36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पहलू खान मॉब लिंचिंग : सभी छह आरोपी बरी, फैसले को चुनौती देगी राज्य सरकार

जयपुर : अलवर की एक अदालत ने अप्रैल 2017 के बहुचर्चित पहलू खान भीड़ हत्या (मॉब लिंचिंग) मामले में सभी छह बालिग आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बुधवार को बरी कर दिया. अदालत का फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने कहा कि वह इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देगी. अपर […]

जयपुर : अलवर की एक अदालत ने अप्रैल 2017 के बहुचर्चित पहलू खान भीड़ हत्या (मॉब लिंचिंग) मामले में सभी छह बालिग आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बुधवार को बरी कर दिया. अदालत का फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने कहा कि वह इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देगी.

अपर लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाणा ने अलवर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय (संख्या एक) के बाहर संवाददाताओं को बताया, अदालत ने छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है. न्यायाधीश डॉ सरिता स्वामी ने सात अगस्त को दोनों पक्षों की बहस और अंतिम जिरह सुनने के बाद अपना फैसला बुधवार के लिए सुरक्षित रख लिया था. उल्लेखनीय है कि हरियाणा निवासी पहलू खान की भीड़ हत्या के इस मामले में कुल नौ आरोपियों में तीन नाबालिग हैं, जिनका मामला किशोर न्यायालय में चल रहा है. बालिग आरोपियों में विपिन यादव, रविंद्र कुमार, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार और भीम राठी शामिल थे, जिन्हें अदालत ने बुधवार को बरी कर दिया. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप ने कहा, राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पहलू खान प्रकरण में राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील की जायेगी.

बचाव पक्ष के वकील हुकुम चंद शर्मा ने अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, यह उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो इस मामले की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश कर रहे थे. पहलू खान पक्ष के वकील कासिम खान ने कहा, अदालत के फैसले की प्रति मिलने के बाद हम इसका अध्ययन करेंगे और आगे अपील करेंगे. हमें उम्मीद है कि हमें न्यााय मिलेगा. खान (55) के बेटे इरशाद ने भी कहा कि वह अदालत के इस फैसले से खुश नहीं हैं और आगे अपील करेंगे. इस बहुचर्चित घटना के समय राज्य के गृहमंत्री रहे और फिलहाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने अदालत का फैसला आने के बाद कहा, तत्कालीन भाजपा सरकार इस घटना के बाद जो कुछ कार्रवाई कर सकती थी, वह की. लेकिन, इस मामले को एक विशेष (राजनीतिक) रंग देकर देश भर में उठाया गया, मानों हम इस तरह की हत्याओं के पक्षकार हैं.

यह घटना दो साल पहले की है, जब खान एक अप्रैल 2017 को जयपुर से दो गाय खरीद कर जा रहा था तभी बहरोड़ में भीड़ ने गो तस्करी के शक में उन्हें रोक लिया. खान और उसके दो बेटों की भीड़ ने कथित तौर पर पिटाई की. इसके बाद, तीन अप्रैल को इलाज के दौरान अस्पताल में खान की मौत हो गयी. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. उल्लेखनीय है कि इस मामले में बहरोड़ पुलिस थाने में सात एफआईआर दर्ज की गयी थी, जिनमें एक प्राथमिकी खान की कथित हत्या और छह गोवंश के अवैध परिवहन से संबद्ध थी. पहलू खान की हत्या के मामले में जिन छह को आरोपी बनाया गया था, उन्हें अदालत ने बुधवार को बरी कर दिया. जबकि, बाकी छह मामलों में जांच चल रही है.

भीड़ हत्या मामले में अतरिक्त सत्र न्यायालय बहरोड़ में 25 फरवरी 2018 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था. इस मामले को बाद में अलवर की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था. वसुंधरा राजे नीत राजस्थान की तत्कालीन भाजपा सरकार को इस घटना को लेकर आलेचनाओं का सामना करना पड़ा था. हालांकि, हाल ही में राजस्थान विधानसभा ने भीड़ हत्या से निपटने के लिए एक विधेयक पारित किया है, जिसे अशोक गहलोत नीत मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पेश किया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें