूफ सईद अल अब्री ने कहा कि हमने श्रम मामलों में अरबी व अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को शामिल कर अदालतों के समक्ष दावों के बयान के लिए भाषा के माध्यम का विस्तार किया है. अब दावा शीट, शिकायतों व अनुरोधों के लिए हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है. न्याय प्रणाली में बहुभाषा के इस्तेमाल से लोगों में जागरूकता बढ़ने के साथ मुकदमे की प्रक्रिया में और पारदर्शिता आयेगी.
इसी कड़ी में हिंदी भाषियों को अबुधाबी न्यायिक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के जरिये रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है. यूएइ में द्विभाषी कानूनी व्यवस्था का पहला चरण नवंबर, 2018 में लॉन्च किया गया था, इसके तहत सिविल और वाणिज्यिक मामलों में यदि वादी प्रवासी हो, तो अभियोगी केस के दस्तावेजों का अंग्रेजी में अनुवाद करना होता है. इस आदेश के बाद यह सुविधा अब हिंदी में भी उपलब्ध होगी.
फैसले की दो बड़ी वजहें
यूएइ की आबादी (करीब 94 लाख)का करीब दो तिहाई हिस्सा प्रवासियों का है. इसमें 26 लाख भारतीय प्रवासी हैं, जो देश की कुल आबादी का 30 प्रतिशत है.
अबू धाबी सरकार के इस कदम का मकसद हिंदी भाषी लोगों को मुकदमे की प्रक्रिया, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सीखने में मदद करना है.
सुविधा के साथ पारदर्शिता
अब कामगारों से जुड़े मामलों में अरबी, अंग्रेजी के अलावा हिंदी में भी बयान, दावे और अपील दायर करने की सुविधा मिलेगी
इस फैसले से यूएइ में रह रहे हिंदी भाषियों को मुकदमों की प्रक्रिया समझने में मदद मिलेगी. साथ ही उन्हें यूएइ की कानूनी प्रक्रिया को लेकर भाषाई अड़चनों से मुक्ति मिलेगी.
कई भाषाओं में याचिकाओं, आरोपों और अपीलों को स्वीकार करने के पीछे हमारा मकसद भविष्य की योजना को देखते हुए सभी के लिए न्याय व्यवस्था को प्रसारित करना है. हम न्यायिक व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाना चाहते हैं.
-यूसुफ सईद अल अब्री, न्यायिक विभाग, अबूधाबी