26 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी भारतीय पेशेवरों पर तरेरी आंख, वीजा देने से किया इनकार

लंदन : अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने भी भारतीय पेशेवरों पर आंख तरेरना शुरू कर दिया है. इसी का नतीजा है कि उसने भारत के इंजीनियर, आईटी पेशेवर, डॉक्टर और शिक्षक समेत 6080 कुशल कामगारों को दिसंबर 2017 के बाद ब्रिटेन में वीजा देने से इंकार कर दिया है. ब्रिटेन की ओर से बुधवार […]

लंदन : अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने भी भारतीय पेशेवरों पर आंख तरेरना शुरू कर दिया है. इसी का नतीजा है कि उसने भारत के इंजीनियर, आईटी पेशेवर, डॉक्टर और शिक्षक समेत 6080 कुशल कामगारों को दिसंबर 2017 के बाद ब्रिटेन में वीजा देने से इंकार कर दिया है. ब्रिटेन की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों से यह साफ संकेत मिलता है कि देश में सालाना वीजा की संख्या सीमित किये जाने से सबसे ज्यादा भारतीय प्रभावित हुए हैं.

इसे भी पढ़ें: अमेरिका में वर्क वीजा के नियम कठोर होने से भारतीय पेशेवरों पर असर की आशंका, जानें कैसे

कैंपेन फोर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएएसई) को सूचना की आजादी (एफओआई) के जरिये ब्रिटेन के गृह विभाग से यह आंकड़ा मिला है. इसके जरिये ब्रिटेन की कंपनियों में यूरोपीय संघ के बाहर के कुशल पेशेवरों को लाये जाने पर सरकार की ओर से लगायी गयी वार्षिक सीमा के कारण पैदा हुई समस्या को रेखांकित किया गया है.

ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, यूरोपीय संघ के बाहर कुशल कामगारों के लिए सबसे ज्यादा (57 फीसदी) वीजा भारतीयों को दिया गया. इससे पता चलता है कि सबसे ज्यादा चोट भारतीय कुशल कामगारों को ही पहुंची है. सीएएसई की उप निदेशक नओमी वीर ने कहा कि विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी को प्रतिभाओं और सीमा पार भारत-ब्रिटेन की भागीदारी से फायदा मिला है.

उन्होंने कहा कि गृह विभाग से हमें जो आंकड़ा मिला है, उससे पता चलता है कि हमारी आव्रजन व्यवस्था वर्तमान में इस लक्ष्य को नुकसान पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से तुरंत बदलाव का अपील करते हैं, ताकि नियोक्ताओं को उनकी जरूरत के मुताबिक प्रतिभाओं तक पहुंच बन सके और दीर्घावधि में सुनिश्चित हो कि ब्रिटेन की आव्रजन व्यवस्था विज्ञान , इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की प्रतिभा के स्वागत के लक्ष्यों के लिए खुली रहे.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि यह नहीं पता है कि दिसंबर, 2017 और मार्च, 2018 के बीच टीयर दो श्रेणी के तहत वीजा देने से मना किये गये 6080 कुशल कामगारों में कितने किस देश के थे. आंकड़ों से पता चलता है कि आधे से ज्यादा (3500) इंजीनियरिंग, आईटी, प्रौद्योगिकी, शिक्षण और चिकित्सा क्षेत्र की प्रतिभाएं थीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें