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प्रज्ञा ठाकुर की पहली चुनावी सभा, रो पड़ीं जेल की व्यथा सुनाते-सुनाते; साध्वी के खिलाफ शिकायत

भोपाल/मुंबई : भोपाल संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जेल में अपनी आपबीती और व्यथा सुनाते-सुनाते बृहस्पतिवार को भावुक हो गयीं और अचानक रोने लगीं. दूसरी आेर, मालेगांव विस्फोट में अपने बेटे को खोने वाले एक पिता ने मुंबईस्थित विशेष एनआईए अदालत का रुख कर साध्वी प्रज्ञा सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने […]

भोपाल/मुंबई : भोपाल संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जेल में अपनी आपबीती और व्यथा सुनाते-सुनाते बृहस्पतिवार को भावुक हो गयीं और अचानक रोने लगीं. दूसरी आेर, मालेगांव विस्फोट में अपने बेटे को खोने वाले एक पिता ने मुंबईस्थित विशेष एनआईए अदालत का रुख कर साध्वी प्रज्ञा सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का अनुरोध किया.

भोपाल के मानस भवन में अपने चुनाव प्रचार के पहले ही दिन 48 वर्षीय प्रज्ञा ने 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में हुये धमाकों में महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर जेल में रख कर प्रताड़ित करने की व्यथा सुनायी. उन्होंने कहा, जब मुझे गैर कानूनी तरीके से लेकर गये तब 13 दिन तक रखा. पहले ही दिन बिना कुछ पूछे हुए उन्होंने मुझे बुलाया. ढेर पुलिस थी और पीटना शुरू किया. (हाथ से इशारा करते हुए) इतनी चौड़ी बेल्ट रहती है और उस बेल्ट में लकड़ी की मजबूत मूंठ लगा देते थे. यदि वह बेल्ट आपके हाथ में पड़ेगी तो हाथ सूज जायेगा. दूसरा बेल्ट झेल पाओगे तो आपके हाथ फट जाएंगे. प्रज्ञा ने कहा, ये (पुलिस) जो बेल्ट मारते थे, पूरा ‘नर्वस सिस्टम’ (तंत्रिका तंत्र) ढ़ीला पड़ जाता था, सुन्न पड़ जाता था. ये दिन-रात चलता था. इतनी गंदी-गंदी गाली देते थे कि कोई स्त्री सुन न सके.

उन्होंने कहा, मैं आपके सामने अपनी पीड़ा नहीं बता रही हूं. लेकिन, इतना बता रही हूं कि और कोई बहना कभी भी इसके बाद इस पीड़ा का सामना न कर सके. यह बातें कहते-कहते वह कई बार भावुक हुई और रोने लगी. कई बार वह अपना चश्मा उतार कर रूमाल से आंसू पोंछते भी देखी गयी. भोपाल लोकसभा सीट पर उनके खिलाफ कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सामने हैं. 12 मई को इस पर मतदान होना है.

वहीं, मालेगांव विस्फोट में अपने बेटे को खोने वाले एक पिता ने बृहस्पतिवार को मुंबईस्थित विशेष एनआईए अदालत का रुख कर साध्वी प्रज्ञा सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का अनुरोध किया. विस्फोट की इस घटना में अपने बेटे को खोने वाले निसार सईद नाम के व्यक्ति ने अदालत में यह अर्जी दी है. दरअसल, एक दिन पहले ही बुधवार को भाजपा ने प्रज्ञा को मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है. उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में यह विस्फोट सितंबर 2008 में हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गयी थी जबकि सौ से अधिक लोग घायल हो गये थे.

विशेष एनआईए मामलों के न्यायाधीश वीएस पाडलकर ने एनआईए और प्रज्ञा, दोनों से इस पर जवाब मांगा है तथा मामले को सोमवार के लिए निर्धारित कर दिया. मृतक के पिता ने अर्जी में प्रज्ञा (फिलहाल जमानत पर रिहा) को मुंबई में अदालत की कार्यवाही में शामिल होने के लिए निर्देश देने और मामले में मुकदमे के प्रगति पर रहने को लेकर उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है. अर्जी में यह भी कहा गया कि प्रज्ञा स्वास्थ्य आधार पर जमानत पर हैं. यदि वह इस भीषण गर्मी में भी चुनाव लड़ने के लिए स्वस्थ हैं, तो फिर उन्होंने अदालत को गुमराह किया है. इसमें कहा गया है कि प्रज्ञा की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली एक याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है.

उल्लेखनीय है कि मालेगांव विस्फोट मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने प्रज्ञा और अन्य को गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि वे एक हिंदू चरमपंथी संगठन का हिस्सा थे, जिसने इस विस्फोट को अंजाम दिया था. हालांकि, एनआईए ने बाद में प्रज्ञा को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन अदालत ने उन्हें आरोप मुक्त नहीं किया था. अदालत ने प्रज्ञा के खिलाफ मकोका के तहत आरोप हटा दिये, लेकिन वह अब भी गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर रही हैं.

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